श्री गुरु ग्लोबल न्यूज न्यू दिल्ली:-नया साल अब पूरे भारत में अंग्रेजी महीने से पूरा सिस्टम चलने के कारण मानते हैं,, लेकिन हिंदू के हिसाब से नया साल चैत में शुरू होता है,, और मुस्लिम के लिए मोहर्रम से शुरू होता है,, सिख के लिए बैसाखी को नया साल मानते हैं,, वैसे तो हर दिन हर के लिए नया है वैसे मैं हफ्ता भी होना चाहिए नया महीना होना चाहिए, वैसे हर दिन ही नया है,, भारत 200 साल अंग्रेजों के गुलाम रहने के बाद यह परंपरा अपना चुकी है, आजादी के बाद तो कई कानून नहीं बदली जैसे इंडियन पेनल कोट,(IPC),, कुछ चीज बदलाव हुआ कुछ चीज बाकी है,। कई ऐसे अंग्रेजों के बने हुए सिस्टम आज भी चल रहे हैं तो नया साल का चैप्टर कहां से बदलेगा, भारत सरकार के पहले प्रधानमंत्री,, पंडित जवाहरलाल नेहरू ने एक लेख में कहे थे,, मैं हिंदू हूं, शिक्षा मेरा यूरोपीय है,, संस्कृति मुस्लिम,, लेकिन मैं एक भारतीय हूं,,अपनी अपनी सब अलग-अलग विचारधारा होती है। इन सब चीजों बदलाव के लिए दिल्ली में पूर्ण बहुमत की सरकार चाहिए मजबूत सरकार चाहिए, पहले कांग्रेस की ही मजबूत सरकार थी, कांग्रेस के भी मजबूत सरकार में कई कमियां दिखाई जिसका खामियाजा कांग्रेस को कई चुनाव में लगातार हार मिलते जा रहा है, अब कांग्रेस पार्टी इतनी कमजोर हो गई है कि अपनी पूर्ण बहुमत से दिल्ली में पूर्ण सरकार नहीं बना सकती,, बनेगी तो मिली जुली सरकार ही बनेगी,, अमेरिका में दो दलीय प्रणाली है और भारत में बहुदलीय प्रणाली है, यहां कई पंजीकृत राष्ट्रीय राजनीतिक एवं क्षेत्रीय दल है, जिनकी संख्या 5000 से अधिक है, लोकसभा की 543 सीटे हैं,,। राष्ट्रवाद के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी 2019 का लोकसभा चुनाव जीती है,, और 2014 का लोकसभा चुनाव भारतीय जनता पार्टी, अपने अनगिनत वादों, जादू की झड़ी छड़ी से पूरा सिस्टम चेंज कर देंगे अच्छे दिन ला देंगे कि मुद्दे पर जीती है, लेकिन ऐसा कई चीजे बदलाव हुआ और कई चीजे वैसे ही दिखाई दे रही है,। जैसे बेरोजगारी महंगाई,, खैर अच्छी बात भारतीय जनता पार्टी के लिए कश्मीर में 370 है गया,, जो भारत के लिए एक काला अध्याय था जो 70 साल में खत्म हुआ इसे माननीय सुप्रीम कोर्ट ने भी सही माना,,, इसे भारतीय जनता पार्टी के उपलब्धि भी कह सकते हैं राम मंदिर को भी उपलब्धि कह सकते हैं हालांकि इस कोर्ट ने फैसला राम मंदिर के पक्ष में दिया, बीजेपी का यह मुख्य योजना थी राम मंदिर और 370, हटाना,, अब 370 भी है गया राम मंदिर भी बन गया लेकिन अब भारत में भारतीय राजनीति का नया अध्याय शुरू हो रहा है। प्रत्येक चुनाव में फ्रंट फुट पर खेलने वाली कांग्रेस पार्टी अब बैक फुट पर आ चुकी है यह अच्छी बात है भारतीय राजनीति में क्षेत्रीय दलों को महत्व दिया जा रहा है, जहां कांग्रेस का जनाधार खत्म हो गया है वहां अन्य को मौका दिया जा रहा है जहां कांग्रेस मजबूत है वहां खुद चुनाव मजबूती से लड़ने को तैयार है,,, कांग्रेस पार्टी फिर से दिल्ली में सत्ता में वापसी आने के लिए काम कर रही है और मिली जुली सरकार बनाने की ओर अग्रसर है,। बीजेपी के विरोध में जितने भी डाल हैं सबको साथ लाने की कोशिश हो रहा है, लेकिन कई ऐसे दल है जो निष्पक्ष रहना चाहते हैं, ना वो कांग्रेस के साथ है ना वह बीजेपी के साथ है,, लेकिन दिल्ली में पूर्ण बहुमत की जिसकी सरकार रुझान दिखाई देता है निष्पक्ष वाले इस की और सीधे प्रभावित हो जाते हैं और उन्हें का ही समर्थन कर देते हैं, यह तो लोकसभा चुनाव का परिणाम के बाद ही समझ में आएगा, हवा क्या बदलाव की हवा है,,। 2024 का लोकसभा चुनाव सबसे खास है कई राजनीतिक पार्टियों के लिए अग्नि परीक्षा है, कई राजनीतिक पार्टी इसके बाद या खत्म हो जाएंगे, कई राजनीतिक पार्टियों को संजीवनी भी मिल सकता है, अब तो यह देश की जनता को तय करना है किसके हाथों में सत्ता सौंपनी है,। लेकिन अभी से बिल्कुल दिखाई दे रहा है बीजेपी कह रही है , अबकी बार लोकसभा चुनाव में 400 सीटे पार,, 400 सीटे केवल स्वर्गीय राजीव गांधी के अलावा कोई भी दिल्ली केंद्र के शासनकाल में पार नहीं किया है,,। कोई भी पार्टी मनोवैज्ञानिक ढंग से अपने कार्यकर्ताओं को कमजोर नहीं करना चाहती बीजेपी हुई वही कह रही है और वही कर रही है, वैसे तो चुनाव में हर पार्टी अपना सरकार बनाने का दावा करती है, लेकिन किसका दवा कितना मजबूत है, यह स्थिति एवं पृस्थिति मुद्दे पर दिखाई देता है,,।
2024 के पहले दिन श्री गुरु ग्लोबल न्यूज़ संपादक गोल्डन कुमार यादव बच्चों के साथ पिकनिक मनाने के बाद नया साल का खुशियां मनाएं, और श्री गुरु ग्लोबल न्यूज की ओर से पूरे देशवासियों की नया साल की बधाई एवं शुभकामनाएं देते हैं, देश का चौथा स्तंभ मीडिया जिंदा रहे भारत का संविधान और कानून सलामत रहे यही अपेक्षा करते हैं,। भारत की अखंडता कायम रहे, श्री गुरु ग्लोबल न्यूज भी यही चाहता है भारत विश्व गुरु बने। और इसके लिए प्रयास कर ही रहे हैं। इसलिए मीडिया का स्लोगन यही रहना चाहिए सत्यमेंव जयते।