30 जुलाई को छुरा ब्लॉक के विभिन्न गांव के आम आदमी पार्टी के नेताओं ने लगभग 120 की संख्या मे आम आदमी पार्टी किया ।ब्लॉक अध्यक्ष चमन यादव ने , दिल्ली मॉडल के बारे मे बताया ,कैसे हमारी सरकार ,शिक्षा ,स्वास्थ्य, बिजली,पानी, जैसे मुलभुत सुविधा उपलब्ध कराया जा रहा है। जिलाध्यक्ष महिला विंग राम बाई दीवान , सर्कल प्रभारी मोहन सिन्हा ,आत्मा राम ठाकुर, सुकलाल ठाकुर की उपस्थिति रहीभगत निषाद मुढ़ीपानी, मोतीलाल निषाद मुढ़ीपानी,सरोज ध्रुव छुरा,मोहित कुमार रुवाढ, चन्दन देवांगन सेम्हारा,श्याम ध्रुव कोसामबुड़ा,झालेश साहु सेहरापानी,छत्रपति साहु सेहरापानी, भारत सिन्हा राजपुर,रणवीर राजपूत पाट्सिवनी, सिलन ठाकुर रुवाढ,देशरण बघेल जामली,लखन पटेल खरखरा,लुमन पटेल खरखरा,जीवन ध्रुव रक्सी, लोमेश मरकाम छुरा,यशवंत रक्सा, गोदावरी नेताम कनसिंघी, इशा मरकाम छुरा, चंद्रशेखर मोंगरा, दुर्गेश ध्रुव छुरा,इंदु निषाद अकलवारा,हेमलता निशाद राजनकट्टा, पूनम निषाद छुरा वर्षा निषाद, टुकेश्वरी निषाद, पिला बाई रुवाढ, कुसुमलता नागेश रुवाढ, भुनेश्वर कोशमी, कौसिल्या बंजारे खैरझीटी, अंजू निषाद, हेमलता साहु, अंकित बघेल, अर्जुन मरकाम, गायत्री सिन्हा राजपुर, हरक यादव, सुबेलाल दीवान कोशमी,!

यह है आम आदमी पार्टी के ब्लॉक के अध्यक्ष चमन यादव इन्होंने गुरु ग्लोबल न्यूज़ को बताया लगातार जहां जा रहे हैं अच्छा फीडबैक मिल रहा है, आम आदमी पार्टी के विजन के बारे में पहले से ही मालूम है बस जाकर लोगों के बीच जोड़ने का काम हो रहा है, लोग ऐसे प्रतीत हो रहा है कि आम आदमी पार्टी का खुद इंतजार कर रहे हैं कब आएंगे हमारे पास कब मिलेंगे! अधिकतर लोग शिक्षा एवं स्वास्थ्य व्यवस्था पर आम आदमी पार्टी के किए हुए काम को तारीफ कर रहे हैं एवं आम आदमी को मुफ्त में मिलने वाली चीजें भी आकर्षित करती है और दिल्ली और पंजाब जैसे राज्यों में सरकार आने के बाद अच्छा माहौल लोगों के बीच जा रहा है। सुमन यादव ने बताया अगर आम आदमी पार्टी की सरकार बनती है तो आम जनता को भ्रष्टाचार से छुटकारा मिलेगा सरकारी दफ्तरों में लगने वाले अलग से पैसे देने नहीं पड़ेंगे लोकतंत्र में अधिकारी कर्मचारी राज समाप्त होगा आम आदमी पार्टी का आम आदमी का महत्व बढ़ेगा।

पूरे देश में सवाल उठ रहा है कि आम आदमी कौन है? उत्तर यही है आम आदमी वही है जिसका बच्चा सरकारी स्कूल में पढ़ रहा है और सरकारी अस्पताल में इलाज करवाने की क्षमता है, सरकारी परिवहन बस में बैठकर के यात्रा करता है, जो किसान वर्ग है मजदूर वर्ग है जो प्राइवेट नौकरी में काम करता है, कम आमदनी में अपना गुजर-बसर करता है,।

वह आम आदमी बिल्कुल नहीं है जो अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल में भेजता है, सरकारी अस्पताल में इलाज नहीं कर पाता क्योंकि शर्म लगता है, कई लोग मजबूरी में जाते हैं क्योंकि शिक्षा और स्वास्थ्य का पूरे देश में हालत खराब है, 1992 आर्थिक उदारीकरण के बाद कई दुष्परिणाम भी सामने आए हैं,, अमीर और अमीर हो रहे हैं और गरीब वैसा ही है बस जीवन चल रहा है विकास नहीं हो रहा है,। लोगों का जेब का पैसा बचेगा तभी विकास होगा।