जिधर दम उधर ही आ जाते हैं हम।

राजनीतिक विशेषज्ञ गोल्डन कुमार की रिपोर्ट:-राजनीतिक में एक कहावत है जिधर दम उधर हम,,,, छुरा नगर के सबसे पुराने नेता रहे, समाज सेवक रहे वरिष्ठ नागरिक रहे नथमल शर्मा,, कांग्रेस में शामिल हो गए हैं,,, नथमल शर्मा, को हम बचपन से जानते हैं,, वह स्वर्गीय श्यामा चरण शुक्ल के समय से कांग्रेस के क्षेत्र के नेता रहे हैं,, नथमल शर्मा, कांग्रेस को राजिम विधानसभा से जीत दिलाने में कितना योगदान देंगे वह तो परिणाम 3 दिसंबर के बाद आएगा,,,, राजनीति में जो नेता होते हैं कोई ना कोई नेता का सपोर्ट जरूर करते हैं मत तो गोपनीय रहता है कौन किसको देता है कोई नहीं जानता,,, अपना मतदान को गोपनीय रखना चाहिए,, कुछ दिन पहले उनसे मुलाकात किए थे तो उनसे पूछे थे जब कांग्रेस का टिकट वितरण नहीं हुआ था किसको सपोर्ट करना है तो नथमल शर्मा ने कुछ नहीं कहा वक्त में सब बताएंगे,,, लेकिन नथमल शर्मा कांग्रेस को छोड़कर के जनता कांग्रेस में चले गए थे,, जनता कांग्रेस के कई नेता अब कांग्रेस में आ गए हैं और कई भाजपा में चले गए हैं,, नथमल शर्मा अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस में आए हैं,, राजिम विधानसभा के कांग्रेस के प्रत्याशी अमितेश शुक्ल के समक्ष उन्होंने कांग्रेस में प्रवेश किया है,,, नथमल शर्मा और अमितेश शुक्ल में कई दिनों से दूरियां थी क्या अब मिट गया,,, कुछ दिन पहले खदमा बैंक के भवन के उद्घाटन कार्यक्रम में पंकज शर्मा के साथ अमितेश शुक्ल के साथ लक्ष्मण शर्मा वहां दिखाई दिए थे तो हमने उनसे यही पूछा था पहले अमितेश शुक्ला के कार्यक्रम में आप दिखाई नहीं देते थे अब कैसे आ रहे हैं तो उन्होंने कहा था मुझे तो पंकज शर्मा ने बुलाया था,,!, राजनीति में यही होता है किसी का किसी नेता कार्यकर्ता का साथ छूटता है और किसी नए कार्यकर्ता का साथ मिलता है,, अब छुरा नगर के आसपास राजीव विधानसभा की राजनीति में नथमल शर्मा अपनी क्या भूमिका निभाएंगे और जनता किसको अपना नेता चुनेगी वह तो 3 दिसंबर को ही पता चलेगा। रोहित साहू पिछले समय जनता कांग्रेस के उम्मीदवार थे तब नथमल शर्मा ने रोहित साहू के लिए कार्य किया था इस बार अमितेश शुक्ला कांग्रेस से और रोहित साहू में और आम आदमी पार्टी बहुजन समाज पार्टी कई पार्टियों अपने उम्मीदवार राजिम विधानसभा से घोषित किए हैं अब जनता में इनमें ही अपना नेता चुनना है,,,

सरकारी नौकरी सेना, पुलिस सभी में एक समय के हिसाब से रिटायर होना पड़ता है लेकिन राजनीति ऐसा है कभी अपने आप को रिटायर नहीं समझते हैं अंतिम समय तक खेलते ही रहते हैं कार्य करते ही रहते हैं।,, लेकिन जनता ही अंपायर होती है,, किसको अपना नेता चुनना है वही अपना नेता तय करती है,,!!

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