बीजेपी का मतलब भ्रष्टाचारी जनता पार्टी?

गरियाबंद जिला में भ्रष्टाचार के कई मामले सामने आ रहे हैं देवभोग के जनपद पंचायत में नेहा सिंगल के द्वारा किया गया भ्रष्टाचार के आरोप। इससे पहले जिला पंचायत अध्यक्ष पूर्व अध्यक्ष डॉक्टर श्वेता शर्मा के कार्यकाल में बना शौचालय भी भ्रष्टाचार की श्रेणी में आता है। प्रिंट मीडिया में कई खबर आ चुके हैं। अभी वर्तमान में शौच के लिए गई वृद्ध महिला को हाथी ने कुचल दिया। जब जिला गरियाबंद शौचालय ओडीएफ हो गया है तो शौच के लिए महिला क्यों गई थी यह सवाल पैदा होता है। शौचालय सब तरफ बन गया है। तो महिलाएं लोटा लेकर क्यों निकल रही है। शौच गई महिला के साथ दुष्कर्म । ऐसा भी खबर आ चुका है। अब सवाल पैदा होता है इनके बिल को ऑडिट किसने किया? अगर बिल का सत्यापन हो गया इसमें दोषी कांग्रेस सरकार भी है। राज्य में आपका सरकार है पूरा सिस्टम आपके कंट्रोल में है तो आखिर ऐसा मामला क्यों आ रहा है? मान के चलो राज्य सरकार के अधिकारी कर्मचारियों ने ऑडिट किया तो मतलब साबित होता है आपके अधिकारी कर्मचारी कंट्रोल में नहीं है। ऐसा लगता है भ्रष्टाचार करना मौलिक अधिकार बन चुका है।

2018 में कांग्रेस सरकार बन गई थी और जिला पंचायत अध्यक्ष 2020 तक रही है। अगर इनके कार्यकाल में शौचालय में भ्रष्टाचार हुआ है तो इनके द्वारा किसी भी प्रकार का जिला प्रशासन के पास एप्लीकेशन नहीं गया है। अगर यह दोषी नहीं है तो इनके द्वारा जिला प्रशासन एवं मीडिया में इनका शौचालय के बारे में किसी भी प्रकार का स्टेटमेंट नहीं आया है। ना इनके के द्वारा जांच के लिए प्रतिवेदन दिया गया है। इनके हिसाब से मान कर चलो जो भी काम पंचायत के सरपंच और सचिव ने किया है तो अब तक चुप्पी क्यों साधी है।
यह तो कर्नाटक में बीजेपी विधायक के यहां छापेमारी में बरामद हुआ। लोकायुक्त के द्वारा किया गया लेकिन ई डी इनकम टैक्स सीबीआई बीजेपी के पास क्यों छापेमारी नहीं करते हैं। बीजेपी नेताओं की आय के से अधिक संपत्ति की जांच क्यों नहीं करते हैं यह सवाल पैदा होता है।??

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