कांग्रेस पार्टी को समझ लिये अपना बपौती वही है कांग्रेस की पनौती!

श्री गुरु ग्लोबल न्यूज राजनीति विशेषज्ञ गोल्डन यादव, रायपुर:-छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की शर्मनाक हार को देखते हुए,, हार के पीछे कारण को देखें तो सबसे पहला कारण यही है,,, टिकट वितरण में कांग्रेस से हुई थी बड़ी भूल इसलिए छत्तीसगढ़ में खिल गया कमल के फूल,,,, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस में टिकट दिल्ली, दिल्ली से तय हो रहा था छत्तीसगढ़ के लोकल नेताओं का ज्यादा रोल नहीं था,, छत्तीसगढ़ की प्रभारी कुमारी शैलजा और दिल्ली से गांधी परिवार इस पर काम कर रहे थे,, हार का मुख्य कारण यही है जो राजस्थान के उदयपुर सिविर में जो पार्टी के लिए नियम बना था नए कार्यकर्ता को मौका देना है घीसे पिटे, नेताओं को,,, चुनाव में साइड लाइन करना है,, कांग्रेस ने घीसे से पीटे नेताओं को टिकट दे दिया, टिकट वितरण में बहुत देरी हो गया पार्टी चुनाव प्रचार नहीं कर पाई और जो दावेदार थे उनके जिनको टिकट मिला उन लोगों ने दावेदार को एकजुट नहीं कर पाए उनके जो कार्यकरता है उनका हेल्प नहीं लिया गया, और जिनको टिकट मिला वह पार्टी के घोषणा पत्र में जीत जाएंगे यह अभिमान में रह गई,,,कई कार्यकाल में खराब मंत्रियों को टिकट काटना था नहीं काटा गया,,, कांग्रेस पार्टी सभी कार्यकर्ताओं को एकजुट नहीं कर पाई,, कर्ज माफी एवं अन्य घोषणा पत्र के बदौलत चुनाव जीत जाएंगे यह अभियान एवं कांग्रेस पार्टी घमंड में आ गई थी,, जनता ने सिरे से है उसको खारिज कर दिया,,,, चुनाव में एक वोट से हार जीत होती है और वोट का समीकरण बहुत छोटा-छोटा कई क्षेत्र में बड़ा बन जाता है,,, छत्तीसगढ़ में आवास करप्शन पीएससी घोटाला, ब्यूरोक्रेसी की मनमानी नियंत्रण नहीं, फोटोबाज नेताओं को मौका मिलना, जमीन में जुड़े हुए काम कर रहे हैं नेताओं को साइड लाइन करना,, अन्य भर्तीयों में घोटाला,, फॉरेस्ट विभाग में करप्शन, गोबर घोटाला, कमीशन खोरी,, एवं किसानों से जुड़ा हुआ राजस्व विभाग में कई चीजों में कमियां, हाफ बिजली बिल योजना में कमियां,, महिलाओं के लिए शराबबंदी 2018 में घोषणा किया गया था,,, उसके बाद छत्तीसगढ़ में 2000 करोड़,शराब घोटाला का आरोप लग गया,,, एवं छत्तीसगढ़ में कानून व्यवस्था भी मुद्दा बन गया था,, कवर्धा एवं साजा विधानसभा में जहां रविंद्र चौबे की हार हुई है,,, हिंदू मुस्लिम मुद्दा बन गया था जिसमें वोट का पोलराइजेशन हो गया,,,, इसका सीधा लाभ भाजपा को मिला,, अन्य क्षेत्रीय दल कांग्रेस का वोट को काटने का काम किये,,,, बीजेपी का वोट जो कैडर वोट है वह नहीं कट पाया केवल वोट काटने का काम क्षेत्रीय घटक दल कांग्रेस का किये और नुकसान कांग्रेस का हुआ,,,, छत्तीसगढ़ में ऐसे 35 विधायक हैं जिनका लिस्ट 2 साल पहले आ गया था उनका टिकट काटना है परंतु उसमें लिस्ट में से कई विधायकों को फिर से टिकट दे दिया,, जनता ने उसे चुनाव में करारी हार से, कांग्रेस पार्टी बिल्कुल कल्पना भी नहीं किया था चुनाव हार जाएंगे वह हार गई,,,, कांग्रेस पार्टी ने किसानों के लिए अच्छा काम किया था परंतु महिलाओं ने कांग्रेस के खिलाफ अधिकतर वोटिंग किया गया,, बीजेपी और कांग्रेस के घोषणा पत्र अधिकतर सामान्य थी कांग्रेस बीजेपी की घोषणा पत्र को कॉपी करने के लिए देख रही थी अपने हिसाब से पहले से पॉलिसी तैयार नहीं किया,,, कांग्रेस ने 2 साल का बकाया बोनस जो 2018 में घोषणा किया था वह नहीं दे पाई जिसे भाजपा ने उसे पकड़ लिया,,,, छत्तीसगढ़ में कैबिनेट के पूरे के पूरे मंत्री हार गए,,,, मंत्रियों के अलग-अलग विभागों में कई प्रकार के कमियां मीडिया में सामने आ रही थी और विपक्ष में काम कर रही भाजपा ने उसे उठता था,,, भाजपा चुनाव में अंतिम दिनों में तक लगातार जनता के बीच अपने बातों को भरोसा दिला पाई और चुनाव में सफलता मिल गई,,,,, अब भाजपा लोकसभा चुनाव के हिसाब से काम करेगी क्योंकि राज्य विधानसभा से ज्यादा भाजपा के लिए लोकसभा चुनाव जीतना ज्यादा और जरूरी है,, क्योंकि केंद्र की सत्ता फिर से भाजपा जीतने के लिए फिर प्रयास करेगी और कांग्रेस के लिए हर एक प्रकार का सबक है,,, लेकिन गुरु ग्लोबल न्यूज ने पहले ही कहा था कांग्रेस पार्टी की चुनाव में नांक कटती है,,, तब चुनाव की हार की समीक्षा करती है,,, हर के विधानसभा से हर विधानसभा से देखें तो कई विधानसभा के कई कारण है यह केवल पूरे छत्तीसगढ़ का विषय है और उसी का है और अलग-अलग विधानसभा क्षेत्र के कई कारण अलग-अलग और है,,,,।

कांग्रेस पार्टी में चाहे राहुल गांधी हो प्रियंका गांधी,हो,, कांग्रेस के अन्य नेता गांधी परिवार को इतना वैल्यू देते हैं जमीन पर कोई उनका कार्य नहीं है केवल राजनीति उनको भी विरासत में मिला है ना उनको कोई ब्यूरोक्रेसी चलाने का अनुभव है,,, फिर भी गांधी परिवार को कांग्रेस पार्टी बहुत वेल्यू देती है,,, पार्टी के अध्यक्ष भले ही मल्लिकार्जुन खड़गे हैं पर पूरा कमान अभी भी गांधी परिवार के पास है टिकट वितरण में अपने चाहे तो एवं अपने पार्टी के लिए काम करें, उन्हें कोई पार्टी में मौका देती है,, जो संघर्ष जमीन पर काम करने वाले ईमानदार नेता हैं उनको पार्टी वैल्यू नहीं दे रही है।,,, कांग्रेस पार्टी अपने उदयपुर सिविर में बनाए नियम एवं राष्ट्रीय अधिवेशन रायपुर में हुए नियम को लागू नहीं कर पाई,, पुराने कई चेहरों को टिकट दे दिया जिससे उनकी शर्मनाक हार हुई,,,,।।

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