गरियाबंद जिला में भ्रष्टाचार के कई मामले सामने आ रहे हैं देवभोग के जनपद पंचायत में नेहा सिंगल के द्वारा किया गया भ्रष्टाचार के आरोप। इससे पहले जिला पंचायत अध्यक्ष पूर्व अध्यक्ष डॉक्टर श्वेता शर्मा के कार्यकाल में बना शौचालय भी भ्रष्टाचार की श्रेणी में आता है। प्रिंट मीडिया में कई खबर आ चुके हैं। अभी वर्तमान में शौच के लिए गई वृद्ध महिला को हाथी ने कुचल दिया। जब जिला गरियाबंद शौचालय ओडीएफ हो गया है तो शौच के लिए महिला क्यों गई थी यह सवाल पैदा होता है। शौचालय सब तरफ बन गया है। तो महिलाएं लोटा लेकर क्यों निकल रही है। शौच गई महिला के साथ दुष्कर्म । ऐसा भी खबर आ चुका है। अब सवाल पैदा होता है इनके बिल को ऑडिट किसने किया? अगर बिल का सत्यापन हो गया इसमें दोषी कांग्रेस सरकार भी है। राज्य में आपका सरकार है पूरा सिस्टम आपके कंट्रोल में है तो आखिर ऐसा मामला क्यों आ रहा है? मान के चलो राज्य सरकार के अधिकारी कर्मचारियों ने ऑडिट किया तो मतलब साबित होता है आपके अधिकारी कर्मचारी कंट्रोल में नहीं है। ऐसा लगता है भ्रष्टाचार करना मौलिक अधिकार बन चुका है।

