कुछ साल पहले कवर्धा जिला के बाद अभी बेमेतरा में, दो समुदाय में आपसी लड़ाई संबंधी खबर आ रही है। जिसमें एक की मृत्यु हो जाने की खबर हो रही है। रामनवमी के बाद धार्मिक बवाल देश के कई राज्यों में शुरू हो गया जिसमें खासतौर पर जहां बीजेपी शासन में नहीं है वही हो रहा है। इसमें सवाल उठता है क्या कानून व्यवस्था कांग्रेस और अन्य दल संभाल नहीं सकते। कानून व्यवस्था पुलिस अधीक्षक एवं डीजीपी डायरेक्ट जनरल ऑफ पुलिस के हाथों होती है एवं गृह मंत्री के हिसाब से काम करते हैं।। क्या छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू की बात डीजीपी और एसपी नहीं सुनते। अफवाह एवं झूठी बातें सोशल मीडिया में फैलती है क्या इसको निगरानी सोशल मीडिया के माध्यम से छत्तीसगढ़ सरकार नहीं कर पाती है। और अफवाह फैलाने वाले धार्मिक मुद्दे पर एक दूसरे समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट करने वाले खाताधारक फर्जी अकाउंट वालों को चिन्हित नहीं कर पाती है? आने वाला समय में चुनाव है तो बहुसंख्यक आबादी कांग्रेस के खिलाफ हो जाएगी। यह कांग्रेस के लिए काफी नुकसान है। कांग्रेस सरकार से धार्मिक समुदाय में भाईचारा कि माहौल क्यों नहीं बना पाती हैं। क्या छत्तीसगढ़ पुलिस ऐसे मामलों को तब तक जा सकती है जो भाईचारा बिगड़ने की कोशिश का काम कैसे हुआ ?

- छत्तीसगढ़ के सबसे होनहार एवं काबिल एसपी को ऐसे मामले को जांच के लिए क्या दे देना चाहिए। सोशल मीडिया में काफी सुर्खियां बटोरते हैं। आरोपियों से पूरा सवाल पूछते हैं और कहते हैं मैं साइकोलॉजी का डॉक्टर हूं। सब चीज जान जाता हूं आखिर संप्रदायिक हिंसा क्यों होती है इसका इंक्वायरी के लिए दुर्ग एसपी डॉ अभिषेक पल्लव को ग्लोबल न्यूज़ के माध्यम से यही निवेदन है कि उनको वही ट्रांसफर कर दिया जाए और पूरा इंक्वायरी करके छत्तीसगढ़ की जनता के सामने लाए।