अगर ऐसा रहा तो 2024 आम चुनाव में कांग्रेस क्षेत्रीय दलों को निपटा देगी।

राजनीति विशेषज्ञ गोल्डन कुमार :-2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की तीन राज्यों में मिली करारी हार से पार्टी आत्म मंथन के दौर में भारत जोड़ो यात्रा के बाद भारत में न्याय यात्रा निकाल रही है इससे क्षेत्रीय दालों में कांग्रेस पार्टी के कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं,। भारत जोड़ो यात्रा के सांसद आने वाला लोकसभा चुनाव से पहले भारत में इंडिया गठबंधन बीजेपी विरोधी दलों का बन गया है लेकिन यह टूटटा दिखाई दे रहा है,,, इसका मुख्य कारण है कांग्रेस पार्टी जो अपना एक भी कदम पीछे हटना नहीं चाहती,, जो पार्टी का जनाधार वोट परसेंट 1952 से जीतते आ रही थी अब धीरे-धीरे खत्म हो रहा है और अपने विचारधारा से यह पार्टी भटक चुकी है,, अपना वोट बैंक चुनाव में बचाना मुश्किल हो रहा है उनके राज्यों में सरकार एक बार जीतने के बाद दूसरे बार रिपीट भी नहीं कर पाती है,,। कांग्रेस पार्टी में लगातार अंतर कलह, बढ़ती जा रही है,। और उनके घटक दलों में भी कांग्रेस के कारण अंतर कलह बढ़ती जा रही है,। कांग्रेस उत्तर प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनाव में 398 सीटों में उनकी जमानत जप्त हो चुकी है लेकिन वह पार्टी लोकसभा की 10 सीटें मांग रही है। पश्चिम बंगाल में पार्टी लोकसभा की पांच सीटें मांग रही है, ऐसा ही स्थिति महाराष्ट्र में भी है जहां कांग्रेस अपना कदम पीछे नहीं हटाना चाहती है दिल्ली एवं पंजाब में है जहां आम आदमी पार्टी की सरकार है वहां भी कांग्रेस अपनी सीटे छोड़ने को तैयार नहीं,। कांग्रेस के घटक दलों को कहना है कांग्रेस जहां अपनी मजबूत है उन्हीं राज्यों मजबूती से चुनाव लड़े जहां कांग्रेस का जनाधार नहीं है वह क्षेत्रीय दलों को अपना सहयोग प्रदान करें पर कांग्रेस यह तैयार नहीं है भारत के नॉर्थ ईस्ट से भारत जोड़ो यात्रा की तरह भारत में, भारत न्याय यात्रा निकाल रही है। जिसे क्षेत्रीय दल कांग्रेस से काफी नाराज दिखाई दे रहे हैं। वह यात्रा मुख्य तौर से उत्तर प्रदेश पश्चिम बंगाल और बिहार से गुजरेगी एवं महाराष्ट्र में जाएगी,, इंडिया गठबंधन के महाराष्ट्र के सहयोगी पार्टी शिवसेना भी से नाराज है उत्तर प्रदेश से अखिलेश यादव नाराज हैं और बंगाल से ममता बनर्जी भी नाराज हैं। और बिहार से राष्ट्रीय जनता दल के तेजस्वी यादव भी नाराज कांग्रेस से दिखाई दे रहे हैं,, इंडिया गठबंधन निर्माण करने के सूत्रधार रहे बिहार के वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी कांग्रेस के,, कार्य प्रणाली से भी कांग्रेस से काफी नाराज है उन्होंने इंडिया गठबंधन की 19, दिसंबर की हुई गठबंधन की मीटिंग में मीडिया प्रेस कॉन्फ्रेंस से बाहर हो गए। कांग्रेस पार्टी लगातार कई राज्यों में चुनाव हारने के बाद ही क्यों हर रहे हैं इसकी चिंता छोड़कर के अपनी खोई हुए जनाधार को वापस पाने के लिए फिर से संघर्ष कर रही है, लेकिन इस कारण कांग्रेस के घटक वाले क्षेत्रीय दल नाराज हैं। भारत जोड़ो यात्रा से भारत तो जुड़ा नहीं लेकिन इंडिया गठबंधन टूटता हुआ दिखाई दे रहा है

  • कांग्रेस के भारत न्याय यात्रा से नाराज होकर त्रिमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने खुद अलग चुनाव लड़ने का निर्णय ले लिया है।
  • उत्तर प्रदेश से अखिलेश यादव भी कांग्रेस से काफी नाराज दिखाई दे रहे हैं बिहार से तेजस्वी यादव राष्ट्रीय जनता दल के नेता एवं नीतीश कुमार भी कांग्रेस पर नाराज दिखाई दे रहे हैं, उनका कहना है कि कांग्रेस पार्टी नहीं चाहती कि बीजेपी जहां सीधे मुकाबले में अन्य दल है वहां खुद बीच में आना चाहती है कांग्रेस अपना एक भी कदम पीछे हटना नहीं चाहती, और यह क्षेत्रीय दल के लिए घातक है जहां बीजेपी से क्षेत्रीय दल मजबूत है वहां कांग्रेस बीच में आना चाहती है। जिन राज्यों में कांग्रेस का जन आधार नहीं है वहां कांग्रेस अपना सीटे फिर से मांगने लग गई है। और क्षेत्रीय दल कांग्रेस को वहां सीट देना नहीं चाहते,,। ऐसा ही स्थित पंजाब एवं दिल्ली में बन रहा है जहां आम आदमी पार्टी कांग्रेस को सीटे देना नहीं चाहती। इन क्षेत्रीय दलों का कहना है जहां कांग्रेस मजबूत है केवल वही चुनाव लड़े बाकी जगह अन्य दलों के लिए दिल्ली लोकसभा चुनाव रास्ता क्लियर रखें,। लेकिन कांग्रेस ने ऐसा नहीं चाह रही है।

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