श्री गुरु ग्लोबल न्यूज:-, राजनीति एवं कानून विशेषज्ञ गोल्डन कुमार,नागरिकता संशोधन अधिनियम लोकसभा एवं राज्यसभा में आज से 4 साल पहले ही पास हो गया था तो इसे ठीक चुनाव के वक्त लागू क्यों किया गया,, इस वक्त लागू किया गया जब देश में हिंदू मुस्लिम का चुनाव में तनाव हो,, और हिंदू मुस्लिम में मुद्दे को भटका करके,, वोट को पोलराइज किया जा सकता है,,, लेकिन फिलहाल की स्थिति में जो नागरिकता संशोधन का विरोध कर रहे हैं उससे बड़ा मूर्ख कोई नहीं है,,,संविधान में पूर्ण बहुमत लाने के बाद संसद में इसे पलटा भी जा सकता है इस समय विरोध करने से कोई मतलब नहीं है,, विपक्ष को वास्तविक मुद्दों पर चुनाव लड़ना चाहिए और बीजेपी के पिच पर बैटिंग और बॉलिंग करेंगे तो विपक्ष जरूर लोकसभा चुनाव में ग क्लीन, बोल्ड हो जाएगी,। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इनको लागू कर दिया लेकिन कई भाजपा के समर्थन इसको अच्छा बता रहे हैं लेकिन इसके दुष्परिणाम भी सामने आएंगे,, इसमें बांग्लादेश पाकिस्तान,, अफगानिस्तान भारत के पड़ोसी देश से अल्पसंख्यक को यहां नागरिकता मिलेगी,,, तो पॉइंट की बात इसमें यह है अगर मुस्लिम हिंदू धर्म अपना लेते हैं तो वह भी यहां नागरिकता ले सकते हैं, जो नागरिकता कानून का समर्थन कर रहे हैं यह चीज नहीं सोच रहे हैं, अच्छी बात है हिंदुओं की संख्या बढ़ोतरी होगी, लेकिन इससे लाभ क्या मिलेगा,?,क्योंकि किसी के माथे पर नहीं लिखा रहता है कि यह हिंदू है मुस्लिम है कि सिख है,, की जैन है कि बौद्ध है,,। और इसका अभी भी खामिआजा पूर्वी भारत के लोग भुगत रहे हैं असम मणिपुर,, जहां बांग्लादेशी शरणार्थी है, दिल्ली हरियाणा पंजाब जम्मू कश्मीर, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के शरणार्थी आ गए हैं, इसको अलग-अलग क्षेत्र में बसाने की तैयारी चल रही है,,, कोई भी सरकार पूर्ण बहुमत में रहती है तो अपने हिसाब से फैसला लेती है अब यह लोकतंत्र में जायज भी है क्योंकि जनता ने उन्हें बहुमत दिया है,, लोकतंत्र में यह वोट बैंक बनाने का बिल्कुल प्रक्रिया है आज बीजेपी कर रही है कांग्रेस पहले भी कर चुकी है। प्रत्येक राजनीतिक पार्टी अपना वोट बैंक तैयार करती है कोर वोट बैंक तैयार करती है,,,.