कांग्रेस मुरझाते गई और देश में कमल खिलते गया आखिर क्यों?

अभी-अभी 3 राज्यों का विधानसभा चुनाव परिणाम आया है जहां पूर्व में कांग्रेस का दबदबा था इससे पहले तो पूरे देश भर में कांग्रेस का राज था धीरे-धीरे कांग्रेस का वोट बैंक खिसकते गया खासतौर पर दलित और पिछड़ा वर्ग। भारत के राजनीतिक इतिहास में एक दूसरे की धुर विरोधी पार्टी कम्युनिस्ट पार्टी और कांग्रेस त्रिपुरा में गठबंधन से चुनाव लड़ी फिर भी वह बीजेपी का जीत हुआ इसका विश्लेषण करेंगे तो कांग्रेस का इतिहास में जाना पड़ेगा। कम्युनिस्ट पार्टी का पश्चिम बंगाल में कई सालों तक शासन रहा विपक्ष में कांग्रेस वहां भूमिका नहीं निभा पाई। विपक्ष का काम कांग्रेस से ही अलग होकर तृणमूल कांग्रेस के ममता बनर्जी ने निभाया और कम्युनिस्ट पार्टी को हराकर के ममता बनर्जी फिलहाल पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री हैं। कांग्रेस का अब देश का सबसे बड़ा यूपी इतिहास देखते हैं। वहां कई छोटे-छोटे पार्टियां विपक्ष की भूमिका निभा रही थी जैसे समाजवादी पार्टी बहुजन समाज पार्टी। अन्य छोटे-छोटे कई पार्टियां थी। बीजेपी उत्तर प्रदेश में उनका वोट बैंक उस समय बिल्कुल कम था। राम मंदिर और हिंदू वोट बैंक को बीजेपी अपने कब्जे में ले लिया। उत्तर प्रदेश में जो कांग्रेस का जगह और भूमिका थी उसे भाजपा ने कब्जा कर लिया। कांग्रेस के उत्तर प्रदेश के नेताओं के आपसी गुटबाजी एवं कई नेता भाजपा में एवं अन्य पार्टी में चले गए। वहां कांग्रेस ने भाजपा की राजनीति को डिफेंस नहीं कर पाई। अब कांग्रेस वहां बिल्कुल 2022 के परिणाम देखें तो कई सीटों पर कांग्रेस का जमानत जप्त भी हो गया। कांग्रेस को नोटा से भी कम वोट उत्तर प्रदेश चुनाव में मिले। उसके बाद एक और किला आता है बिहार जहां कांग्रेसका शासन रहा। बिहार की बदहाली के लिए वहां के राजनीतिक पार्टी कांग्रेस को ऊपर ठीकरा फोड़ते हैं। जयप्रकाश नारायण आंदोलन के समय जब इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थी तब वहां कांग्रेस का बोट बैंक उस समय जो खिसका तो आज तक नीचे खिसकते ही जा रहा है। अब सबसे बड़ी दिल्ली जहां कांग्रेस का सरकार था दिल्ली में भी कांग्रेस की सरकार थी अन्ना आंदोलन हुआ लोकायुक्त के मुद्दे पर आंदोलन चल रहा था भ्रष्टाचार के मुद्दे पर आंदोलन चल रहा था। देश में आम आदमी पार्टी जैसी राजनीतिक पार्टी पैदा करने में कांग्रेस का ही लापरवाही हुआ इसे केवल ग्लोबल न्यूज़ मानता है। कांग्रेस उसको दूर दृष्टि नहीं देख पाई आगे भविष्य को नहीं देख पाई आगे क्या हो सकता है। भ्रष्टाचार पर विशेष कानून और लोकायुक्त का गठन उस समय कर देना था। एवं आर्थिक रूप से मजबूत राज्य महाराष्ट्र वह भी कांग्रेस का शासन था पर धीरे-धीरे भाजपा और शिवसेना कांग्रेस से अलग होकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी अब कांग्रेस की स्थिति वहां सबसे छोटी पार्टी के रूप में वहां फिलहाल है। कांग्रेस पार्टी भाजपा से सीधे मुकाबले में छत्तीसगढ़ राजस्थान और मध्य पदेश में है जहां फिलहाल अन्य राजनीतिक पार्टी एवं क्षेत्रीय दल नहीं है। कांग्रेस पार्टी का मुख्य कमजोरी है फैसला लेने में पार्टी बहुत देरी करती है। एवं कांग्रेस को सोशल मीडिया में फेक न्यूज़ फैला कर सीधा कांग्रेस को कमजोर करने का काम होता है पर कांग्रेस पार्टी से सोशल मीडिया में डिफेंस नहीं कर पाती। छत्तीसगढ़ में फिलहाल कांग्रेस का शासन है और सोशल मीडिया को देखें तो कई भड़काऊ हिंदू मुस्लिम विरोधी सोशल मीडिया में पोस्ट चलते रहते हैं फिर भी कांग्रेस का शासन है पुलिस प्रशासन उनके पास है फिर भी सोशल मीडिया में अफवाह और फेक न्यूज़ फल आने के पहले के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती है। गांधी परिवार के खिलाफ कई फेक न्यूज़ अफवाह चलाते हैं। कांग्रेस के महा अधिवेशन में जो हार सोने का बताया गया और बीजेपी के नेता इसको अफवाह फैला दिए। जो फेक न्यूज़ चला जाता है और सच्चाई देर से पता चलती है हर आदमी को सच्चाई पता नहीं चलता और ख्यालों में ही कांग्रेस को कमजोर करने का काम होता है। जब कांग्रेस केंद्र और शासन में मजबूती उस समय सोशल मीडिया आ गया था पर कांग्रेस ने फेक न्यूज़ एवं अफवाह सोशल मीडिया में फैलाने वालों के खिलाफ कोई ठोस कानून नहीं बनाया है इसमें भी दोषी कांग्रेस ही है क्योंकि जब पावर में थे उस समय बना देना था आज खुद को ही नुकसान पहुंचा रही है कांग्रेस पार्टी को। मनोवैज्ञानिक ढंग से कांग्रेस के खिलाफ पूरा देश में माहौल है एवं सोशल मीडिया के माध्यम से गलत जानकारी कांग्रेस के खिलाफ चली जाती है उसे दूर करने का विषय है।

