श्री गुरु ग्लोबल न्यूज:-इन दोनों घरेलू एवं किसानों को वोल्टेज की समस्या से ही झुझना पड़ रहा है,, विद्युत सप्लाई को समांतर करने के लिए बिजली विभाग को बिजली कटौती करना पड़ रहा है,, बिजली विभाग वाले सफाई दे रहे हैं कि ओवरलोड हो रहा है,, तो सवाल उठता है ओवरलोड किसे कहते हैं? ओवरलोड क्या होता है,?, तो उत्तर यही है ओवरलोड मतलब जितना सप्लाई मिल रहा है मांग डिमांड उससे ज्यादा है, यानी बिजली विभाग ज्यादा कनेक्शन बांट दिया है या फिर अवैध कनेक्शन हो सकते हैं,। यानी बिजली विभाग के इंजीनियर साहब ने जहां से मन किया वहां से कनेक्शन दे दिया, उसको नहीं देखा कि यह ग्रामीण फीडर है कि एग्रीकल्चर फीडर है,। मतलब कनेक्शन देने वाला साहब जिम्मेदार है, कनेक्शन देने वाला लाइनमैन जिम्मेदार है,,जो ईमानदार उपभोक्ता जो हमेशा विद्युत भुगतान करते हैं उसको दिक्कत हो रहा है। विद्युत कनेक्शन लेने समय कई अनुबंध में साइन करना होता है, यानी आप अनुबंध में दो एचपी का कनेक्शन लिया है तो आप दो एचपी का ही मोटर चला सकते हैं, कई जगह किसान उसमें 3 hp डाल देंगे तो ओवरलोड होगा ही,, एक , कनेक्शन है,, एक कनेक्शन के नाम पर दो मोटर चला रहे हैं, अगर ओवरलोड हो रहा है तो यही सब बिजली विभाग को देखना चाहिए,, तो सवाल उठता है लापरवाही किसकी है, तो ऐसा मामला सामने आता है तो बिजली विभाग की लापरवाही है,, एवं दूसरे नजर से देखें तो गवर्नमेंट भी जिम्मेदार है लगातार वाटर लेवल गिर रहा है, फसल चक्र अपनाने के लिए प्रेरित करना चाहिए यानी जो किसान फसल चक्र लाते हैं उनको अलग से सब्सिडी देना चाहिए, किसान जीवन ज्योति योजना किसानों को बिजली में सब्सिडी मिलता है उसका मूल्यांकन करना चाहिए, यानी गवर्नमेंट को जितनी क्षमता है उतना कनेक्शन का ही अप्रूवल करना चाहिए, ताकि सभी को समांतर विद्युत सप्लाई मिल सके, लेकिन अभी 16 मार्च है लेकिन 1 अप्रैल से 20 अप्रैल 2024 तक एवं नवरात्रि के समय बिजली विभाग के लिए सबसे क्रिटिकल समय रहेगा क्योंकि डिमांड उससे समय और ज्यादा बढ़ जाता है, अगर पहले से इसको ध्यान नहीं दिया गया पहले से इसको सुधार नहीं किया गया तो उपभोक्ता को और दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है,। जिला गरियाबंद छत्तीसगढ़, छुरा फिंगेश्वर, विकासखंड के किसानों एवं उपभोक्ता को, वोल्टेज की समस्या के लिए एक ही उपाय है 132 केवी उपकेंद्र यहां लगा,, इसके लिए प्रयास करना चाहिए, गवर्नमेंट से इसको स्वीकृत करने के लिए प्रयास करना चाहिए इसका वही उपाय है, क्योंकि यहां से जो सप्लाई है महासमुंद विद्युत उपकेंद्र से है, जिसकी दूरी 45 किलोमीटर है, वहां से सप्लाई सही नहीं आ रही है, यानी 33000 वोल्टेज नहीं आ रहा है, 33000 वोल्टेज नहीं आ रहा है तो 11000 आपके ट्रांसफार्मर तक वोल्टेज नहीं पहुंच रहा है, 11000 ट्रांसफार्मर तक आपके वोल्टेज नहीं पहुंच रहा है तो 440 वोल्टेज आपके खेत तक नहीं पहुंच रहा है, 220 वोल्टेज आपके घर तक बिल्कुल नहीं आ सकता, आपके घर तक कितना वोल्टेज आ रहा है,,।