12 अक्टूबर से प्रवर्तन निदेशालय ईडी का टीम छत्तीसगढ़ से अलग-अलग क्षेत्र में छापेमारी कर रही है उनका यह संवैधानिक अधिकार है किसी के यहां छापेमारी करने के लिए उन्हें परमिशन की आवश्यकता नहीं होती केंद्रीय जांच एजेंसी होने के कारण। कार्यवाही जब कर सकती है जब उन्हें ईलीगल दस्तावेज मिले एवं उनकी आय का ब्यौरा,न मिले। डिजिटल न्यूज़ के माध्यम से रायगढ़ कलेक्टर रानू साहू के मायके में ईडी की टीम जांच करने आई थी। उसमें जानकारी मिला, जमीन का दस्तावेज खंगालने पहुंची थी,। कलेक्टर रानू साहू आईएएस में सर्विस करते कई साल हो गए, पति पत्नी दोनों आईएएस है उनकी आय के हिसाब से उनका सर्विस तनन्खा पेमेंट जो मिलता है उनके हिसाब से थोड़ा बहुत जमीन खरीद सकते हैं,। जमीन को सरकारी सर्कल रेट के हिसाब से ही मूल्यांकन कर सकते हैं। रानू साहू के मायका भी अपने से पहले से ही संपन्न है खेती किसानी एवं दुकानदारी करते हैं। ईडी का छापेमारी समझ से परे है कलेक्टर रानू साहू के मायके में छापेमारी, छत्तीसगढ़ में शादी एवं शादी के बाद बेटी को और कुछ हमेशा दिया जाता है उनसे,। बेटी को दान दिया जाता है,। उनके रिश्तेदार के यहां छापेमारी बिल्कुल समझ से परे है। छत्तीसगढ़ में एवं देश में जमीन का खरीदी विक्री ऑनलाइन हो गया है नकल निकालते समय ऑनलाइन दिखाई देता है, एवं विक्रेता के पास पैसा चेक एवं डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से देना होता है। जमीन का रिकॉर्ड जमीन किसके नाम है ऑनलाइन दिखाई देता है फिर भी प्रवर्तन निदेशालय क्या ढूंढ रही है यह समझ से परे है, कलेक्टर रानू साहू आईएएस है, को यह नियम मालूम नहीं होगा यह हो ही नहीं सकता है। सत्यमेंव जयते जो सत्य है उनकी हमेशा जीत होती है न्याय जरूर मिलता है।
गरियाबंद पांडुका प्रवर्तन निदेशालय अपना काम कर रही है सत्यमेंव जयते,।
