श्री गुरु ग्लोबल न्यूज:-पूरे देश भर में लोकसभा की चुनाव है,, चुनाव में किसान किस पार्टी को सपोर्ट करेंगे उसका विश्लेषण करते हैं,, छत्तीसगढ़ में खरीफ फसल की धान का भाव समर्थन मूल्य₹3100 है,, धान का बोनस मिला करके,, पिछले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से जब पत्रकारों ने सवाल किया जब आप छत्तीसगढ़ में इतना दे सकते हैं तो पूरे देश भर में क्यों नहीं तो भूपेश बघेल ने यही कहा हमारा दिल्ली में सरकार नहीं है दिल्ली में सरकार होता तो बिल्कुल पूरे देश भर को मिलता, और कांग्रेस ने किसानों के लिए एम एसपी की कानूनी गारंटी का वादा किया कर दिया है, किसानों का समर्थन मूल्य 2183 है,, 2024_25 का घोषणा अभी धान का कितना भाव है अभी नहीं हुआ है,, धान का नया भाव जून के महीने में तय होगा,, लेकिन छत्तीसगढ़ और साउथ के कुछ राज्य तेलंगाना आंध्र और तमिलनाडु में रवि फसल में धान की खेती होती है, कई क्षेत्र में नहर से होती है और कई ट्यूबेबल के माध्यम से,,, धन रवि फसल का उसना चावल बनता है जो बिहार पश्चिम बंगाल उत्तर प्रदेश, विदेश तक सप्लाई होती है,, लेकिन रवि फसल के किसानों का धान का भाव होने पौने बिकता है,,। जो कृषि उपज मंडियां है वह सरकार के समर्थन मूल्य जो भाव है , उतना में कोई खरीदने ही नहीं है,,, धान का समर्थन मूल्य अधिक है लेकिन प्रति कुंतल मंडी में 1800 19 00 रुपए प्रति कुंतल मंडी,में खरीदी शुरू होती है।, यानी किसानों को जो सरकार का समर्थन मूल्य है उतना भी नहीं मिलता और इसमें किस कुछ नहीं कर सकते, क्योंकि msp का कानूनी गारंटी नहीं है, जैसे कोई भी कंपनी अपने सामान का रेट तय करती है एमआरपी लेकिन किसानों को अपना अनाज का भाव msp तय नहीं कर सकते,, किसान लोग दिल्ली से कांग्रेस को इसलिए हटा दिए क्योंकि किसान उन पर ठीक से काम नहीं किया, भाजपा का सरकार बना उन्होंने भी किसान के लिए ठीक से काम नहीं किया, किया या नहीं किया यह किसानों के बीच अंदर की बात है,, यानी जो भाव छत्तीसगढ़ में मिल सकता है जहां भाजपा की डबल इंजन सरकार है तो पूरे देश भर में क्यों नहीं मिल सकता यह सवाल है,, सबसे ज्यादा सीट देने वाला उत्तर प्रदेश भाजपा की सीट देने वाला राज्य जहां किसानों का धान का भाव₹1500 प्रति कुंतल 16 सो रुपए प्रति कुंटल में बिकता है,, यानी जो भाव बाजार में मिलना चाहिए सरकारी एम एस पी के हिसाब से वह नहीं मिलता है, यानी उत्तर प्रदेश के किसान भाजपा को फिर से सरकार बना देंगे यह सवाल सबसे बड़ा है, ऐसा ही कई राज्यों में स्थित है जहां भाजपा की सरकार है, भाजपा सरकार ने किसान सम्मन निधि तो दे रही है लेकिन उसके बदले में कई कृषि वस्तुओं के दाम बढ़ा दिए हैं युरिया डीजल अन्य कृषि सामग्री का भाव बढ़ गया है यानी इधर से दे रहे हैं उधर से निकाल रहे हैं।
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धान का बोनस मिला करके भले ही छत्तीसगढ़ में 3100 है किसानों को रही फसल का धान जितना सरकारी समर्थन मूल्य है उतना भी मिलेगा या नहीं इसका गारंटी कोई नहीं ले रहा है कोई भी दावे के साथ नहीं कह सकता 2183 रुपए से कम भाव धान का आपका नहीं बिकेगा,, तो किसान किसका सपोर्ट करेंगे जो कानूनी गारंटी दे रहा है उसका,, अगर धान का भाव समर्थन मूल्य से कम कोई खरीदना है तो किसान उसका कुछ नहीं कर सकते क्योंकि ऐसा कोई कानूनी गारंटी नहीं है,,, मतलब जो किसान कर्ज से लगे हुए हैं किसानों के पास रखने की क्षमता नहीं है तो बेंचेगे ही चाहे कोई भी भाव में बिके।