, राजनीति विश्लेषण गोल्डन कुमार:-पूरे देश भर में आम चुनाव की घोषणा हो चुकी है,, छत्तीसगढ़ के, जीते हुए विधायकों एवं राज्य सरकार के लिए अग्नि परीक्षा से कोई कम नहीं है,, क्योंकि छत्तीसगढ़ का चुनाव लोकसभा चुनाव से पहले विधानसभा चुनाव हो चुका है, और अगला विधानसभा चुनाव 2028 में होगा, छत्तीसगढ़ में अगला चुनाव 2028 में होगा तो 2024 में हुए परिणाम और 2023 के हुए विधानसभा के परिणाम के वोटो के समीकरण को आंकड़े को ही निकाल कर टिकट देना है कि विधायक का टिकट काटना है कौन से नेता ने अच्छा काम किया इसका पैमाना केवल निकालने के लिए 2023 का 24 का लोकसभा चुनाव है,। भले ही बीजेपी की सरकार छत्तीसगढ़ में बन गई है,, जैसे 2018 में कांग्रेस की सरकार बनी थी लेकिन लोकसभा 2019 के चुनाव में कांग्रेस बुरी तरीका से हार गई थी, यह कांग्रेस पार्टी के लापरवाही का हो गया बेवकूफी जो 2023 में हार का मुख्य कारण वही घिसे पिटे नेताओं को फिर से टिकट दे दिया इस कारण उनका बढ़ी हार हुई,, लेकिन बीजेपी ऐसा नहीं है कब किसका टिकट काट दे और किसी नए नेता को मौका दे दे कुछ कहा नहीं जा सकता ऐसा ही 2023-24,चुनाव परिणाम को देखकर के 2028 विधानसभा चुनाव में बिल्कुल संभव है, राजनीति और चुनाव में कुछ कहा नहीं जा सकता,, लेकिन राजनीति में वोट परसेंट तुम्हारे विधानसभा क्षेत्र में कितना वोट पर वोट परसेंट भाजपा एवं कांग्रेस को मिला है इसका अंतर आने वाला 2018 में चुनाव में टिकट पर निर्भर करेगा कि किस विधायक का परफॉर्मेंस कैसा रहा है,। यानी जीते हुए विधायक अगर लोकसभा चुनाव में अच्छा परिणाम नहीं दिला पाए तो उनका 2028 में टिकट कटना बिल्कुल गारंटी है। उनकी कार्यप्रणाली और लोकप्रियता पर बिल्कुल 2024 का लोकसभा चुनाव अग्नि परीक्षा है,। इसलिए आप देख रहे हो गए कि जो भी सिटिंग विधायक है लगातार मेहनत कर रहे हैं,। अपना वोट परसेंट बना रहे किसी भी प्रकार का उसमें कमी ना आए ताकि फिर से चुनाव लड़ने में किसी भी प्रकार का दिक्कत ना हो क्योंकि राजनीति केवल आंकड़े को देखा जाता है कि 2023 में आपका क्या परिणाम मिला है और 2024 के लोकसभा चुनाव में आपका वोट परसेंट कितना कम हुआ है और कितना बढा़ है,। क्योंकि भाजपा के सिटिंग विधायकों के क्षैत्र अगर वोट परसेंट कम होता है तो सीधे उनको 2028 के लिए परेशानी दिखाई में देगा। यह समस्या केवल भाजपा के लिए नहीं कांग्रेस के जीते हुए एवं हारे हुए विधायकों को पुनः टिकट पाने के लिए भी यही समस्या 2024 में बिल्कुल अग्नि परीक्षा की तरह काम कर रही है। क्योंकि 2024 के परिणाम और 2023 के विधानसभा चुनाव के परिणाम क्योंकि ज्यादा दिनों का अंतर नहीं है उसका पूरा आंकड़ा प्रत्येक पोलिंग बूथ से निकाला जाता है और विधायकों का परफॉर्मेंस देखा जाता है,, पार्टी पुन: टिकट के लिए हर चीज का आंकड़े देखा जाता है सर्वे रिपोर्ट देखा जाता है लेकिन सबसे पहला सर्वे रिपोर्ट जनता ही सबसे बड़ी मलिक होती है लोकतंत्र में तो जनता के आंकड़े केवल लोकसभा चुनाव में ही मिलेगा। यह इसलिए भी है क्योंकि राज्य सरकार यहां नया सरकार बना है विष्णु देव साय यहां के मुख्यमंत्री हैं,,, सरकार सौ दिन पूरा कर चुकी है, महिलाओं को अपने घोषणा पत्र में 1000 प्रति महीना महिला वंदन योजना की राशि दे चुकी है, किसानों को समर्थन मूल्य धान की अंतर की राशि दे चुकी है 2 साल का बकाया बोनस दे चुकी है, अगर ऐसे में भी किसी विधायक का के क्षेत्र से भाजपा का वोट परसेंट अगर काम होता है तो उसे विधायक के लिए 2028 में विधानसभा चुनाव में टिकट काटने से ब्रह्मा भी नहीं रोक सकता। क्योंकि उनका टिकट काटने का मुख्य बहाना मिल जाएगा। इसीलिए देखे होंगे जो सेटिंग विधायक है बीजेपी के सबसे ज्यादा मेहनत कर रहे हैं। और यहां का चुनाव 2009 ,2014,लोकसभा 2004 लोकसभा 2019 का लोकसभा भाजपा के लिए अच्छा रहा है भले ही दो लोकसभा में भाजपा की सरकार दिल्ली में भले ही नहीं रही,, दिल्ली में सरकार बने या ना बने छत्तीसगढ़ से भाजपा अच्छे लोकसभा के सीट यहां से आंकड़े लाई है,।
उदाहरण के लिए महासमुंद से सिटिंग विधायक चुन्नीलाल साहू का टिकट कट गया, क्यों कट गया इसका उत्तर किसी के पास नहीं है, इसलिए नहीं है क्योंकि भाजपा कई सांसदों को 2023 का विधानसभा चुनाव लाड़वा चुकी है टिकट ही काटना था तो विधानसभा में मौका दे देना था यानि पहले से कोई रणनीति इसका नहीं था, चुन्नीलाल साहू को टिकट बाद में काटा गया,, यानी चुन्नीलाल साहू को टिकट घोषणा होने के बाद इसका पता चला और उनके समर्थकों को,, और लोकसभा चुनाव, पूरे देश भर में कड़ी धूप में होती है, इसके लिए भाजपा ही चुनाव से पहले अटल बिहारी वाजपेई के समय आ गई, तब से लोकसभा चुनाव गर्मी के दिनों में, पहले 6 महीने पहले होता था गर्मी के दिनों में चुनाव बिल्कुल सही नहीं है यह समय लेवल चेंज होना चाहिए पहले की तरह होना चाहिए वोट परसेंट भी अच्छा रहता है, राजनीतिक पार्टियों को अधिक खर्च उठाना पड़ता है धूप में टेंपरेचर में रैली सभा करना पड़ता है,।। विधानसभा 23 के परिणाम और 2024 लोकसभा के चुनाव के परिणाम 2018 चुनाव के लिए आंकड़े बिल्कुल नतीजा कई आंकड़े को प्रदर्शित करेगी जो विधायकों का परफॉर्मेंस देखेगी,।