श्री गुरु ग्लोबल न्यूज न्यू दिल्ली:- राजनीति विशेषज्ञ गोल्डन कुमार,,,,,,हम किसी भी हालत में समर्थन नही दूंगा – रामविलास पासवान.राज्य में किसी की भी सरकार नही बन पाने की स्थिति में राष्ट्रपति शासन लगना पड़ा.रामविलास पासवान का NO कहना, उन्हें और RJD को भारी पड़ा. और इस NO ने बिहार राज्य में एक अणे मार्ग का रास्ता नीतीश कुमार के लिए खोल दिया.◆◆फरवरी 2005.बिहार में विधानसभा के चुनाव हुए.RJD 75 सीट मिली. और रामविलास पासवान की LJP 29 विधायक जिताने में कामयाब रही.BJP 37 और JDU को 55 सीट आयी.तत्कालीन मुख्यमंत्री राबड़ी देवी जी ने इस्तीफा दिया. नई सरकार बनाने की जदोजहद की शुरुआत हुई.◆◆75 सीट लाने वाली RJD सबसे बड़ी पार्टी थी. कांग्रेस के पास 10, सी.पी.एम. सीपीआई के पास 4, CPI ML के पास 7, BSP के 2 और LJP के 29 विधायकों के समर्थन से आराम से सरकार बन रही थी.बहुमत के लिए 122 नंम्बर की जरूरत थी, और RJD खेमे के पास 127 से ज्यादा विधायक थे. लेकिन ?रामविलास पासवान ने गठबंधन में शामिल होने और RJD को समर्थन देने से इंकार कर दिया.कांग्रेस की बड़ी लीडरशिप के समझाने के बावजूद रामविलास पासवान नही माने. उन्हें कहा NO Means.. No हम किसी भी हालत में समर्थन नही दूंगा. इस एक NO से बिहार में राष्ट्रपति शासन लगा.◆◆अक्टूबर 2005सात महीने बाद बिहार में दुबारा चुनाव हुआ. जनता गुस्से में थी. ऐसा माहौल था जैसे जनता दुबारा चुनाव नही चाहती थी. जनता सबक सिखाना चाहती थी. पर किसे ?RJD को इस बार 55 सीट मिली.LJP को इस बार 10 सीट आयी.JDU को 88और BJP को 55 सीट = 143 (फूल माइलेज बहुमत)◆◆फरवरी माह में सरकार नही बनाने की सज़ा जनता ने LJP और RJD को. जनता ने LJP यानी रामविलास पासवान को सबक सिखाया, की उनके होश उड़ गए.लेकिन इसमें RJD भी पीस गयी, राज्य में उसकी साख को धक्का लगा.◆◆JDU और BJP ने 143 लाकर बिहार में सरकार बना ली, और यहीं से नीतीश कुमार का मुख्यमंत्री के रूप में अवतरित होते हैं जो 19 सालों तक जारी है.रामविलास पासवान ने NO की जगह अगर YES कहा होता तो 2005 में नीतीश कुमार मुख्यमंत्री नही बन पाते.लालू प्रसाद यादव और रामविलास पासवान का गठजोड़ कभी भी बिहार में BJP को सत्ता में आने नही देता.।