बिहार पुलिस के आर्थिक अपराध शाखा इकाई ने यूय्टूबर मनीष कश्यप के ऊपर, फर्जी तरीके से सच_तक फाउंडेशन बनाकर भोले भाले लोगों से पैसा वसूली। उनके बैंक खातों के सारी राशि आर्थिक अपराध शाखा बिहार पुलिस ने खातों को होल्ड कर दिया गया है एवं बिहार पुलिस के द्वारा अपने यूट्यूब चैनल में फर्जी वीडियो प्रसारित करने में आरोपी है। बिहार के श्रम मजदूरों के ऊपर तमिलनाडु के नागरिकों के द्वारा मारपीट किए जाने की खबर को अपने अपने निजी यूट्यूब चैनल फेसबुक टि्वटर में प्रसारित किया। स्वयं के द्वारा पुष्टि कर मीडिया में वीडियो और कंटेंट को पब्लिश कर दिया। जिसमें तमिलनाडु पुलिस भी उसकी तलाश में थी। मनीष कश्यप के ऊपर दंगे भड़काने एक दूसरे राज्य में हिंसा फैलाने। इसे पहले उसके ऊपर पत्रकारिता की आड़ में पैसा वसूली जबरन वसूली मारपीट एवं अलग-अलग थानों में कई मामले में चार्जशीट है और, जमानत पर है। बिहार पुलिस कोर्ट के द्वारा वारंट निकलते ही देश के अन्य राज्यों में तलाश कर रही थी। फिर कोर्ट के बाद उनके घर की कुर्की करने पहुंची। फिर तुरंत पता चलते ही मनीष कश्यप बेतिया के थाने में अपना पुलिस प्रशासन बिहार,सरेंडर किया।सरेंडर करने से पहले मनीष कश्यप के द्वारा पटना हाईकोर्ट में जमानत की याचिका लगाया गया था जिसे माननीय हाईकोर्ट ने जमानत याचिका खारिज कर दिया था। कई हिंदूवादी संगठन उसका राजनीतिक प्रेरित बता रहे हैं। बिहार में महागठबंधन की सरकार है। सोशल मीडिया के माध्यम से बिहार सरकार को 180 दिनों में गिरा देने की धमकी मनीष कश्यप के द्वारा दिया गया था। इसे यही लगता है इतनी आसानी से बिहार पुलिस नहीं छोड़ने वाली।बिहार के उपमुख्यमंत्री एवं राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव के ऊपर मनीष कश्यप, उर्फ त्रिपुरारी तिवारी,फेसबुक लाइफ में कई आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया गया है।