लगातार बढ़ रही है बिजली की डिमांड!

पहले देश में बिजली हर गांव में नहीं थी, जो वर्तमान में राष्ट्रपति बनी है, भारत के राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू, उड़ीसा के उनके गांव में अभी फिलहाल बिजली पहुंची है, भारत के कुछ गांव ऐसे भी बचे हैं, जहां अभी तक बिजली नहीं पहुंची है, राजीव गांधी, विद्युतीकरण योजना से बहुत से गांव में बिजली पहुंचाने का काम हुआ फिर दीनदयाल उपाध्याय सौभाग्य योजना से, पहले एकल बत्ती कनेक्शन दिया गया था मुक्त में जनसंख्या और आर्थिक विकास के साथ एकल बत्ती कनेक्शन अब नहीं के बराबर है,हर घर टीवी पंखा कूलर,, बहुत से घर में अब फ्रीज भी हो गए हैं, वाशिंग मशीन, पानी निकालने के लिए घरेलू मोटर, अब गवर्नमेंट इलेक्ट्रिक वाहन को ज्यादा प्राथमिकता दे रही है अब कुछ सालों के बाद प्रत्येक के पास इलेक्ट्रिक कार मोटरसाइकिल आ जाएंगे,! लेकिन बिजली कंपनी एवं सरकार घरेलू एवं कमर्शियल कनेक्शन को अलग-अलग ट्रैफिक दर में तय करती है, बिजली का कमर्शियल उपयोग बढ़ गया है लेकिन कमर्शियल कनेक्शन नहीं बढ़ा है, गर्मी के दिनों में दुकान वाले, बिजली का कमर्शियल उपयोग करते हैं पर कमर्शियल दर पर भुगतान नहीं होता है, तक के गांव-गांव में फोटोकापी मशीन, आटा चक्की, घरेलू मशीन में, धान से चावल निकालने वाला मशीन, इसका उपयोग लगातार बढ़ गया है, सस्ती बिजली का फायदा कमर्शियल उपयोग योग करने वाले उपभोक्ता उठाते हैं पब्लिक से वही पैसा पैसा वसूलते हैं जितना कमर्शियल कनेक्शन वाले लेंतें है, सस्ती बिजली का फायदा आम आदमी को नहीं मिलता बल्कि घरेलू कनेक्शन में, कमर्शियल उपयोग करने वाले लोग फायदा उठाते हैं, और नुकसान बिजली कंपनी को भी है, में बिजली कंपनी को ध्यान देने की आवश्यकता है, बिजली अधिनियम को देखें तो अगर आपके पास घरेलू है और दुकान भी है तो आपको कमर्शियल कनेक्शन लेना होगा घरेलू का उपयोग अलग से कनेक्शन में करना होगा पर ऐसा कहां होता है,? नियम तो यह भी है अगर आप सामूहिक कार्यक्रम करते हैं तो अस्थाई कनेक्शन लेना होता है पर ऐसा भी नहीं होता, बिजली फाल्स कनेक्शन में भी लॉस होती है,, बिजली का सदुपयोग करें एवं बिजली बचाएं, देश में पानी कोयला का लगातार संकट बना रहता है एवं गवर्नमेंट बिजली के लिए अलग से सौर ऊर्जा दूसरे विकल्प तलाश में लगी है,, विद्युत उत्पादन तापीय ऊर्जा से एवं जनरेटर से, बांध में टरबाइन से, एवं प्राकृतिक गैस तापीय ऊर्जा से, उत्पादन होता है, जिसको उपकेंद्र से सब स्टेशन उसके बाद ट्रांसफार्मर के माध्यम से सीधे एलमुनियम तार की मदद से घर तक पहुंचती है,! उत्पादन के साथ-साथ घर तक बिजली पहुंचाने में भी बहुत खर्च करना पड़ता है,!

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