अगर आप सरकारी अधिक, दफ्तर जाते हैं, आज हम आपको एक बेहतर फीडबैक देते हैं, आप जरूर नेतागिरी का यूनिफार्म धोती बंगाली या बेहतर सूट-बूट में जाएं,, इसका उदाहरण, जिला गरियाबंद के सरकारी कलेक्टर दफ्तर में मिला,, जन दर्शन में, अधिकारी के इंतजार में घंटों, आम नागरिक बैठे रहे, लेकिन वहां एक धोती बंगाली वाला भी बैठा था, कलेक्टर के चपरासी ने उन्हें तुरंत मिलने का समय दे दिया,, और बाकी लोग कई घंटों तक उनके मिलने के बाद बैठे रहे, तब सरकारी कर्मचारी जान जाते हैं धोती बंगाली पहना है मतलब नेता है, भगवा कलर का गमछा पहना है मतलब जान जाते हैं यह बीजेपी का नेता है, तिरंगा कलर वाला गमछा पहना है मतलब जान जाते हैं कांग्रेस का नेता है, एवं अन्य पार्टियों का अलग-अलग कलर के हिसाब से बिल्कुल पहचान जाते हैं सरकारी कर्मचारी, लोकल यूनिफॉर्म टी शर्ट जींस एवं अन्य उनके सामने कोई वैल्यू नहीं है, कई कर्मचारी के चपरासी जान जाते हैं एक लोकल आदमी है, लेकिन देश के वर्तमान प्रधानमंत्री बयान दे चुके हैं ((लोकल इज ब्लोकल,) देश में संविधान में समानता का अधिकार है प्रत्येक नागरिक का बराबर का अधिकार है पर सिस्टम में आज तक या उपयोग नहीं होता,, हालांकि फिर बाद में कलेक्टर ने आम जनता से बाहर निकलकर मुलाकात किए एवं उसके बाद मीटिंग में शामिल हुए,!