श्री गुरु ग्लोबल न्यूज छत्तीसगढ़:-छत्तीसगढ़ में जैसे ही चुनाव आचार संहिता लगी,, छत्तीसगढ़ के शराब दुकानों के आसपास चकना सेंटर पर कार्रवाई होना शुरू हो गया, एक के बाद एक सभी शराब भट्टी के आसपास बने, चखना सेंटर बंद हो गए,, जिस प्रकार शासन दारू को बेचकर के अपना राजस्व कमा,रही है, आय के सोर्स शासन को मिल रहे हैं,, ठीक उसी प्रकार शराब दुकान के आसपास जो चकना बेंच रहे हैं किसी परिवार का रोजगार चल रहा है, इसे बहुत संख्या अधिक से अधिक परिवार का रोजगार खत्म हो गया है, शराब पीने वाले जो लोग हैं इधर-उधर शराब पीने लग गए हैं गंदगी और बढ़ गई है बोतल और सीसी प्लेन मसाला एवं गोल्डन गोवा का क्वार्टर, बंपर, डिस्पोजल कचरा,,इधर-उधर आसपास पड़े रहते हैं गंदगी और बढ़ रही है,, बंद करना भी एक प्रकार का सही है क्योंकि उन लोगों से बेवजह वसूली होती थी संबंधित विभाग वाले उनसे वसूली करके या उनका काम चल ही रहा था,,,। लेकिन उनका वसूली का पैसा सरकार के खाते में नहीं जा रहा था बीजेपी सरकार को न्यूज़ के माध्यम से यही कहेंगे, की, इनका सामूहिक रूप से टेंडर देकर के यह काम हो सकता है , संबंधित नगर पंचायत नगर निगम में नियम से इनको ठेका देकर के हो सकता है और सरकार को भी इससे फायदा मिलेगी और बेवजह वसूली नहीं होगी इसके लिए नियम और गाइडलाइन बनाने की जरूरत है, बेहतर पॉलिसी बनाने की जरूरत है जिसमें साफ सफाई भी रह सके स्वच्छ भारत अभियान भी हो सके,और अधिक लोगों को रोजगार मिल सके इसके लिए भी काम होना चाहिए,,।
यह अंग्रेजी का क्वार्टर मैजिक मोमेंट है लेकिन सरकार का शराब नीति पर मूवमेंट और पॉलिसी किस तरफ जाती है यही देखना है। सरकार का राजस्व कैसे बढ़े कैसे अधिक आमदनी हो सके और सुशासन की भी सरकार रहे या सबसे बड़ी चुनौती है,।