सरकारी अस्पताल खुद हो गया है बीमार।?

“प्रथम पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री अमितेश शुक्ला जी का हार्दिक आभार “ग्राम बकलीनिवासी गोपी राम मारकंडे मोटरसाइकिल चलाते हुए गिर गया था जिसका इलाज श्री नारायणा अस्पताल देवेंद्र नगर रायपुर में चल रहा था लाखों रुपया खर्चा के बाद भी गोपी राम मारकंडे को नहीं बचाया जा सका अंततः 6 मार्च को गोपी राम ने जीवन का जंग हार गया अस्पताल में 1.10लाख रुपए का बिल बकाया होने के कारण शव को परिजनों को नहीं दे रहे थे उनकी परिवार की आर्थिक स्थिति अत्यंत खराब होने के कारण रुपए देने में असमर्थ थे ,अपने घर एवं परिजनों से कर्ज लेकर इलाज में खर्च कर चुके थे।अस्पताल प्रबंधन द्वारा शव को बिना राशि भुगतान के परिजनों को नही दे रहे थे जिससे परिजन बहुत परेशान थे इतना बड़ा रकम कहां से व्यवस्था करें तभी उनके परिजनों ने ग्राम पंचायत बकली के सरपंच प्रतिनिधि मुन्ना कुर्रे से संपर्क कर मदद मांगा, तत्काल मुन्ना कुर्रे ने प्रथम पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री अमितेश शुक्ला जी से बात कर अस्पताल प्रबंधन द्वारा शव नहीं देने की जानकारी देने पर अमितेश शुक्ला जी ने अस्पताल प्रबंधन उसे तुरंत दूरभाष पर बात कर शव को परिजनों को देने कहा ।शुक्ला जी के द्वारा अस्पताल प्रबंधन के डॉक्टर से बात होने के तुरंत बाद बिना पैसे लिए शव को परिजनों को दिए जिससे परिजन एवं ग्रामवासी बकली अत्यंत हर्षित हुए की हमारे क्षेत्रीय विधायक प्रथम पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री अमितेश भैया हम सबके परिवार के मुख्य की तरह तुरंत संज्ञान लेकर कार्य को पूर्ण करवाते हैं पूरे परिवार जन अमितेश शुक्ला जी के इस सराहनीय कार्य से बहुत ही प्रसन्नता व्यक्त कर बहुत-बहुत आभार व्यक्त कर आजीवन उनके इस पुनीत कार्य के लिए ऋणी बहने रहने का संकल्प व्यक्त करते हैं। ऊपर के सारे कंनटेंट कॉपी किया गया है व्हाट्सएप से लिया गया है।

श्री गुरु ग्लोबल न्यूज़ की ओर से हमारी ओर से भी धन्यवाद आभार।। अब जनता की ओर से सवाल पैदा होता है।। क्या सरकारी अस्पताल बस पंजीयन करने के लिए और इलाज नहीं करने पर प्राइवेट हॉस्पिटल में स्विफ्ट करने का बस जरिया बन गया है।। सरकारी हॉस्पिटल में मरीज का प्राइवेट में ज्यादा जाने लग गया है।। सरकारी ने क्या इलाज नहीं होता है।? इसके लिए सिस्टम ही दोषी है क्योंकि सिस्टम में जो डॉक्टर रहते हैं खुद प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज करते हैं। स्वास्थ्य डिपार्टमेंट ऐसा कानून नहीं बनाया है कि आप सरकारी में रहकर निजी क्लीनिक खोलकर भी काम करें।। देश में मेडिकल साइंस की पढ़ाई और खर्चा इतना अधिक है कि डॉक्टरों को इस तरह के पैसे में भी पैसा कमाने के अलावा और कोई काम नहीं बचता है। देश में मेडिकल एजुकेशन इतना महंगा है इसलिए कुछ देश अन्य देश यूक्रेन में सस्ती मेडिकल पढ़ाई करने गए थे जो यूक्रेन रूस युद्ध के बाद वापस आए हैं। देश में सरकारी अस्पताल के साथ-साथ सरकारी स्कूलों की स्थिति अब दयनीय होती जा रही है। छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल डॉक्टर बाबा भीमराव अंबेडकर ने इलाज करवाने के लिए क्यों नहीं जा रहे हैं। उसका कारण क्या है स्वास्थ्य विभाग को जांच करना चाहिए। क्या छत्तीसगढ़ नया राज्य बनते ही स्वास्तिक ढांचा बिगड़ गया है कोई सुधार नहीं किया गया है इसमें दोषी भाजपा है 15 साल राज किया है या कांग्रेस है।

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