श्री गुरु ग्लोबल न्यूज़:- अब सवाल पंचायत चुनाव में जनता से है क्योंकि फरवरी,2025, तक चुनाव हो जाएगा, छत्तीसगढ़, में आचार संहिता चुनाव तारीखों के ऐलान के बाद लग गया है नगर निकाय का चुनाव एक चरण में और पंचायत चुनाव तीन चरण में होंगे,, फिलहाल भाजपा की सरकार है और भाजपा के जो सपोर्टर है उनके अंतर्गत जो कैंडिडेट रहेंगे उसको ज्यादा सफलता मिलने का उम्मीद है,, अधिकतर भाजपा समर्थक शहर में रहते हैं और नगर पंचायत का चुनाव का परिणाम पहले आएगा इसका असर पंचायत में भी पड़ेगा,, सरकार ने सोच समझ कर फैसला पहले किया कि नगर निकाय का चुनाव परिणाम पहले आएगा और पंचायत चुनाव में भी भाजपा को फायदा मिलेगा इसे बुद्धि कहते हैं और दिमाग कहते हैं और पूर्व कांग्रेसी सरकार को भी इससे शिक्षा मिलता है ऐसा दिमाग से काम करते हैं,, आने वाला अन्य राजनीतिक पार्टियों को भी अन्य सरकारों को भी अकल और बुद्धि से काम करना चाहिए जैसे भाजपा कर रही है,,”””कहते हैं कि लोकतंत्र है लेकिन आजादी के 75 साल बाद भारत ही नहीं दुनिया के कई लोकतांत्रिक देश अब चुनाव पैसा तंत्र हो चुका है, पंचायत से लेकर के पार्लियामेंट विधानसभा,, नगर निगम, सभी चुनाव चुनाव जीतने के लिए पैसा की आवश्यकता होता है,, जैसे अभी अमेरिका में चुनाव हुआ डोनाल्ड ट्रंप को सबसे बड़े दुनिया के पैसे वाला आदमी यानी कॉर्पोरेट आदमी फंडिंग किया एलन मस्क जो X के मालिक है टेस्ला के मालिक है,,। और दूसरी तरफ भारत में देख लो भारत के जो वर्तमान में प्रधानमंत्री हैं यानी भारतीय जनता पार्टी को अडानी ने उनको फंडिंग किया,, यानी पैसा उन्होंने लगाया और तब,सरकार बना,, रसिया में भी वही हाल है, ब्रिटेन में भी वही,हाल है,, राजनीतिक पार्टी कोई भी रहे पार्टी को फंडिंग कॉर्पोरेट करता है सभी पार्टियों का वही हाल है,,”” अब पंचायत की बात करते हैं,, पंचायत में चुनाव में छत्तीसगढ़ में चुनाव है,, वही हाल हो गया है भले ही आरक्षण है,, चाहे जिला पंचायत देख लो चाहे जनपद काउंसलर भी देख लो या सरपंच और वार्ड के,पंच,,, लाखों रुपए आपको खर्च करना पड़ेगा दारू मुर्गा में खर्च करना पड़ेगा अगर ऐसा नहीं करेंगे तो आपको चुनाव में बिल्कुल सफलता मिलने का उम्मीद बिल्कुल नहीं के बराबर रहती है,, लेकिन कुछ कर्म क्षेत्र में अच्छे समाजसेवी लोग बिना पैसा के भी चुनाव जीत जाते हैं लेकिन कुछ अपवाद ही है बहुत कम ऐसे देखने को मिलता है। यानी आजकल छवि कितना भी खराब है आपके पास पैसा है दारू मुर्गा खर्च करेंगे मतदाता को लुभाने लुभाने काम करेंगे तो आप चुनाव में,आपका पलडा़ भारी रहेगा और जनता आपको दमदार समझेंगे और आपके पक्ष में माहौल पहले से ही तैयार हो जाएगा। वही स्थितियां बन चुकी है और यह लोकतंत्र के लिए घातक है,,। जैसे ही 2014 में पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय मनमोहन सिंह ने भी कहा था की लोकतंत्र के लिए आने वाला समय बहुत घातक हो रहा है,, पैसा तंत्र यानी बनते जा रहा,है,,। जैसे पंचायत में अन्य चुनाव में आपको ठेकेदारो,को पकड़ना पड़ेगा आपको फंडिंग की आवश्यकता है चुनाव लड़ने के लिए पैसा की आवश्यकता है,,। लोकतंत्र में पैसा तंत्र बनाने में सबसे बड़ा साथी भ्रष्टाचार है क्योंकि भ्रष्टाचार बहुत बढ़ रहा है और पावर में पद में बहुत पैसा है पैसा आने का बहुत साधन बन जाता है क्योंकि पावर रहता है तो पैसा आने के साधन बन जाता है इसलिए लोकतंत्र पैसा तंत्र बन जाता है,,। यानी आप चुनाव में लाखों खर्च करके 5 साल तक करोड़ कमा सकते हैं तो ऐसा कोन नहीं चाहेगा,,। यानी भले ही आप लोकतंत्र को जन सेवा कहते हैं लेकिन अब मेवा खाने वाला हो गया है आपको चुनाव जीतेंगे तो मेवा मिलेगा बहुत पैसा मिलेगा क्योंकि सभी जगह ऐसा सिस्टम बन चुका है कि आप चुनाव जीतेंगे तो पैसा मिलेगा आपके पास पैसा का साधन बन जाएगा ऐसा सिस्टम,,बन चुका है आप वार्ड पंच भी रहेंगे तो सरपंच को दबाव बना सकते हैं अगर आप जनपद सदस्य रहेंगे तो जनपद अध्यक्ष को दबाव बना सकते हैं ऐसा सिस्टम बन चुका है जिला पंचायत सदस्य रहेंगे तो जिला पंचायत अध्यक्ष को अपना दबाव बना सकते हैं और अपने लिए फंडिंग का व्यवस्था कर सकते हैं हर क्षेत्र में कमीशन ले सकते हैं ऐसा सिस्टम बन चुका है। अगर आप नगर निकाय की बात करते हैं वार्ड पार्षद रहेंगे तो नगर अध्यक्ष को दबाव बनाकर के अपने काम के क्षेत्र में अपने क्षेत्र में कमीशन मांग सकते हैं कमीशन ले सकते हैं,, क्योंकि लोकतंत्र में पैसा तंत्र अब बन चुका है।
जो दारू मुर्गा पैसा देगा वह जीतेगा,नहीं देगा तो क्या निपटेगा!?
