राजनीतिक विश्लेषण:-भारत की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी भारतीय जनता पार्टी अगर इस पार्टी में कार्यकर्ताओं से ज्यादा वैल्यू हो बाबा का मिल रहा है,,। चाहे आप क्षेत्रीय स्तर पर देखो या राष्ट्रीय स्तर पर,, सबसे पहले राष्ट्रीय स्तर पर देखेंगे बाबा रामदेव , जिनका 2014 में भाजपा सरकार बनवाने के लिए, आस्था चैनल में ब्रेनवाशिंग और लोगों का कार्य किया,धीरेंद्र शास्त्री,, प्रदीप मिश्रा,, इनका जो भी टिप्पणी देखो तो भाजपा के सपोर्ट में रहता है, इनका भी देश के लोगों को भक्त लोगों को ब्रेनवाशिंग एवं लोंबिग बीजेपी के सपोर्ट में करते रहते हैं, इन बाबा का मुस्लिम विरोधी भी कई टिप्पणी आ चुका है, धार्मिक टिप्पणी, पर चुनाव आयोग और कानून से बच जाते हैं, क्योंकि शासन में भाजपा है,, इन बाबा ओ का कार्य प्रणाली भाजपा के सपोर्ट में रहता है,,। जैसे धीरेंद्र शास्त्री कहते हिंदू राष्ट्र बनाना है,, पहले धीरेंद्र शास्त्री को एक हिंदू जिला बनवाने के लिए कार्य करना चाहिए,,, अगर हिंदू जिला सक्सेसफुल होता है तब हिंदू राष्ट्र हिंदू राज्य की कल्पना करना चाहिए,, एक है प्रदीप मिश्रा, जो कहते हैं मोदी जब तक है तब तक, देश है,, तो मतलब प्रदीप मिश्रा के अनुसार मोदी नहीं रहेगा तो भारत देश नहीं रहेगा,। एक है धीरेंद्र शास्त्री जिनका कई विवादित टिप्पणियां आती है,,। इन बाबाओं का सीधे बीजेपी का सपोर्ट रहता है, और कार्यकर्ता से ज्यादा वैल्यू इन बाबा का बीजेपी में है,। भारतीय जनता पार्टी में तो लोकतांत्रिक प्रक्रिया से अध्यक्ष चुनाव भी खत्म हो गया, पार्लियामेंट्री बोर्ड तय करेगा कि कौन होगा भाजपा का अध्यक्ष,, यानी इस पार्टी में,, आम कार्यकर्ता का कोई वैल्यू नहीं है, अपना अध्यक्ष भी नहीं चुन सकते,,। और पार्लियामेंट्री बोर्ड में कौन रहेगा यह बड़े स्तर के कॉर्पोरेट तय करेंगे,। बीजेपी में कई क्षेत्रीय स्तर पर भी बाबा है उनका अपना-अपना वैल्यू है, राष्ट्रीय स्तर बाबा है उनका राष्ट्रीय स्तर में वैल्यू है। प्रदेश स्तर में जो बाबा है उनका प्रदेश स्तर में वैल्यू है। यानी भारतीय जनता पार्टी में बाबा बनने पर ज्यादा वैल्यू बनता है। खैर आस्था अपनी जगह है, बाबा लोगों को तो राजनीति से दूर रहना चाहिए,, क्योंकि साधु का कोई जाति नहीं होता,, साधु वही बनता है जो मोह माया को त्याग करता है, तो इन बाबा लोगों को सत्ता से क्या मतलब,? लेकिन खासतौर पर बीजेपी की सत्ता से इनका क्या मतलब रहता है यह देश के जनता को समझना होगा,। क्योंकि, पेट में दाना रहता है तभी भजन सुनना पड़ता है और भजन अच्छा लगता है। पेट में दाना होता है तभी देशभक्ति जागती है,। लेकिन मनुष्य का मुख्य आवश्यकता रोटी कपड़ा मकान और चिकित्सा है,, देश की वास्तविक मुद्दा है। पर यह बाबा लोगों को देखोगे तो वास्तविक मुद्दा पर लोगों को भड़काने का काम करते हैं। वास्तविक मुद्दों को छुपाते हैं। अन्य पार्टी से भी लोग जाते हैं लेकिन यह बाबा लोग दूसरे पार्टी को वैल्यू कम देते हैं भले आशीर्वाद तो देना ही पड़ता है। लेकिन दिल भले ही उनके तरफ रहता है लेकिन सपोर्ट इनका अधिकतर भाजपा की ओर रहता है,, ऐसा क्यों रहता है इसी बात को समझना है?