राजनीति विशेषज्ञ गोल्डन कुमार की रिपोर्ट:-सबसे पहले रिपोर्ट आगे विस्तार से बताने के लिए अपना प्रस्तावना यही देते हैं लोकतंत्र में जो रूलिंग पार्टी होती है अपना विपक्ष खुद तय करती है कौन होगा,? और इतिहास में पहले भी यही हुआ है और छत्तीसगढ़ में वर्तमान में सत्ता में रूलिंग पार्टी भी यही कर रही है, अपना विपक्ष केवल भाजपा को मान रही है,, यानी कांग्रेस जो वोट कांग्रेस के खिलाफ है उसे सीधे भाजपा की ओर खुद फॉरवर्ड करना चाही है, यानी विपक्ष में कौन होगा जनता नहीं जो सरकार एवं सत्ता रहने वाली पार्टी तय करती है विपक्ष में कौन बैठेगा यानी अपना विपक्ष खुद चुनती है, यानी सत्ताधारी पार्टी ने पहले से तय कर दिया था विपक्ष में भाजपा ही बैठेगी, और भाजपा यह दावा कर रही है हमारी सरकार आ रही है पूर्ण बहुमत से, जादुई आंकड़ा 46 सीट का है,हालांकि छत्तीसगढ़ में कई राजनीतिक पार्टियों सामाजिक संगठन राजनीतिक संगठन क्षेत्रीय दल चुनावी मैदान में है,, लेकिन उनको वर्तमान में रूलिंग पार्टी कोई वैल्यू नहीं दे रही है यानी सीधे उनको नकार रही है, और लोकतंत्र है रूलिंग पार्टी जो भी करें, भारत में सभी को चुनाव लड़ने का अधिकार है देश की एवं प्रदेश की जनता को तय करना है किसको अपना नेता चुनना है और चुनाव आयोग ने तो किसी को भी नहीं चुनने का भी बटन दे दिया है यानी नोटा का भी बटन दबा सकते हैं,,, अब छत्तीसगढ़ की बात करें तो छत्तीसगढ़ में मुकाबला 2018 में सत्ता विरोधी लहर थी जो 2023 में ऐसा दिखाई नहीं दे रहा है। परिणाम 3 दिसंबर को आएंगे,, हालांकि परिणाम आने से पहले कांग्रेस एवं भाजपा में टिकट वितरण में,, कुछ कमियां दिखाई दी कितना नुकसान पहुंच सकता है वह तो 3 दिसंबर को किस पार्टी को नुकसान होगा किसको फायदा मिलेगा वह पता चलेगा, केवल पहले से संभावना ही व्यक्त किया जा सकता है। छत्तीसगढ़ में भाजपा और कांग्रेस के बीच 36_36 का मुकाबला है,.. यानी 36 सीटे भाजपा एवं कांग्रेस पार्टी लेने की संभावना में दिखाई दे रही है,। अब छत्तीसगढ़ में कुल 90 सिम हैं तो 36_36 भाजपा और कांग्रेस में जोड़ दे तो टोटल 72 सीटे होती है। 14 सीटे ऐसी है जहां त्रिकोणीय मुकाबला दिखाई दे रहा है,। अगर तीसरा मोर्चा यानी क्षेत्रीय दल सामाजिक संगठन अगर कांग्रेस का वोट को डैमेज करेंगे तो कहते हैं बीजेपी का परफेक्ट वोट रहता है नुकसान कांग्रेस को हो सकता है, अगर यह दल बीजेपी को नुकसान पहुंचाएंगे तो कांग्रेस को फायदा मिल सकता है,। अब बची चार सीटे जो भाजपा और कांग्रेस के अलावा अन्य के खाते में जा सकती है।,, यह केवल चुनाव के पहले संभावना है। असली परिणाम 3 दिसंबर को आएंगे।
घोषणा पत्र देखे तो भाजपा और कांग्रेस का बिल्कुल बराबरी का रहा कुछ थोड़ा बहुत अंतर कर रहा और एक दूसरे का घोषणा पत्र कॉपी किये,, कांग्रेस का घोषणा पत्र केवल किसानों का कर्ज माफ पहले की तरह किया गया, अब मतदाता किसके तरफ रुझान में आए वह केवल 3 दिसंबर को ही पता चलेगा।। और ऐसी संभावना व्यक्त किया जा रहा है बीजेपी के महतारी योजना महिलाओं के खाते में सीधे राशि मिलने की घोषणा ने खूब प्रचार हुआ और महिलाएं भाजपा की तरफ वोटिंग किए हैं ऐसा केवल संभावना की व्यक्त किया जा रहा है फिर कांग्रेस में गृह लक्ष्मी योजना शुरुआत करके डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश की है। बाकी युवा मजदूर वर्ग एवं सामान्य वर्ग के लोग किधर वोटिंग किए हैं वह 3 दिसंबर के बाद ही पता चलेगा।