जो हरा ओ सिकंदर जो जीता चंद्रगुप्त मौर्य।

खेल हो या हो राजनीति या हो इतिहास, अधिकतर यही कहते हैं जो जीता वही सिकंदर लेकिन इतिहास में क्या है और क्या था यह सच्चाई कई अलग-अलग मानते हैं। इतिहास में विदेशी आक्रांता सिकंदर को चंद्रगुप्त मौर्य ने हराया था पर जो जीता वही सिकंदर कहते हैं। अब वर्तमान क्रिकेट की बात करते हैं। सूर्यकुमार यादव को बांग्लादेश दौरे पर इसलिए बाहर कर दिया कि उसको आराम चाहिए। क्रिकेट में कोई आरक्षण नहीं है। जातिवाद की बात नहीं होती है। पर बिल्कुल बाबा भीमराव अंबेडकर की बात सही साबित होती है बिल्कुल ओबीसी एसटी एससी समाज के साथ बड़े सेक्टर में हमेशा भेदभाव होता है। आज भी बड़े सेक्टर में ब्राह्मणों का दबदबा है ब्राह्मण केवल ब्राह्मणों का ही सपोर्ट करते हैं यह कई बार विवादों में रहती हैं। मीडिया में भी यही चीज आज भी है मीडिया सेक्टर में ब्रह्मणों का दबदबा है हर सेक्टर में वही है। क्या लिखना है कैसे लिखना है कैसे न्यूज़ चलाना है सब संपादक बड़े बड़े चैनलों के वहीं हैं। जब सूर्यकुमार यादव पैदा हुए थे 1989तब देश में कमंडल वर्सेस मंडल की राजनीति चलती थी जिसमें मुख्यमंत्री बी पी मंडल लालू यादव मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में,आज 32 साल हो गया सूर्यकुमार यादव 32 साल के हो गए हैं। उस समय के प्रधानमंत्री वी पी सिंह सरकार ने ओबीसी के लिए 27 परसेंट संविधान में आरक्षण लाया तब बीजेपी के समर्थन में चल रही है सरकार 1990 में भाजपा ने वापस लेकर सरकार गिरा दिया यह इतिहास ओबीसी समाज को मालूम होना चाहिए। अभी t20 वर्ल्ड कप में भारत को इंग्लैंड के साथ हार हुई कई क्रिकेट के जानकार मानते हैं चहल अगर खेलते तो नतीजा अलग होता चहल शेड्यूल कास्ट समाज से आते हैं। इतने अच्छे बॉलर उनको बाहर रखा गया यह बात सामने आ रही है। जब विराट कोहली का चयन हुआ था उस समय सूर्यकुमार यादव का भी नाम था पर चयनकर्ता में सचिन तेंदुलकर ने विराट कोहली को चुना लेकिन 10 साल के बाद भी सूर्यकुमार यादव ने पूरी दुनिया में अपना नाम आगे किया। सूर्यकुमार यादव की प्रतिभा को देखते हुए ऑस्ट्रेलिया के एक क्रिकेटर ने यह तक कह दिया सूर्यकुमार यादव हमारे टीम से खेले उन्होंने करोड़ों रुपए का ऑफर तक कर दिया। सूर्यकुमार यादव हमारे टीम से खेले। जिस उम्र में कुछ दिन बाद क्रिकेट खेल से संन्यास लेते हैं 32 साल की उम्र में सूर्यकुमार यादव ने क्या क्रिकेट खेला है अगर पहले से या टीम भारतीय टीम में शामिल होते हैं अब तक के कई रिकॉर्ड धारी के रिकॉर्ड टूट जाते हैं। सोशल मीडिया में अलग-अलग वीडियो में लाइव आ करके कई लोग यह बयान दे रहे हैं जो टीम बांग्लादेश दौरे में चयन हुई है वह भारतीय टीम नहीं ब्राह्मणों की टीम है जिसमें अधिकतर ब्राह्मणों को ही चयन किया गया है। बड़े सेक्टर में पहुंचने के लिए पिछड़ा वर्ग एसटी एससी समाज को कितना संघर्ष है करना पड़ता है आज बाबा भीमराव अंबेडकर की आत्मा को मालूम हो रही होगी अगर आरक्षण नहीं होता। इसलिए 26 नवंबर संविधान दिवस पूरे ओबीसी एसटी एससी समाज को अपने सोशल मीडिया में डीपी में लगाने के लिए श्री गुरु ग्लोबल न्यूज आप से अपील करता है।

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