कांग्रेस में इन दिनों कुछ ठीक नहीं चल रहा है। चाहे मध्यप्रदेश में गुटबाजी साफ दिखाई दे रही है। छत्तीसगढ़ में भी टी एस सिंहदेव सरकार, अपनी बातें मीडिया में रखकर छत्तीसगढ़ भूपेश सरकार को मुश्किल में डाल रहे हैं। सचिन पायलट पूर्व मुख्यमंत्री भाजपा के वसुंधरा राजे एवं वहां हुए भाजपा के शासनकाल में भ्रष्टाचार में जांच नहीं होने से नाराज चल रहे हैं और कई बार इस संबंध में लेटर लिख चुके हैं। सचिन पायलट बयान दिए हैं केंद्र में भाजपा सरकार अपने शक्तियों का उपयोग करती है लेकिन राज्य सरकार राजस्थान सरकार क्यों नहीं कर रही है। विपक्ष के नेताओं के खिलाफ ईडी सीबीआई इनकम टैक्स का सीधा उपयोग राजनीतिक करती है राजस्थान सरकार क्यों नहीं कर रही है। जब 2013 में राजस्थान में कांग्रेस पार्टी चुनाव हार गई थी तो सचिन पायलट को प्रदेश प्रभारी बनाया गया था। सचिन पायलट का कहना यही है हम लोग राजस्थान जनता के सामने भ्रष्टाचार का मुद्दा जांच संबंधी मुद्दा और कार्रवाई के संबंधी मुद्दे पर चुनाव लड़े हैं और जीते हुए हैं, अब जनता के बीच फिर 2023 विधानसभा में वोट मांगने के लिए जाना है,अब किस मुंह से जाएं, सचिन पायलट के इस गतिविधि को पार्टी ने पार्टी विरोधी गतिविधि करार दिया है लेटर जारी करके। तो क्या सरकार अगर भ्रष्टाचार पर कार्यवाही नहीं कर रही है तो यह कांग्रेस पार्टी भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रही है। विपक्ष के नेताओं ने भी कांग्रेस और बीजेपी को भ्रष्टाचार के एक दूसरे का पूरक एवं भ्रष्टाचार का बढ़ावा देने का आरोप लगाई है। भाजपा और कांग्रेस दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। यह दोनों पार्टियां भ्रष्टाचार पर कोई कार्यवाही नहीं और भ्रष्टाचार पर समझौता करके सरकार चलाने का काम करती है। सचिन पायलट ज्योतिबा फुले की जयंती पर 1 दिन के अनशन पर बैठ रहे हैं।
- भारत एक लोकतांत्रिक देश है यहां 5 साल में जनता को सरकार चुनने का मौका मिलता है, कांग्रेस अब तक देश में 55 साल राज कर चुकी है, और देश के लगभग सभी राज्यों में उनका सरकार रहा है लेकिन धीरे-धीरे पार्टी का वोट बैंक लगातार खिसक रहा है इसके सबसे बड़ा कारण क्या है यह सोचने वाला विचार करने वाला विषय है!
- कांग्रेस जब शासन में रहती है तो सामंतवाद पूंजीवाद विचारधारा पर काम करती है जब विपक्ष में होती है तब भ्रष्टाचार किसान और शोषित समाज को उत्थान के लिए आवाज उठाती है।
- छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस का मजबूत सरकार है लेकिन उनके विधायक अभी हुए विधानसभा में खुद के सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सवाल उठाए हैं। पीसीसी चीफ मोहन मरकाम डीएमएफ फंड में गड़बड़ी में मुद्दा उठाये है।
- क्या सचिन पायलट और अन्य विधायक भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाना एक रणनीति का हिस्सा है ताकि जनता बातें रख रहे हैं इसका जनता को एहसास हो जाए चुनाव में क्या ऐसा है?
- विपक्ष कांग्रेस पर पहले से ही सवाल उठा रही है और खुद के पार्टी के नेताओं को सवाल उठाना यह पूरे देश भर में कांग्रेस के खिलाफ मैसेज जा रहा है वह कांग्रेस पार्टी के लिए सही नहीं है। आने वाला मध्यप्रदेश राजस्थान और छत्तीसगढ़ चुनाव में क्या परिणाम होगा अब यह दिलचस्प हो गया है।