राजनीति विशेषज्ञ गोल्डन कुमार :-सबसे पहले महासमुंद लोकसभा सीट का इतिहास जानते हैं, महासमुंद लोकसभा सीट शुक्ल परिवार की विरासत की सीट रही है यहां से स्वर्गीय विद्याचरण शुक्ल कई बार सांसद बने और केंद्रीय मंत्री भी बने,, अभिभाजित मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय श्यामा चरण शुक्ल के भाई विद्या चरण शुक्ल कई बार सांसद रहे,, श्यामाचरण शुक्ल के पुत्र अमितेश शुक्ल राजिम विधानसभा के कई बार विधायक, एवं छत्तीसगढ़ शासन के प्रथम ग्रामीण विकास, एवं पंचायत मंत्री रहे,,, पर अमितेश शुक्ल महासमुंद लोकसभा सीट से कभी अपना दावेदारी नहीं किये,,, पर श्याम चरण शुक्ल के पुत्र 2019 के लोकसभा चुनाव में भवानी शंकर शुक्ला ने पार्टी से महासमुंद लोकसभा सीट में दावेदारी प्रस्तुत किया थे पर पार्टी ने उनका टिकट नहीं दिया,,, फिलहाल वर्तमान स्थिति में वह फिर मीडिया एवं अन्य माध्यम से उनका महासमुंद लोकसभा सीट से दावेदार ही दिखाई नहीं दे रहा है,,, अब बात करते हैं विनोद सेवेनलाल चंद्राकार की,, महासमुंद क्षेत्र के विधायक रह चुके हैं पार्टी ने 2023 के विधानसभा चुनाव में उनका टिकट नहीं दिया था उनको आने वाला भविष्य को देखते हुए पार्टी ने उनको टिकट नहीं दिया,,, लोकसभा के लिए संभावित के तौर पर प्लेन B की तरह काम कांग्रेस पार्टी पहले से रणनीति की तरह कार्य कर रही थी,, विनोद सेवेन लाल चंद्राकार लगातार केंद्र सरकार के ऊपर मीडिया एवं पब्लिक जनता के बीच लगातार मुद्दे उठा रहे हैं जैसे महंगाई बेरोजगारी किसानों की समस्या एवं अन्य पब्लिक की समस्याओं को केंद्र सरकार के जो भी कमियां है उसे पब्लिक के बीच उजागर करने का काम लगातार विनोद सेवेनलाल चंद्राकार कर रहे हैं,,।, 2019 के लोकसभा चुनाव में महासमुंद से कांग्रेस के प्रत्याशी के रूप में धनेद्र साहू रहे,,, जो अभनपुर विधानसभा के विधायक उस समय के विधायक थे,, एवं छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके थे,, पर वह लोकसभा सीट महासमुंद से जीत पाने में असफल रहे,,,,। वर्तमान स्थिति में विनोद चंद्राकर का नाम सबसे पहले चल रहा है कांग्रेस में,, और फिलहाल कांग्रेस पार्टी से अन्य दावेदार दिखाई नहीं दे रहा है,,। फिलहाल की राजनीतिक समीकरण के हिसाब से वर्तमान सांसद चुन्नीलाल साहू पुनः रिपीट करना मुश्किल दिखाई दे रहा है,,, 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी पार्टी 11 सीटों के सभी सांसदों के चेहरा बदल दिए थे,, बीजेपी का फिलहाल राष्ट्रीय अधिवेशन चल रहा है प्रधानमंत्री पहले ही बयान दे चुके हैं हमारा चेहरा कमल का फूल ही रहेगा यानी भाजपा हमेशा नहीं रणनीति करती है किसी को भी टिकट दे सकती है,, और बीजेपी जिसको भी टिकट में रिपीट करेगी सोच समझ कर फैसला लेगी सर्वे के हिसाब से फैसला लेगी कार्यकर्ता एवं नेताओं के हिसाब से फैसला देगी और वर्तमान भाजपा सरकार के कार्य के हिसाब से फैसला लेगी और राजनीतिक समीकरण के हिसाब से टिकट पर फैसला करेगी,, और बीजेपी में तो सबको मालूम है अनुशासन सबसे बड़ा चीज है,, और जिनका टिकट कट गया कुछ बोलना उनके लिए मुश्किल होता है,।
अगर कांग्रेस पार्टी विनोद चंद्राकर को महासमुंद लोकसभा से टिकट देती है तो भाजपा यहां से अजय चंद्राकर को भी उतार सकती है,, अजय चंद्राकर यानी इनका नाम अजय से है यानी कुरूद विधानसभा में अभी तक हारे नहीं है,, और राजनीति में यही कहते हैं वही घोड़े पर दांव लगाना चाहिए जो तेज दौड़ता है तेज भागता है,, जिनका करियर ठीक है जिनका समीकरण ठीक है,, जो हमेशा जीत रहा है,, और बीजेपी भी वैसा कर सकती है,। और 2023 का विधानसभा देखे हैं कांग्रेस पार्टी का हार का मुख्य कारण पुनः वही विधायकों को टिकट दे दिया जिनका जनता के बीच छवि खराब हो गया था,, विधायकों को निपटाने के चक्कर में जनता ने सरकार ही निपटा दिया और कोई बाद में सबको एहसास हो रहा है,, सबको यही लग रहा विधायक को ही बस चेंज करना है,,।
शोले फिल्म के गब्बर सिंह ने कह के गया है जो डर गया सो मर गया,, लेकिन कांग्रेस पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष,, फिलहाल भारत जोड़ो नया यात्रा कर रहे हैं वह कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं एवं देश की जनता को यही कह रहे हैं डरो मत,, स्टेरिंग सिस्टम का हाथ में आने वाला है।।