वन नेशन वन इलेक्शन की पॉलिसी बना चुकी है बीजेपी,?

राजनीति विशेषज्ञ गोल्डन कुमार की रिपोर्ट:-छत्तीसगढ़ राजस्थान एवं मध्य प्रदेश चुनाव को देखते हुए छत्तीसगढ़22में एवं मध्य प्रदेश 54में बीजेपी ने अपने उम्मीदवारों का नाम घोषणा कर दिया और, आम आदमी पार्टी ने छत्तीसगढ़ के 10 विधानसभा सीटों के प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया,, लेकिन अब बीजेपी जैसी पार्टी एवं अन्य पार्टी कांग्रेस का लिस्ट का उम्मीदवारों के लिस्ट और नाम का इंतजार कर रही है, लेकिन राजनीति को माने और वर्तमान स्थिति को समझें, कांग्रेस के नेताओं के बयान के अनुसार 18 सितंबर को कांग्रेस की पहली लिस्ट आ रही है, लेकिन ऐसी संभावना बिल्कुल नहीं दिखाई दे रही है, क्योंकि देश में वन नेशन वन इलेक्शन का माहौल बनाया जा रहा है,,, भारतीय जनता पार्टी का केंद्र में सरकार है केंद्र में बहुमत है अब तक उनके कई चौंकाने वाले फैसले ले चुके हैं इसमें कोई दो राय या नहीं, बीजेपी पार्लियामेंट सेशन 5 दोनों का किस लिए बुला रही है वह अभी किसी के पास पूर्ण जानकारी नहीं है, लेकिन संभावना व्यक्त किया जा रहा है होने वाले 2023 के चुनाव एवं 2024 के आम चुनाव एवं 2024 में होने वाले जितने भी चुनाव हैं सभी चुनाव को एक साथ किया जा सकता है, ऐसा करने में भाजपा अपना फायदा भी देख रही है, एक साथ चुनाव कराने में भारतीय जनता पार्टी अपना राजनीतिक लाभ देख रही है, केंद्र के नजर के हिसाब से बीजेपी को फायदा मिलने का उम्मीद लग रहा है अगर एक साथ चुनाव जनवरी फरवरी 2024 में होते हैं तो, क्योंकि केंद्र सरकार की रणनीति बिल्कुल ऐसा ही दिखाई दे रही है, मनोवैज्ञानिक ढंग से देखें तो बीजेपी के 2 महीना पहले छत्तीसगढ़ एवं मध्य प्रदेश के उम्मीदवारों के लिस्ट क्यों जारी कर दिए, जबकि केंद्र में उनके पास सकता है चुनाव आयोग से पूरी जानकारी ले सकती थी, अगर वन नेशन वन इलेक्शन की बात सही है तो भाजपा अपने उम्मीदवारों के नाम पहले क्यों खोल रही है, अब तक राजनीतिक इतिहास में ऐसा बीजेपी में नहीं किया था अब क्यों कर रही है यह सवाल उठ रहा है? दूसरा पक्ष है यह है विपक्ष गठबंधनों का तोड़ने का बड़ा फायदा वन नेशन वन इलेक्शन से हो सकता है क्योंकि आम आदमी पार्टी एवं कांग्रेस यहां तैयारी कर रही है वन नेशन वन इलेक्शन करके इंडिया गठबंधन को तोड़ने की भी भारतीय जनता पार्टी की कूटनीति इसी मुद्दे पर चल रही है, 2024 में होने वाले चुनाव महाराष्ट्र एवं हरियाणा भी लोकसभा के साथ हो सकते हैं एवं आंध्र प्रदेश की भी चुनाव संभावना है, चुनाव जनवरी-फरवरी महीने में करने की भी संदेश आ रहे हैं क्योंकि जनवरी और फरवरी में ना गर्मी होती है ना ठंडी होती है अच्छे वोट परसेंट मिलने की संभावना है,, पूरे देश के चुनाव एक साथ करने में भाजपा अपना फायदा देख रही है, फिलहाल बीजेपी के खिलाफ माहौल सभी राज्यों में है उसको, केंद्र में चुनाव एक साथ होने से फायदा दिखाई दे रहा है, तब तक भाजपा अपनी चुनावी तैयारी भी कर लेगी ऐसी संभावना है, अगर राज्यों में बीजेपी की हार होती है तो केंद्र में बीजेपी के खिलाफ माहौल और बिगड़ जाएगा इसको ध्यान में रखते हुए भारतीय जनता पार्टी यह रणनीति अपना सकती है,

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