बीजेपी नेता एवं प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास ने सोशल मीडिया ट्विटर में बीजेपी के सह प्रभारी नितिन नवीन से सीजी पीएससी भर्ती में गड़बड़ी के मामले में सोशल मीडिया में शेयर किया गया कि जरूरी मार्गदर्शन लिया गया। इस मामले को लेकर बीजेपी का आरोप है नेता एवं अधिकारियों के बच्चे चयनित हुए। इसमें फर्जीवाड़ा किया गया है। नारको टेस्ट होना चाहिए। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सफाई देते हुए का क्या पहले नेता और अधिकारी के बच्चें चयनित नहीं हुए। आजादी के अब तक पूरा सूची देख सकते हैं। मान के चलो गड़बड़ी भी हुई है अगर इस भर्ती पर किसी भी प्रकार का कार्रवाई होता है तो जो मेहनत किए हुए अभ्यार्थी प्रभावित होंगे।

इस पर विश्लेषण करें तो सफेद कुर्ता और पजामा पहनने वाले विपक्ष यानी बीजेपी का नेताओं का काम ही अब है सवाल उठाना , और सत्तापक्ष जवाब भी देगी। सफाई भी देती है। लेकिन सत्ता पक्ष एवं विपक्ष कौन कितना ऐसे भर्तियों में पारदर्शिता लाई है इस पर कोई सवाल नहीं करेंगे ना कई ऐसे मीडिया चैनल भी करेंगे आजकल मीडिया चैनल का भी राजनीतिक पार्टियां बन चुकी है जो विपक्ष और सत्ता पक्ष के हिसाब से ही काम करते हैं। उनका खबर दिखाते हैं और सत्ता पक्ष का खबर दिखाते हैं वास्तविकता छिपाते हैं। अगर माननीय न्यायालय के पास भी जाएंगे तो पेपर जांच करेंगे पेपर उनका बिल्कुल सही होगा एक संभावना यह बिल्कुल हो सकती है पेपर लीक करके अपने नजदीकी लोगों को भर्ती में बिल्कुल संभावना महसूस होती है। भारत में पेपर लीक करना कोई बड़ी बात नहीं है पहले कई घटनाएं हो चुकी हैं और इस पर कोई ठोस कानून नहीं बना है पेपर लीक करने वालों के खिलाफ कड़ा कानून नहीं बना है। इसमें कानून लचीला है कार्यवाही में बहुत समय लगती है जांच में कई साल बीत जाते हैं।