राजनीतिक समीकरण गणित के हिसाब से बीजेपी का जो वोट है विपक्ष से कम है लेकिन विपक्ष का वोट बैंक ज्यादा है फिर भी अलग-अलग चुनाव लड़ेंगे तो बीजेपी ही जीत सकती है। 1__1 राज्य एवं 1__1 लोक सभा सीट में गठबंधन के हिसाब से चुनाव लड़ना होगा 2024 का। जिस राज्य में क्षेत्रीय पार्टी मजबूत है वहां कांग्रेस को अपना सीट छोड़ना होगा। एवं क्षेत्रीय पार्टियों के लिए जहां कांग्रेस चुनाव लड़ रही है अपना सीट छोड़ना होगा। और इसकी तैयारी आने वाला विधानसभा चुनाव से पहले होना चाहिए नहीं तो कांग्रेस पार्टी फैसला लेने में देरी करती है पहले भी हो चुका है।
उस समय कहते थे भाजपा के तीन धरोहर अटल आडवाणी मुरली मनोहर। अब कहते हैं मोदी के बाद योगी। भाजपा को विपक्ष नहीं हरा सकती लेकिन भाजपा को भाजपा ही हरा आएगी। भारत की राजनीतिक पार्टी है समय-समय पर बिल्कुल मोबाइल की तरह अपडेट होती है। अपने पार्टी की जो भी डिसीजन और कमजोरी का ठीकरा अपने पुराने नेताओं के ऊपर छोड़ देते हैं जैसे आडवाणी के साथ हुआ। जो देश की आर्थिक एवं जो भी फिलहाल स्थिति है सब का ठीकरा मोदी जी के ऊपर छोड़ करके योगी जी पार्टी को कब्जा करेंगे।और पार्टी को पूरी तरीके से नए नेताओं के ऊपर पार्टी का कब्जा हो जाता है वह आने वाला समय में भी ऐसा ही हो सकता है। और जनता के पास फिर से आने का उनके पास रास्ता रहेगा।

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