मजदूरों के सम्मान 1 मई मजदूर दिवस के दिन,छत्तीसगढ़ प्रशासन स्तर के बड़े से बड़े अधिकारी एवं मंत्री गण बोरे बासी खाए हैं। सौम्या चौरसिया की पिछले वर्ष का फोटो है। दुर्ग जिले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के विधानसभा क्षेत्र में एसडीएम रह चुकी है। फिलहाल प्रवर्तन निदेशालय के शिकंजे में है। अपनी जमानत के लिए प्रयास कर रही हैं। आचार संहिता लगने में बस कुछ ही महीने शेष है। चुनाव जब नजदीक आता है तो ब्यूरोक्रेसी हावी होने लगते हैं। पढ़े-लिखे नौकरशाह, मनोवैज्ञानिक ढंग से देखें तो उनका पॉलीटिशियन के नियंत्रण से बाहर होने लगते हैं। विपक्ष पहले भी आरोप लगा चुकी है चुनाव आयोग बीजेपी के हिसाब से काम करती है और क्योंकि केंद्र में उनका सरकार है उनके हिसाब से काम करती है यह आरोप लगते हैं, अगर ऐसा ही है तो चुनाव आयोग आचार संहिता लगते ही बड़े स्तर पर आईएएस आईपीएस अधिकारियों का तबादला भी कर सकती है चुनावी ड्यूटी अलग-अलग क्षेत्रों में लगा सकती है ऐसे अफसर भी उनके हिसाब से जो सरकार वर्तमान शासन के करीबी है उनको अलग तरह के ड्यूटी में लगा सकते हैं। मनोवैज्ञानिक ढंग से देखें तो आचार संहिता लगते ही छत्तीसगढ़ में बड़े स्तर पर तबादले होंगे,।