भरी बरसात में झिल्ली तानकर रहते हैं हरवंश सिंग नहीं पड़ रही प्रशासन की नजर छुरा । गरियाबंद जिले के छुरा विकासखंड ग्राम पंचायत पाटसीवनी में 50 वर्षीय हरवंश सिंग जिन्हें आज तक पक्का घर तक नसीब नहीं। शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के सामने एक झोपड़ी बनाकर रहते थे। लेकिन एक दिन झोपड़ी में भी आग लग गई । जिस कारण एक झिल्ली तान कर रह रहे है। पानी बरसात में भी एक झिल्ली के नीचे रहने को मजबूर जहा जमीनो में उन्हें सर्प व बिच्छू काटने का डर हमेशा लगा रहता है, और हमेशा जान का खतरा भी रहता है। वही रास्ते से गुजर रहे जिले के इंडियन रेड क्रॉस संरक्षक सदस्य मनोज पटेल और उनके साथी नीलकंड दीवान रुक कर उनकी स्थिति देखकर ताजूब हो गए है। और उनसे जाकर पूछें। आपका हाल बेहाल है। लेकिन प्रशासनिक मदद मिला है कि नहीं। हरवंश सिंग ने रोते हुए कहा मैं अपनी जिंदगी से बहुत ही परेशान हूं। मेरा कोई सहारा नहीं है। मेरा मदद करें। भगवान ने मुझे किस गुनाह की सजा दी। एक दिन भी काटने में काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। यह बात सुनकर समाजसेवी पटेल ने जिले के कलेक्टर आकाश छिकारा जी से पीड़ित हरवंश सिंग की मदद करने अपील किया।
जनगणना देश में 2020-21 में होना था जानबूझकर उसे केंद्र सरकार के द्वारा रोका गया, जो देश के आजादी के इतिहास में कभी नहीं रुका चाहे 1971 पाकिस्तान युद्ध क्यों ना हो, जो जरूरतमंद है उसे सरकारी योजना का लाभ कभी नहीं मिल पाता यह देखने को मिलता है क्योंकि भ्रष्टाचार भारत में हावी है, क्योंकि भारत सेटेलाइट तक पहुंच चुका है आप सेटेलाइट से देख सकते हैं भारत में कितने कच्चे मकान हैं, फिर भी सरकार सर्वे करवाती है और सर्वे झूठ रिपोर्ट बना करके जरूरतमंद को लाभ नहीं पहुंच पाए, अब इनमें दोषी कौन है? आपके पास मंगल ग्रह देखने की क्षमता है और आप पृथ्वी को नहीं देख पा रहे हैं, शासन के पास सेटेलाइट है ड्रोन कैमरा भी है, फिर भी जरूरतमंद क्यों छूट जाते हैं, 2022 तक प्रत्येक भारतीय को पक्के मकान देने का वादा हुआ था, वह योजना धरातल पर लागू नहीं हुई छत्तीसगढ़ नहीं कई राज्यों में यही स्थिति है छत्तीसगढ़ में तो राजयांश नहीं देने का आरोप केंद्र सरकार लगाती है, अगर प्रधानमंत्री आया आवास योजना जब से लागू हुई है जब बीजेपी की सरकार थी आप पाठ सिवनी में ग्राम में जाकर देख सकते हैं कितने कच्चे मकान हैं और जिनको आवास मिला है क्या वह जरूरतमंद थे या जिसके पास मकान रहते हुए फिर से सरकारी लाभ मिल गया। क्योंकि कुछ चीज असंभव नहीं यहां सब कुछ संभव है कुछ भी हो सकता है,