श्री गुरु ग्लोबल न्यूज न्यू दिल्ली:-पहले एक कविता लिखते हैं जो कांग्रेस पार्टी पर ठीक,बैठी है,, यह कविता कांग्रेस शासन के एजुकेशन बोर्ड में पांचवी क्लास में,था, “”””उठो लाला आंखें खोलो सुबह हो गई है मुंह धो लो,,””””””कहने का तात्पर्य है,की, सबसे पहले देश को यह बता दे इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन लाने का काम कांग्रेसियों के शासनकाल में हुआ,, लेकिन कांग्रेस को अब होश आ रहा है,, जो देश EVM को बनाया वहांevm से वोटिंग नहीं होती,, सबसे पुरानी पार्टी अब तक चुप क्यों थी,?बड़े-बड़े तकनीकी वाले देश जापान अमेरिका वहां इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन से वोटिंग नहीं होता, लेकिन भारत में इसलिए हो रहा था क्योंकि कांग्रेस पार्टी एवं का सपोर्ट कर रही थी अब विरोध कर रही है,, लेकिन कांग्रेस पार्टी की चालबाजी इसमें सांफ दिखाई दे रही है अगर कांग्रेस पार्टी सबसे बड़ी पुरानी पार्टी है अगर चाहे तो चुनाव आयोग के मुद्दे पर सीधा बात कर सकती,है,कि ईवीएम से वोटिंग कारण कांग्रेस पार्टी पहले ही चुनाव आयोग कर लिखित में दे सकती है हमारी पार्टी EVM पर चुनाव लड़ने की तैयार नहीं है ,पर कांग्रेस की चालबाजी दिखाई दे रही है,, इतने दिन तक कांग्रेस क्यों चुप थी सवाल उठ रहा है,, कई संगठन अन्य राजनीतिक पार्टी जैसे समाजवादी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल, उसे समय इस पार्टी के सपोर्ट में कांग्रेस क्यों नहीं आई ,, सवाल यह उठ रहा है कांग्रेस का देर सवेर अब क्यों आंख खुल रहा है,, अगर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन से, बेईमानी संभव है, तो कांग्रेस पार्टी उस समय क्या कर रही थी,,अलावा अन्य जो राजनीतिक पार्टी हैं इससे पहले,कई बार इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन ईवीएम पर सवाल उठा चुके हैं,,, लेकिन अभी भी कांग्रेस पार्टी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन पर दो भागों में बटी हुई,है, कुछ कांग्रेस के नेता EVM के सपोर्ट में,है,लेकिन कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन पर मुहींम चलाने की बात कही है,, “””ईवीएम हटाओ लोकतंत्र बचाओ,,”” माननीय सुप्रीम कोर्ट में पहले भी EVM पर सवाल उठाकर ADR, ने,, 2024 लोकसभा चुनाव से,पहले, केस,,लड़ा था,,, उस समय कांग्रेस पार्टी ने उसका सपोर्ट नहीं,किया,, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में,वीवीपेट,, की 100% गिनती नहीं होती,, चुनाव आयोग भी इस पर खुलकर बात नहीं,,करता,, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव लोकसभा में बोल चुके हैं कि हम उत्तर प्रदेश की 80 की 80 सीट भी जीत जाएंगे फिर भी EVMपर भरोसा हमें नहीं रहेगा,, हम चुनाव जीतकर के एवं को हटाने का काम,करेंगे,, सवाल यह है कि कांग्रेस पार्टी ऐसा नहीं कह रही है,,बहुजन समाज पार्टी के अध्यक्ष सुश्री मायावती ने भी एवं पर सवाल उठाए और उपचुनाव नहीं लड़ने का आने वाला समय में फैसला किया जब तक चुनाव आयोग वोटो की चोरी होती है उस पर फर्जी वोटिंग पर अपना रुख जब_ तक,साफ ना करें,,,, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन पर कई सामाजिक कार्यकर्ता भी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का विरोध कर चुके हैं,, लेकिन भारतीय जनता पार्टी के साथ-साथ चुनाव आयोग भी,इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग के मशीन के सपोर्ट में दिखाई दे रही,है,, लेकिन एवं से पहले देश के मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति पर भी सवाल उठाया था जो माननीय सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को चुनाव आयोग की नियुक्ति से भाजपा की केंद्र की सरकार ने बाहर कर दिया था,,,, यानी आने वाला समय में जो मुख्य चुनाव आयुक्त जो होगा सरकार के सपोर्टर होगा ऐसा कानून बन चुका है,,, चाहे जिसका भी सरकार बने विपक्ष का नेता प्रधानमंत्री और कोई कैबिनेट सदस्य चुनाव आयोग के मुख्य आयुक्त की नियुक्ति कर सकता है,, चाहे विपक्ष का नेता विरोध करें फिर भी नियुक्ति हो सकती है कोई रुकावट नहीं आएगी यानी आने वाला समय में जिसकी सरकार रहेगी उसी का चलने वाला है जिसकी लाठी उसकी भैंस इस कहावत चुनाव आयोग पर ठीक बैठती है आने वाला समय के लिए संविधान और भारत का लोकतंत्र देखे तो,, जनता को भी एवं पर शंका है महाराष्ट्र चुनाव में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना, के विधायक उम्मीदवार,को, नेता को,,, उसके परिवार का ही वोट नहीं मिला जबकि उसके परिवार में खुद चार सदस्य हैं,,, यह कैसे संभव है,,? इलेक्ट्रॉनिक मशीन से वोटिंग से कई ऐसे सवाल भी कई जगह उठ जाते हैं मतदाता कहती है हमने आपको वोट दिया है पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन से वोट कहा गया हम नहीं कह सकते,,, लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कांग्रेस पार्टी को आज समझ में आ रहा है,, यह देश के लिए दुर्भाग्य है कांग्रेस पार्टी के पास क्या दूर दृष्टि नहीं है,, उसे छोटे-छोटे जो राजनीतिक पार्टियों है नेता है इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन पर पहले भी सवाल उठा रहे थे पर कांग्रेस पार्टी को समझ आ जा रहा है। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन इलेक्ट्रॉनिक सामान है इसमें सॉफ्टवेयर से बिल्कुल छेड़छाड़ संभव,है,, क्योंकि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन है जो एलिगेंट सर्किट से बना हुआ,है,, यानी जैसा प्रोग्राम किया है वैसा ही काम करेगा,, कई बड़े-बड़े इंजीनियर ऐसा दावा कर चुके,हैं,, चुनाव आयोग भी EVM को राजनीतिक पार्टियों के सामने नहीं लाती है इसके बारे में नहीं समझती,है, इसके तकनीकी अध्ययन कर सके,, जैसे बजट पेपर में सील मोहर होता है इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में ऐसा बिल्कुल संभव नहीं है,, केवल अंक का गिनती होता है,, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का कोई भौतिक सबूत नहीं होता है कि हमने आपको ही वोट दिया है,, evm में बिल्कुल गड़बड़ी दिखाई दे रही है भारत में लोकतंत्र बचाने के लिए EVM को हटा देना ही,उचित है, जैसे ही कोई मतदाता कहता है हमने आपको उसे पार्टी को वोट दिया है लेकिन EVM पर यह संभव नहीं है अगर बैलेट पेपर होता तो सील मोहर आंखों के सामने होता जो इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन पर ऐसा संभव,नहीं है,, कई क्षेत्रों में बाहुबली,दबंग लोग,, पहले बैलेट पेपर पर बूथ कैपचरिंग होता था,, एक आदमी सारे बैलेट को बंदूक के बल,पर,, वोटिंग कर,देता था,, लेकिन आ गया है सुरक्षा एवं सीसीटीवी निगरानी पर प्रत्येक बूथ पर वोटिंग हो सकती है शांतिपूर्वक वैलेट पेपर से बिल्कुल अब,संभव है,, गिनती में भले ही चार दिन का समय लग सकता है लेकिन कम से कम राजनीतिक पार्टियों तो यह सवाल नहीं उठा सकेंगे कि लोकतंत्र की हत्या हुई है या चोरी हुई है,। मतदाता के लिए भी भरोसा लोकतंत्र पर रहेगा,,।