जलस्तर घट रहा है या किसानों को, रवि फसल धान,बिजली देने के लिए कांग्रेस सरकार का फट रहा है?

श्री गुरु ग्लोबल न्यूज:-, पहले स्पष्टीकरण करते हैं न्यूज़ टाइटल में, फिलहाल छत्तीसगढ़ में भाजपा का सरकार है, कांग्रेस विपक्ष,में है, कांग्रेस भी अगर सरकार में आ जाए तो ऐसा गलती ना,करें, इसलिए लिखा गया,है, क्योंकि कलेक्टर भी बिना सरकार के परमिशन के सरकार के असमर्थन में ऐसा फैसला कर ही नहीं सकता,, 10 नवंबर, 2024,को कलेक्टर के पत्र के माध्यम से एक आदेश जारी हुआ था, केवल मुख्य बिंदु लिख रहे,हैं,, भूमिगत जल का अत्यधिक दोहन हो रहा है,आदेश में यह लिखा गया है जल संकट फिंगेश्वर विकासखंड और देवभोग विकासखंड कुछ क्षेत्र में, जल स्तर बहुत गहरा चला गया है जल को बचाना है, लेकिन कलेक्टर के आदेश में भी है सवाल उठता है,? वाटर लेवल नीचे चला गया है अब पता चल रहा है, जिन क्षेत्रों में वाटर लेवल नीचे चला गया है वाटर लेवल रिचार्ज के कई उपाय हैं क्या अपने ऐसा नियम अपने जिले में बनाया है,, कई राज्यों में वाटर लेवल रिचार्ज के अलग-अलग उपाय किए हैं कंक्रीट डालकर उसमें वेस्ट जो पानी है उसको डाला जाता है बारिश के पानी को डाला जाता है, गरियाबंद जिले में किस क्षेत्र में ऐसा बनाया गया है यह कलेक्टर के आदेश के हिसाब से सवाल किसानों का उठ रहा है,, या एग्रीकल्चर उपयोग वाले दोहन कर रहे हैं या कमर्शियल उपयोगी वाले अधिक दोहन कर रहे हैं,,ए उन क्षेत्रों में रवि फसल धान के अलावा अन्य फसल उत्पादन करें प्राथमिकता दें, किसानों का सवाल यह है अन्य फसल अगर किसान उत्पादन करते हैं उनके फसल का उत्पादन खरीदी का गारंटी कौन लेगा क्या सरकार शासन प्रशासन किसानों के फसल को समर्थन मूल्य में खरीदने की कार्य करेगी, बीज उपलब्ध कैसे होगा,?,, सवाल यह उठता है अन्य विकासखंड गरियाबंद जिले के जैसे छुरा विकासखंड मैनपुर विकासखंड गरियाबंद विकासखंड वहां धान,का फसल बोने के लिए वहां के किसान, घूमराह में,है। , यानी जिला प्रशासन को चाहिए बिजली विभाग जिस कनेक्शन में घरेलू कनेक्शन है, क्षेत्र पंपलाइन को, अलग किया जाए,, बिजली विभाग केवल अस्थाई कनेक्शन धान के अलावा अन्य फसल लिए जाते हैं, उसके लिए नियम बनाना चहिए अन्य ,विकासखंड के लिए क्या आदेश है यह स्पष्टीकरण नहीं हो रहा है, आखिर बिजली कितने घंटे देंगे,? कितना में धान पहले बुवाई करते थे अब कितना में बोना है,,किसानों के बीच यह चर्चा है धान का फसल बोएंगे तो लाइन काट देंगे,, और यह भी चर्चा है कई हजार जुर्माना लगा देंगे,,। बिजली संकट तो गरियाबंद जिले में रहती ही,है,। गर्मी के दिनों में वोल्टेज की काफी समस्या रहती है, घरेलू लाइन के लिए भी बिजली वोल्टेज समस्या रहती है,, लेकिन इसका यह उपाय नहीं है कि आप धान का फसल को किसानों को रोक लगाए, यह किसानों का सवाल है,,। आप यहां 132 kv का उपकेंद्र लगा सकते हैं क्योंकि इस छुरा विकासखंड में नहीं है। इस क्षेत्र के लिए जरूरी,है,, अगर प्रशासन और शासन के सामने बिजली की समस्या दिक्कत हो रही है तब की बात है,, किसानों को बिजली आपूर्ति नहीं कर पाएंगे तब की स्थिति है,, किसानों के बीच चर्चा करके समाधान निकाल सकता है, किसानों को आप इस मुद्दे पर बात रख करके उचित सलाह लेकर के भी काम हो सकते है किसानों को जितनी बिजली आपूर्ति हो सकती है उतनी फसल लगाने की भी बात हो सकती है,। लेकिन फिलहाल किसान गुमराह में,,, किसानों को किसान जीवन ज्योति योजना के अंतर्गत सब्सिडी मिलता है , इसको बंद करने के लिए चाहे कांग्रेस की सरकार रही हो या बीजेपी की किसी भी सरकार ने बंद नहीं किया है,, लेकिन यह योजना फिलहाल स्थिति में बंद होने का या बंद करने का साजिश भी लग रही है,, किसानको,,जिसमें पर एचपी के हिसाब से पिछड़ा वर्ग सामान्य किसानों को पर एचपी के हिसाब से ₹100 यानी 3 hp अधिकतर मोटर रहते हैं उनको केवल ₹300 बिल आता है हर महीना,,, जिन किस का 5 एचपी का मोटर है उसको₹500 महीना आता,है, और दूसरी बार तरफ एसटी और एससी किसानों को बिल्कुल बिजली का बिल नहीं आता मुक्त में मिलता है।

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