शासन और प्रशासन किसानों के विकास के लिए सब्सिडी दर पर रबी फसलों के लिए गेहूं चना अलसी एवं अन्य बीज उपलब्ध कराती है। जिसमें 50 परसेंट अनुदान यानी आधा दर बीज उपलब्ध होता है। जिला गरियाबंद विकासखंड छुरा अंतर्गत, ग्लोबल न्यूज के संपादक गोल्डन कुमार कंफ्यूज हो गए हैं भ्रष्टाचार हुआ है या बंदरबांट। विकासखंड छुरा के वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, एवं अन्य कर्मचारी तरीके से एवं सिस्टम तरीके से काम किए हैं बीज सब्सिडी में जो भी किसान को दिए हैं दस्तावेज लिए हैं। इसमें कई टन गेहूं चना एवं अन्य रवि की फसलें बीज के रूप में सब्सिडी दर पर किसानों को मिल चुका है। इसमें कई हेक्टेयर भूमि में बुवाई हो सकती है। जो भी किसान अपना दस्तावेज देकर के सब्सिडी दर पर बीज कृषि विकास खंड छुरा से लिए हैं वास्तविक अपने खेतों पर बीज बुवाई किए हैं नहीं यह जांच का विषय है। किसान मित्र जो रहते हैं एवं जनप्रतिनिधि अपने मित्रों को सब्सिडी दर पर बीज उठा लिए। जो हमेशा किसान गेहूं चना बुवाई करते हैं वह वंचित रह गए। जरूरतमंद किसानों को सब्सिडी दर पर बीज उपलब्ध नहीं हो रही है। बीज फिलहाल और नहीं है खत्म हो चुकी है और आएगा करके विकासखंड छुरा के कर्मचारी लोग किसानों को आश्वासन दे रहे हैं। छत्तीसगढ़ सरकार किसानों के विकास के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से कर्जा लेकर के किसानों के विकास के लिए सब्सिडी आधा रेट में बीज उपलब्ध करा रही है फिर भी अधिकारी कर्मचारियों के द्वारा बंदरबांट हो रहा है यह बहुत बड़ी बात है, इसके लिए क्षेत्र के किसानों के मसीहा गोल्डन कुमार मुख्यमंत्री कृषि मंत्री से लेकर के सांसद एवं प्रधानमंत्री कार्यालय पीएमओ तक भारतीय डाक के माध्यम से लेटर लिखने जा रहे हैं। सिस्टम में ही लापरवाही है जरूरतमंद किसानों को नहीं मिलता है बंदरबांट का इतिहास पुराना है।
गुरु ग्लोबल न्यूज़ कंफ्यूज हो गया बंदरबांट हुआ है या भ्रष्टाचार।
