सुशासन की सरकार में अब कितना लगेगा,,,, #कमिशन!,,,

श्री गुरु ग्लोबल न्यूज:-(((((((रसेला स्टोरी))) विकासखंड (((()छुरा((())) जिला गरियाबंद छत्तीसगढ़,)))))))कोई भी काम सरकारी काम ठेका से होगा,, टेंडर निकालने में बीमारी और टेंडर देने में बीमारी,, और यही सिस्टम है कोई भी सरकारी काम लाइसेंस धारी, ठेकेदार को मिलता है,,, ,,जितना में ठेका लिया रहता है उस कम में,,,, काम करने वाला पेटी वाला ठेकेदार को दे दिया जाता है,,, संबंधित विभाग,,,जिसको ठेका लाइसेंस से ठेका मिला रहता है उन्हीं को कहती है,, फिर जो ठेका लिया रहता है पेटी में जिसको ठेका दिया रहता है उसको कहता है क्यों काम नहीं हुआ क्यों काम नहीं हो रहा है,,! यानी सरकारी काम में ही बीमारी है सबको पता है सरकारी है,, अपना घर का पैसा थोड़ी है सरकारी है,, सरकारी है मतलब पैसा खुद का खून पसीने का थोड़ी है,, जैसे आप अपना खुद घर बनाएंगे,, अच्छा से बनाएगे या तो खैर सरकारी है,, और सरकारी मतलब बीमारी,,,इसका कोई मां बाप नहीं है आप किसको पकड़़गें,,, जिसको ठेका मिला रहता है वह थोड़ी कम कर रहा है वह तो लाइसेंस लेकर के किसी और को ठेका दे देता है,, मतलब सिस्टम ने जिसको ठेका दिया वह किसी और को सिस्टम से दे दिया,, पैसा उसके खाते में जाएगा बिल पास होगा फिर वह निकाल करके पेटी वाला जो ठेका लिया रहता है काम कर रहता है उसको देगा,, जो लाइसेंस लिया रहता है खुद लाभ मुनाफा कमाएगा,,, और जो उसके अंतर्गत काम कर रहा है ऐसा तो हो ही नहीं सकता कि नहीं कामाएगा यानी कुछ बचाएगा,,, यानी 10 -20 साल के बाद पुन: फिर खराब होगा,, फिर टेंडर निकलेगा फिर वैसा ही होगा,,, सीमेंट का आयु निश्चित होती है छत को आधा तोड़ करके बनाया गया है मतलब नीचे का सीमेंट लगा है,,उसकी आयु अलग ऊपर ढलाई हुआ है उसकी आयु अलग,,, तो ऐसा टेंडर क्यों निकाला जाता है बनाना है तो पूरा सभी को फिर से बनाया या फिर नया भवन का टेंडर दीजिए,, इसको शुरू से पुनः निर्माण करना चाहिए,, ना इसमें बोर्ड लगा है कितना का कितना पैसा स्वीकृत हुआ है,,। इंजीनियर की बात छोड़ो मूर्ख से मूर्ख,, गांव का राजमिस्त्री भी होगा वह भी यही कहेगा की पुराना सीमेंट का दीवाल का आयु कम हो गया है,, और इसके ऊपर छत टिका हुआ है उसकी आयु नया है, अब छत बन गया है दीवाल तो जल्दी खराब होगा यानी छत से पहले दीवाल कमजोर हो जाएगा,,।

पिछले कांग्रेस के सरकार में हर चीज में सत्ता में आई पार्टी बीजेपी बहुत कुछ आरोप लगाई,, प्रत्येक टेंडर पूल पुलिया , भवन बिल्डिंग,सड़क, अन्य,, अब जनता को दिखाना है कि भाजपा और कांग्रेस में क्या अंतर है,,, लेकिन कांग्रेस सरकार में एक ही चीज दिखाई दिया छोटे-छोटे मीडिया को कोई वैल्यू नहीं देती थी इसलिए उसकी सरकार निपट गई,,, लोकतंत्र में मीडिया चौथा स्तंभ है चाहे बाद मीडिया छोटा मीडिया,, उन्होंने जमीन से जुड़े हुए मीडिया को वैल्यू नहीं दिया,, बड़े-बड़े मीडिया को पकड़े रहे और उन्हीं के फर्जी आंकड़ों में,, फर्जी एग्जिट पोल बनाया, और कांग्रेस उन्हें के भरोसे से सोई रह गई और सत्ता से निपट गई,, जैसे कछुआ और खरगोश के रेस में कछुआ जीत जाता है ,और कांग्रेस वैसा ही चुनाव से हार गई और सत्ता से बाहर हो गई।।,, कांग्रेस को बहुत सीटें जीतने का घमंड भी था,,, उनको ऐसा यकीन था सत्ता हमारे हाथ से नहीं निकलने वाली,,,, और अभी भी चुनाव क्यों हारे हैं उनको पता नहीं है,,।

guruglobal

Learn More →

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *