अविभाजित मध्य प्रदेश कई बार के बीजेपी के सांसद रहे और उस समय अविभाजित मध्यप्रदेश के कई बार विधायक रहे आदिवासी नेता नंदकुमार साय आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आकाशवाणी रेडियो से मन की बात सुनकर के अपना मन की बात जगजाहिर कर दिया। बीजेपी का हिंदू राष्ट्र मतलब अपर कास्ट यहां ना आदिवासियों का जगह है ना दलितों का जगह है और ना पिछड़ा वर्ग का जगह है। पिछड़ा वर्ग के जो नेता है भारतीय जनता पार्टी के पिछड़ा वर्ग अध्यक्ष दलित अध्यक्ष बस नाम मात्र के लिए होते हैं यह स्पष्ट हो चुका है। ग्लोबल न्यूज़ के संपादक गोल्डन कुमार यादव भले ही 1989 में पैदा हुए हैं लेकिन, उनके पिछड़ा वर्ग एवं दलित नेताओं को यह इतिहास जानना होगा जब केंद्र में बीपी सिंह का सरकार था, वीपी सिंह ने बीपी मंडल के नेतृत्व में मंडल कमीशन ने 27 परसेंट आरक्षण संविधान में लाया था, उसे नाराज होकर के बीजेपी ने उस समय की बी पी सिंह सरकार को समर्थन वापस ले लिया और सरकार गिरा दिया था दिल्ली का, मतलब पिछड़ा वर्ग और आदिवासी के जो भी नेता बीजेपी में होते हैं केवल अवसर बाद के लिए ही रहते हैं ताकि कुछ छोटे-मोटे पर मिलकर के कुछ कार्य लोकतंत्र में कर सकें। अपने स्वार्थ के लिए ही होते हैं इनको जनता और जनसमूह से कोई मतलब नहीं होता। अगर जनसमूह से मतलब होता। 2011 की जातीय जनगणना को सार्वजनिक कर देते। पूरे देश भर के राज्यों में रिजर्वेशन से जो विवादित उत्पन्न हो रही है उसको भी पार्लियामेंट में बहुमत से स्वीकृत करवा देते और संविधान में उसको लागू करवा सकते थे क्योंकि बीजेपी सांसद और राज्यसभा दोनों सदनों में पूर्ण बहुमत में है।

जिस दिन आदिवासी का समाज का विश्व जयंती मना रहे थे बीजेपी ने आदिवासी समाज के प्रदेश अध्यक्ष को छत्तीसगढ़ से बदल दिया। और बीजेपी में पिछड़ा वर्ग के नेताओं की क्या स्थिति है यह उनका मनोवैज्ञानिकता समझ से परे है।

इसे नेशनल मीडिया समझो या बीजेपी का प्रवक्ता, देश के सबसे बड़े राज्य का मुख्यमंत्री रह चुके हैं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, क्योंकि वह पिछड़ा वर्ग से आते हैं, इसलिए उनके सामने जूते रखकर न्यूज़ एंकरिंग कर रहे हैं, बाकी पिछड़ा वर्ग और दलित नेताओं को यह सोचना चाहिए उनकी स्थिति आने वाला भविष्य में क्या है???

हिंदू हिंदू कर करके जनता को साइकोलॉजिकल टॉर्चर ना करें देश संविधान और जिसे बाबा भीमराव अंबेडकर ने बनाया है और सविधान को तोड़ने की कोशिश बिल्कुल नहीं होना चाहिए संविधान जिस दिन नहीं रहेगा उस दिन, भारतीय जनता पार्टी का इतिहास जिस दिन सबको मालूम हो गया उस दिन भारतीय जनता पार्टी विपक्ष में बैठने भी लायक नहीं रहेगी। लेकिन बीजेपी विपक्ष में रहती है तभी अच्छा काम करती है सत्ता में आने के बाद गुरूर और घमंड जरूर हो जाता है।