Shri Guru global news:-राजनीतिक विश्लेषण गोल्डन कुमार :-पूरे देश में 55 साल राज करने वाली पार्टी,,, जो लोकसभा में 415 सीट,भी जीत चुकी हो,, उस पार्टी की इतनी बुरी दशा कैसे हो सकती,है,, इतिहास देखें तो पूरे देश भर में कांग्रेस का सरकार था ऐसा कोई राज्य नहीं है जहां कांग्रेस का सरकार नहीं,था,,। 1990 के दशक से पहले उत्तर प्रदेश और बिहार में था उड़ीसा में था,, अब कांग्रेस पार्टी जनाआधार खत्म हो चुका है। लेकिन कांग्रेस पार्टी की लापरवाही भी कह सकते हैं जहां पर खुद चुनाव लड़ना चाहिए वहां पर विपक्ष की भूमिका भी नहीं निभा रही है,, जनता ने उसको बाहर कर दिया, जैसे बंगाल और उड़ीसा में था,, अब उड़ीसा में, कांग्रेस की नहीं बीजेपी की सरकार,है,,। और बंगाल में दूसरे नंबर पर बीजेपी है,, यानी जहां कांग्रेस का सरकार था जानता उसको विपक्ष में भी रहने लायक नहीं छोड़ रहे,,,यानी कांग्रेस को कह सकते हैं ना किसी को जितने दे सकती है ना खुद जितती है। अब बात करते हैं हरियाणा चुनावकी,, हरियाणा में कांग्रेस की हार की सबसे बड़ी कारण,, पार्टी में आपसी गुटबाजी टिकट वितरण में बहुत बड़ी लापरवाही,,, भूपेंद्र हुड्डा और उसके बेटे का पार्टी पर एकतरफा नियंत्रण रखना,, कुमारी शैलजा जैसे दलित नेता को, पार्टी की ओर से इग्नोर करना,, बल्कि कांग्रेस किसान और जवान का मुद्दा,उठाई,, लेकिन कांग्रेस का हार का कारण संगठन में कमजोरी,, जो दलित वोट है वह कांग्रेस को नहीं मिला,, हरियाणा का चुनाव जाट वर्सेस अन्य हो गया था, कांग्रेस जाट वोटो को भी एकजुट नहीं कर पाई, और जाट वोट के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग और दलित वोट बिखर गए,, और कांग्रेस का हार का मुख्य कारण समाजवादी पार्टी और उत्तर प्रदेश से सटे हुए इलाकों में दिल्ली से सटे हुए इलाकों में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करना। यानी कांग्रेस पार्टी अपने घमंड में ही बर्बाद हो गई,। कांग्रेस का हार का एक और कारण है जातीय जनगणना और दलित का आवाज के बारे में नहीं उठाना,, जैसे राहुल गांधी लोकसभा में उसे मुद्दे को उठाया था। कांग्रेस पार्टी दलित वोट को अपने तरफ नहीं ला सकी,,, लेकिन बीजेपी का संगठन मजबूत जो 10 साल शासन करने के बाद अपने पार्टी में बदलाव करके मुख्यमंत्री बदल करके कई चीजों को देखकर के रणनीति बना करके चुनाव जीत गई,। इसमें भारतीय जनता पार्टी की कुशल रणनीति भी कहा जा सकता है। कांग्रेस पार्टी के लिए श्री गुरु ग्लोबल न्यूज से ही है कहते हैं कई बार हार गई लेकिन यह कांग्रेस पार्टी हार के कारण समीक्षा और अभी तक यह पार्टी नहीं सुधरी। छत्तीसगढ़ की तुलना करते हैं जैसे छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी टिकट वितरण में भारी लापरवाही किया उस समय हरियाणा के नेता कुमारी शैलजा,,प्रभारी थी,, टिकट वितरण में पैसों का लेनदेन का भी कुमारी शैलजा पर आरोप लगा,था,, यानी कांग्रेस पार्टी टिकट वितरण में लापरवाही करती है कई चुनाव देख चुके हैं संगठन और पार्टी के रणनीति के हिसाब से काम नहीं करती जैसे लोकसभा में चुनाव में भी वही गलती की,, जैसे छत्तीसगढ़ में जिसको विधानसभा में टिकट दिए फिर उसको लोकसभा में दे दिए यानी कांग्रेस पार्टी बिना तैयारी के मैदान में,उतरती है। पार्टी को लोकसभा की तैयारी करे हुए नेता को टिकट देना चाहिए जो दावेदार हो,, पर कांग्रेस पार्टी मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ में यहां संगठन पर रणनीति से काम करना होगा तभी सफलता मिलेगी,। और महाराष्ट्र और झारखंड के होने वाले चुनाव बिहार के होने वाला चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी के लिए सबक है।

हरियाणा में, समाजवादी प्रमुख अखिलेश,यादव,, गठबंधन चाहते थे पर कांग्रेस ने नहीं,दिया,, मध्य-प्रदेश,, कमलनाथ की तरह अखिलेश यादव का दीपेंद्र हुड्डा ने भी अपमान,किया,,, और दूसरी बड़ी बात कांग्रेस वहां आम आदमी पार्टी के साथ भी गठबंधन नहीं किया जो कई सालों तक जमीनी स्तर पर हरियाणा में काम कर रही थी,,।