आचार संहिता लगते ही, पॉलिटिकल पार्टियों को छोड़ो सीबीआई ED भी इंडिया गठबंधन की ओर आ जाएगी!

The Shri Guru global news national political news:-पिछले चुनाव 2019 में 10 मार्च को आचार संहिता लगी थी चुनाव का नोटिफिकेशन आया था,, इस बार 2024 में 13 मार्च के बाद कमी भी आचार संहिता लग सकती है,,। जो इंडिया गठबंधन के बारे में गोदी मीडिया न्यूज़ चला रहे थे इनका गठबंधन नहीं होने वाला और वह अचानक समय रहते हो गया,, गठबंधन कांग्रेस के साथ समाजवादी पार्टी का गठबंधन होने के बाद अखिलेश यादव ने कहा देर आए दुरुस्त आए। उसके बाद आम आदमी पार्टी और कांग्रेस की गठबंधन हुई दिल्ली और गुजरात में,। दिल्ली का चुनाव ऐसी स्थिति में हो गई है कि बिना मिली-जुली गठबंधन के बीजेपी को अब चुनावी में बराबरी के मुकाबले में हो गई है। चुनाव में कुछ कहा नहीं जा सकता कुछ भी परिणाम आ सकते हैं। लेकिन देश में संवैधानिक संस्थाएं ed सीबीआई का जिस प्रकार का इस्तेमाल हुआ,, कई पॉलिटिकल पार्टियों चुनाव आचार संहिता लगने के बाद अपना रुख इंडिया गठबंधन की ओर बदलने की ओर दिखाई दे रहे हैं। अखिलेश यादव pda की बात कर रहे हैं, यानी पिछड़ा दलित आदिवासी अल्पसंख्यक, राहुल गांधी जातिगत जनगणना,, आरक्षण में बढ़ोतरी,, एवं किसानों को एमएसपी यानी मिनिमम सपोर्ट प्राइस देने के लिए घोषणा कर चुके हैं,, उसके बाद 3 मार्च को बिहार के पटना में बहुत बड़ी रैली गांधी मैदान में होने वाली है,,, बिहार को विशेष राज्य की दर्जा देने के लिए घोषणा इंडिया गठबंधन कर सकती है। मनोवैज्ञानिक रूप से देखें तो बीजेपी भले ही 400 सीट जीतने का हवा में बात कर रही है लेकिन बीजेपी को अभी से एहसास हो गया है की एक-एक सीटों को लिए संघर्ष करना पड़ेगा,, पिछले 2019 के चुनाव में दिल्ली के सातों सीट,जीते थे,,, वह भी मुकाबला जबरदस्त हो गया है,, यूपी में 60 से अधिक संसद की सिट जीते थे वहां भी बराबरी बराबरी का मुकाबला है,, बिहार में नीतीश कुमार फिर से बीजेपी की ओर जाने में और तेजस्वी यादव की जन विश्वास यात्रा ने पूरा बिहार का माहौल बदल दिया है,,, पश्चिम बंगाल में त्रिमूल कांग्रेस की ममता बनर्जी फिर से कांग्रेस की ओर अपना रुख साफ कर दिया है यानी वहां भी इंडिया गठबंधन चुनाव लड़ेगी, और महाराष्ट्र में शिवसेना,एन सी,पी को जिस प्रकार दो भागों में बंट गया है,, वहां, बीजेपी के लिए मराठा आरक्षण एवं पिछड़ा वर्ग आरक्षण,, बीजेपी का माहौल अच्छा नहीं है वहां लोकल चुनाव नगर निगम और नगर पंचायत का चुनाव टाल रहे हैं बीजेपी को हार का डर दिखाई दे रहा है। और बीजेपी को अभी वर्तमान में विधानसभा चुनाव जीतने वाली राज्य मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ और,, राजस्थान में जिस प्रकार के नए मुख्यमंत्री बने हैं और पुराने नेताओं को बिल्कुल,, शासन से बिल्कुल दूर कर दिए हैं वहां भी माहौल खराब है,, नई नवेली नेताओं को जिस प्रकार के मंत्री बना दिए हैं वहां जनता के बीच अच्छा माहौल बिल्कुल नहीं है,, दिल्ली में हवा का रुख बदलाव की ओर ऐसा एहसास दिखाई दे रहा है जिस प्रकार भी आगरा में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पार्टी के साझा कार्यक्रम भारत जोड़ो न्याय यात्रा में दिखाएं, दिया,, जिस प्रकार की भीड़ दिखाई दी जिस प्रकार जनता में माहौल दिखाई दिया वह बिल्कुल उत्तर प्रदेश का राजनीति का समीकरण बदलाव की ओर संकेत कर रहा है,, उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी की समस्या बड़ी है,, देश में नौजवान और किशन बीजेपी से खास नाराज दिखाई दे रहे हैं,, एवं महंगे पेट्रोल डीजल की बढ़ती महंगाई एवं रोजगार सबसे बड़ी समस्या है। बीजेपी के लिए 2024 2014 और 2019 के चुनाव से बिल्कुल अलग माहौल बन गया है।

सरकारी ब्रोक्योसी से किसी के नहीं होते जिनके सरकार होती है उसी के हिसाब से काम करते हैं या पहले से भी था लेकिन जिस प्रकार भाजपा ने संवैधानिक संस्थाओं को इस्तेमाल किया है आने वाला समय में दूसरे आने वाला समय में दूसरे पॉलिटिकल पार्टियों करने लग गए यह देश के लिए घातक है और इसमें जिम्मेदार कोई होगा तो वह भाजपा ही होगी, जो उनके साथ हो रहा है अगर उससे भी ज्यादा बुरा जो परिया दिल्ली की सरकार में बैठ गई वह करने लग जाए तब क्या होगा,, और बिल्कुल वही होने वाला है आने वाला समय में।, वही कानून सबके लिए लागू होता है और वही कानून पॉलिटिकल पार्टियों की तोड़ने के लिए बीजेपी की तरह जो दिल्ली में सरकार बैठ गई वह करने लग गए तो बीजेपी भी है राम हे राम करने लग जाएगी,।। लेकिन वर्तमान स्थिति के हिसाब से भाजपा ही,, वर्तमान भाजपा को,हराने,, वाले हैं क्योंकि बीजेपी में भी अच्छे लोग हैं।,, यह पार्टी दीनदयाल उपाध्याय एवं अटल आडवाणी मुरली मनोहर के विचारधारा से बिल्कुल भटक गई है। पूरी तरीका से कॉर्पोरेट के चंगुल में फस गई है।

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