श्री गुरु ग्लोबल न्यूज:-सबसे पहले यही कहेंगे या लिखेंगे कि देश में 90% मीडिया अपर कास्ट के नियंत्रण में है,,, चाहे इलेक्ट्रॉनिक मीडिया हो चाहे प्रिंट मीडिया हो चाहे वेब मीडिया हो,, जिस प्रकार नाई का बाल काटना धंधा है इस प्रकार मीडिया भी एक प्रकार का धंधा की तरह हो गई है जो लोकतंत्र की चौथा स्तंभ है,,, जैसा वह चाहेंगे वैसा ही लिखेंगे जैसा चाहेंगे वैसा ही दिखाएंगे, जैसा दिखना है वैसा दिखाएंगे और जैसा लिखना है वैसा ही लिखेंगे,, गौरतलब है कि वर्ल्ड कप हारने के बाद टीम इंडिया सूर्यकुमार यादव की इतनी आलोचना हुई, कोई भी मीडिया उनके पक्ष में लिखने को तैयार नहीं हुई, लेकिन सोशल मीडिया में सूर्यकुमार यादव सुपरस्टार रहे, सोशल मीडिया कहा कि सूर्यकुमार यादव को वर्ल्ड कप में पहले भेजना था, उनको खेलने का वर्ल्ड कप में मौका ही नहीं मिला जहां मौका मिला उसे जगह में टीम पर बहुत दबाव थी,, लेकिन t20 के कप्तानी मिलने के बाद उनको पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस करने की मिली तो वहां केवल दो ही पत्रकार उनका प्रेस कॉन्फ्रेंस में पहुंचे थे, और देश का सबसे दूरभाग्य है, सबसे कम मीडिया वहां पहुंचे,, इसे स्पष्ट होती है कोई अपर कास्ट मीडिया नहीं चाहते कोई पिछड़ा वर्ग का आदमी विकास करें पर पहुंचे,,, लेकिन t20 के पहले मैच विशाखापट्टनम में जिस प्रकार सूर्यकुमार यादव ने खेला अपनी कप्तानी में 200 रन ऊपर के रन रेट को टारगेट को, जीत हासिल की वह काबिले तारीफ है, सूर्यकुमार यादव के आलोचना करने वालों के लिए मुंह तोड़ जवाब है,, सूर्य कुमार को यह कहते हैं, उनको और पहले ही टीम इंडिया में मौका मिलना चाहिए था पर बीसीसीआई भी यही कहते हैं कि अपर कास्ट का कब्जा है,,, वहां भी कई भेदभाव उच्च नीच होती है,,, जो देश के बहुसंख्यक आबादी के लिए घातक है,, जिसमें जो प्रतिभावान है उनको मौका मिलना चाहिए,, लेकिन t20 आईपीएल शुरू होने के बाद कई देश के प्रतिभावान खिलाड़ियों को अपना प्रतिभा दिखाने का मौका मिला और आईपीएल के कारण उनका टीम इंडिया में जगह मिला,। यह कई साल बाद हुआ यह अच्छी बात है, सचिन तेंदुलकर का रिकॉर्ड विराट कोहली तोड़ा है लेकिन विराट कोहली का भी रिकॉर्ड बना है टूटने के लिए कोई और उसे जरूर तोड़ेगा,, लेकिन अब क्रिकेट केवल अपर कास्ट का नहीं अब उसमें बहुसंख्यक आबादी भी सामने आ गए हैं यह देश के मनुवादी मीडिया को समझ में आ चुकी है।


बाबा भीमराव अंबेडकर पूजनीय है जो भारत का संविधान बनाया भारत के उसे समय के सबसे एजुकेशन में सबसे बुद्धिमान थे जिनके पास उसे समय की काफी डिग्रियां थी इतना डिग्रियां लेने वाला क्षमता वाला आदमी देश में और दुनिया में अभी भी काम है,, लेकिन इसका एजुकेशन का खर्चा पिछड़ा वर्ग का आदमी ने उठाया था कोई अपर कास्ट ने नहीं उठाया था,, यह देश को जानना जरूरी है, अपर कास्ट के लोग कभी नहीं चाहेंगे कि सामाजिक संतुलन रहे सभी लोग बराबर विकास करें,।,,, लेकिन कुछ उच्च वर्ग (अपर कास्ट )के लोग अच्छे हैं इस कारण मीडिया चल रही है,,