श्री गुरु ग्लोबल न्यूज:-छत्तीसगढ़ में लगभग 11000 पंचायत हैं, लेकिन गिने चुने पंचायत ही आत्मनिर्भर है, जो अपनी पंचायत के खर्चे मिनिमम खर्च अपने गांव में पंचायत से ही निकल लेते हैं और बाकी पंचायत सरकार जनपद पंचायत वित्त विभाग की ओर ताकते ही रहते हैं कि पैसा मिलेगा तब विकास के कार्य करेंगे, लेकिन करने का के अंतर्गत बने हुए तालाब में मछली पालन कर उसको ठेके पर देकर के मकान टैक्स नल जल टैक्स बाजार टैक्स ले करके पंचायत को सुचारू रूप से चलाया जा सकता है पर ऐसा ध्यान नहीं दिया जाता या इन रुपयों को पंचायत के गिनी चुने पदाधिकारी पांच पदाधिकारी मिल बांट करके हजम कर जाते हैं। कई ऐसे पंचायत है जो अपना बिजली बिल भी जमा नहीं कर पाते हैं, सरकार की वित्तीय स्थिति को देखते हुए यह सब जरुरी है। छत्तीसगढ़ के फाइनेंस मिनिस्टर ओपी चौधरी हैं और उनको ध्यान देने की आवश्यकता है।
पंचायत में बहुत पैसा है पर जेब में ज्यादा जाता है।
