राजनीति विश्लेषण गोल्डन कुमार:-2024 का लोकसभा चुनाव का परिणाम आ,चुका है,, भले ही बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में 240 सीटों पर जीत दर्ज की,, लेकिन सरकार अल्पमत में रहेगी, उनको सरकार चलाने के लिए अपने सहयोगी दलों का बैसाखी की जरूरत है, भले ही राष्ट्रपति सबसे बड़े दल होने के नाते सबसे पहले नेता बीजेपी को ही देगी,, और प्रधानमंत्री मोदी शपथ भी लेंगे,, लेकिन असली खेल तो संसद में फ्लोर टेस्ट से होगा प्रोटेम स्पीकर तो सभी सांसदों को शपथ दिला ही देंगे,, लेकिन असली खेल लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव में होगा नीतीश कुमार की पार्टी लोकसभा अध्यक्ष का पद अपने पास रखना चाहेगी क्योंकि लोकसभा अध्यक्ष कि संसद को कब निलंबित करना है सस्पेंड करना है कैसे करना है संसदीय कार्य प्रणाली का पूरा सिस्टम अपने हाथों में रखना चाहती है,, और बीजेपी में अंदर खाने गुटबाजी शुरू होने तय हो,चुका है,, बीजेपी के कई सीनियर नेता नहीं चाहते कि मोदी और अमित शाह अब भारतीय जनता पार्टी में नेतृत्व करें, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी नहीं चाहती,, जैसे लाल कृष्ण आडवाणी के साथ नरेंद्र मोदी ने किया मुरली मनोहर जोशी के साथ नरेंद्र मोदी ने किया अब बीजेपी में ऐसा नेता की जरूरत है जो मोदी और अमित शाह के साथ वही,हश्र करें,,, बिल्कुल भारत की राजनीति ऐसे चक्रव्यूह में फस गई है,, भारतीय जनता पार्टी पूर्ण बहुमत में सरकार की तरह अपनी मनमानी नहीं कर सकती,, छोटे से छोटे फैसला भी मिल कर लेने होंगे,, और पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को,, मिली जुली सरकार अटल बिहारी वाजपेई की तरह चलाने का कोई अनुभव नहीं है,,। जनता दल यूनाइटेड के नेता बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं तेलुगू देशम पार्टी के नेता चंद्रबाबू नायडू मोदी के नाम पर और गृह मंत्री अमित शाह के नाम पर बिल्कुल स्वीकार नहीं करेंगे,, क्योंकि यह दोनों नेता नरेंद्र मोदी से भी काफी सीनियर,है,, राजनीति के अनुभवी है पहले भी केंद्र में मंत्री रह,चुके हैं,,। और इनको यह बात भी समझ में आ रहा है अगर भाजपा पूर्ण बहुमत में रहती तो उनका कोई इज्जत नहीं रहता,,। बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा का बयान आया था क्षेत्रीय दलों को खत्म करना राजनीति की अच्छी बात है और दोनों क्षेत्रीय दल है,। नीतीश कुमार भी एक बार आरोप लगा चुके थे बीजेपी हमारी पार्टी को तोड़ने की साजिश कर रही है, यह कहकर राष्ट्रीय जनता दल महागठबंधन के साथ मिलकर के बिहार का सरकार चलाएं,, इंडिया गठबंधन का न्यू नीतीश कुमार ने रखा था,,, चंद्रबाबू नायडू के खिलाफ भी साजिश करके उनको भी सत्ता में जब भारतीय जनता पार्टी दिल्ली की सत्ता में थी तो उनको भी जेल डालने का काम हुआ था,, अपनी अहमियत और आने वाला इतिहास और आने वाली,पीढ़ी को देखते हुए यह पार्टी यह दोनों पार्टी के नेता ऐसी छोटे-मोटे मुद्दे एवं किसी बड़े सौदेबाजी के बिना बीजेपी को समर्थन नहीं कर सकते,, सबसे पहले तो गृह मंत्री के नाम पर यह नेता, अमित शाह को हटाना चाहते हैं,, नीतीश कुमार तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी ज्यादा सीनियर है, हालांकि बीजेपी जब पुर्ण में बहुमत में थी तो नीतीश कुमार जैसे छोटी पार्टी का कोई इज्जत नहीं होता था,,, नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू जो बहुत पुराने नेता है वह छोटे-मोटे मंत्रालय से नहीं मानने वाले रेलवे होम मिनिस्टर,, औद्योगिक ऊर्जा,, बड़े मंत्रालय मांगेंगे और बीजेपी को हमेशा दबाव में रखेंगे। साथ ही आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा एवं नीतीश कुमार भी बिहार विशेष राज्य का,दर्जा,,, नीतीश कुमार का सामाजिक न्याय आर्थिक सामाजिक जनगणना,, उनका सेकुलर छवि,, और बीजेपी का छवि मुस्लिम विरोधी है,, और यह राजनीति का समीकरण इन दोनों नेताओं के साथ बीजेपी का बिल्कुल बैठ नहीं रहा है सरकार कब गिर जाएगी कोई कहा,जा सकता,।
देश में भले ही बीजेपी की गारंटी छोड़ करके,, भले ही मोदी की गारंटी बोल रहे हैं,, लेकिन चंद्रबाबू नायडू,और देश के पलटी मार पॉलीटिशियन,,, कब पल्टी मार देंगे,,,, इसका गारंटी कोई नहीं ले सकता मोदी भी नहीं ले सकते,, और बीजेपी इन,दोनों से बीजेपी के कई नेता उनके गठबंधन के,कई नेता मोदी और अमित शाह से,छुटकारा,,पाना चाहते हैं।