श्री गुरु ग्लोबल न्यूज:-छत्तीसगढ़ नहीं मनरेगा के अंतर्गत कई अन्य प्रदेशों में काम कर रहे हैं मजदूरों का कई महीना से भुगतान नहीं हो रहा है,,, क्यों नहीं हो रहा है क्या सरकार के पास पैसा खत्म हो गया,, क्या दिल्ली सरकार पैसा नहीं भेज रही है,, लेकिन अब तो केंद्र में भी बीजेपी का सरकार है और राज्य में भी बीजेपी का सरकार है,, अब तो पैसा नरवा घुरवा बाड़ी में तो नहीं लग रहा है,,, पिछले कई,कांग्रेस सरकार की योजनाएं बंद हो चुकी हैं,,, लेकिन बिजली बिल हाफ योजना चल रही है,, लेकिन केंद्र सरकार मनरेगा के बजट में कटौती कर रही है,, मनरेगा योजना,, सन 2005 में,,,, यूपीए सरकार के श्रम मंत्री रहे स्वर्गीय रघुवंश प्रसाद सिंह ने यह पॉलिसी बनाया था,, उस समय वह श्रम एवं रोजगार कल्याण मंत्री थे,,, मनरेगा जब योजना शुरू हुई,,,, पहले पोस्ट ऑफिस में पैसा आता था धीरे-धीरे अब राष्ट्रीयकृत बैंक में खाता खुल गया है,, अब सीधा मजदूरों का पैसा वही वही आता है,, लेकिन डिजिटल हो गया है लेकिन मजदूरों के भुगतान में इतना विलंब क्यों हो रहा है यह समझ से बाहर,,है,,,लेकिन मजदूरों के लिए यह सोचना है अब मोबाइल ऐप के जरिए फोटो खिंचवाते हैं मजदूर लोग तब पैसा आता है,, बिंदु के बाद केवल मजदूरों के लिए है,, तुम्हारे लिए ₹200 रहेगी रोजी के लिए सरकार फोटो खिंचवाओगे तब पैसा आएगा करके सिस्टम बना दिया है,,, लेकिन जिन्होंने यह सिस्टम मजदूरों के लिए बनाया है अपने लिए नहीं बनाया है,, यानी कोई भी सरकारी नौकरी अफसर अधिकारी कर्मचारी बाबू अन्य लोग के लिए भी बायोमैट्रिक फिंगरप्रिंट,, ऑफिस 11:00 बजे पहुंच रहे हैं और छुट्टी 5:00 हो रहा है,, उतना समय का भी फोटो वाला सिस्टम अपने लिए नहीं बनाए हैं और सरकार उनके लिए नहीं बनाया है केवल न्यूनतम दर सबसे, कम, जिसका मजदूरी है उनके लिए ही बस बनाया है,, तो मजदूर को चाहिए कि जब मजदूर के लिए है बन सकता है तो बड़े-बड़े अफसर टेक्नीशियन इंजीनियर उनके लिए क्यों नहीं बन सकता,, यानी सरकार को लगता है मजदूर ही फर्जी करते हैं,,, जिनका हजारों रुपए रोजी है,,, साथ में भत्ता भी है महंगाई भत्ता भी मिलता है,,, क्या उनके लिए नियम लागू नहीं हो सकता फोटो खींच आओगे तब आपका भुगतान मिलेगा,, ऐसा इसलिए लिख रहे हैं क्योंकि कई मजदूरों को फोटो समय पर नहीं खींचने की वजह से वापस उनको घर जाना पड़ रहा है यानी उनका रोजी बेकार,, पैसा समय पर नहीं पहुंचने पर नहीं मिलेगा सीधे काम से वापस भेज देते हैं,, आखिर यह सिस्टम मजदूरों के लिए बन सकता है तो सरकारी कर्मचारी अधिकारी के लिए क्यों नहीं बन सकता,, क्या सरकार केवल मजदूरों को फर्जी करते हैं ऐसा समझती है,,,, कई बड़े-बड़े अधिकारी कर्मचारी तो अपने ऑफिस में कई घंटा तक नदारत रहते हैं,,, समय पर नहीं पहुंचते और समय से पहले भी चले जाते हैं क्या उनके लिए फोटो खींचाने वाला सिस्टम नहीं हो सकता है,,, जबकि मजदूरों की अपेक्षा उनका रोजी और मजदूरी ज्यादा है,,
और हमारी दूर दृष्टि यही कहती है आने वाला समय में मजदूर और किसानों के, अच्छे दिन आ जाएंगे मनरेगा योजना को एग्रीकल्चर से जोड़ा जा सकता है,,, वह पॉलिसी बिल्कुल तैयार हो चुकी है,,, जब बड़े-बड़े कंपनियों के लिए सरकार मदद कर सकती है तो किसानों के पूरा भारत का अर्थव्यवस्था एग्रीकल्चर से जुड़ा है,, बस आधा पैसा सरकार देगी आधा पैसा मजदूरों को भुगतान किसान करेंगे किसान का भी विकास होगा और मजदूरों का भी,,,
श्री गुरु ग्लोबल न्यूज गोल्डन कुमार यादव की रिपोर्ट,,,,