राजनीति विशेषज्ञ गोल्डन कुमार यादव:-हाल ही में अखिलेश यादव पूर्व मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश एवं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, उनके ब्यान एवं मध्य प्रदेश के पीसीसी अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के ब्यान,, एवं उत्तर प्रदेश पीसीएस के अध्यक्ष अजय राय के ब्यान, सभी का विश्लेषण करें और देखें तो कांग्रेस पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर गुटबाजी बिल्कुल दिखाई दे रही है और इंडिया गठबंधन के कुछ नेतृत्व शीर्ष नेतृत्व के लोग बिल्कुल तैयार नहीं दिखाई दे रहे हैं,, फिलहाल कांग्रेस में दो गुट दिखाई दे रही है एक गुट राहुल गांधी का और दूसरा गुट प्रियंका गांधी वाड्रा का,,, दोनों की अपनी वर्चस्व की लड़ाई हर राज्यों में दिखाई देती है,, गांधी परिवार की विरासत के लिए प्रियंका गांधी वाड्रा एवं राहुल गांधी विरासत की अपने और राजनीतिक विरासत की संपत्ति केवल अपने और ले जाने की लड़ाई बिल्कुल दिखाई दे रही है,, इसका खामियाजा संगठन और छोटे स्तर पर राज्य स्तर पर पार्टी आने वाला समय में चाहे विधानसभा हो या लोकसभा में हो बिल्कुल खामियाजा भी भुगत सकती है,,, समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच सोशल मीडिया और मीडिया स्तर पर तल्खी लगातार बढ़ती जा रही है,, लगातार विवाद इसलिए बढ़ रही है समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव मध्य प्रदेश चुनाव को लेकर बयान दिए कि कांग्रेस पार्टी हमारे नेताओं को पहले सूची मांगी किन-किन सीटों पर दूसरे नंबर पर रहे फिर 6 सीट देने की तैयार रही फिर कांग्रेस ने सूची जारी कर दिया उसमें समाजवादी पार्टी के लिए एक भी सीट नहीं छोड़ी, अखिलेश यादव ने फिर कहा अगर इंडिया गठबंधन लोकसभा के लिए है तो राज्य के लिए नहीं है तो हम ऐसे गठबंधन में बिल्कुल नहीं जाते,, अगर लोकसभा के लिए है तो पार्टी फिर विचार करेगी,, फिर अखिलेश यादव ने कहा उत्तर प्रदेश के कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय ना पटना मीटिंग में गए थे ना मुंबई मीटिंग में गए थे फिर वह कौन होते हैं समाजवादी पार्टी के बारे में फैसला करने वाले,, फिर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बयान दिया समाजवादी पार्टी का मध्य प्रदेश में कोई हैसियत नहीं है, एवं उत्तर प्रदेश के कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय बयान दिया कांग्रेस पार्टी उत्तर प्रदेश के 80 लोकसभा सीटों पर अपनी तैयारी कर रही है और उम्मीदवार उतारेगी,, इसी बीच इंडिया गठबंधन के अन्य घटक दल इसके बारे में किन्ही नेताओं का और कोई बयान नहीं आया है पर बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एवं आम आदमी पार्टी कांग्रेस पार्टी की ओर देख रहे हैं, उसे कुछ महीने पहले दिल्ली के कांग्रेस के प्रवक्ता अलका लांबा निधि दिल्ली के सातों सीटों पर तैयारी करने की बात कही इस पर भी आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच विवाद खड़ा हो गया था,, लेकिन ऐसे नेताओं के ऊपर कांग्रेस पार्टी जो इंडिया गठबंधन को तोड़ने की जुगाड़ में लगे हैं उन पर कांग्रेस पार्टी कोई कार्यवाही नहीं करती अपने नेताओं को समझाइए नहीं कर रही है इससे स्पष्ट दिखाई दे रहा है कांग्रेस पार्टी फिलहाल राष्ट्रीय स्तर पर दो गुट में बटी हुई है,, कई नेता राहुल गांधी के बातों पर सहमत हैं और कई नेता प्रियंका गांधी वाड्रा के हिसाब से चल रहे हैं वही अजय राय उनके चुने हुए उत्तर प्रदेश के कांग्रेस के अध्यक्ष हैं एवं प्रियंका गांधी वाड्रा को उत्तर प्रदेश चुनाव पर काफी दिलचस्प है एवं उनकी गांधी परिवार की विरासत को अपने और ले जाने की ओर बिल्कुल प्रयास कर रही हैं और कांग्रेस पार्टी दो भागों में बटी हुई दिखाई दे रही है,,। कांग्रेस पार्टी मुख्य शीर्ष नेता फिलहाल राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे हैं फिर भी अभी भी गांधी परिवार के हाथों में कांग्रेस पार्टी चल रही है, हाल ही में छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश एवं राजस्थान के टिकट वितरण से बिल्कुल स्पष्ट दिखाई दे रहा हैं कांग्रेस पार्टी हर राज्यों में दो गुट में बटीं हुई है,,,,,,।

राहुल गांधी और अखिलेश यादव की यह तस्वीर उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की समय की है जब दोनों, दोनों के हाथ तो मिल रहे हैं लेकिन दिल नहीं मिल रहे हैं, उत्तर प्रदेश कि समाजवादी सोशलिस्ट विचारधारा सामाजिक न्याय की बात और विचारधारा पर चलती है, सभी समाज को राजनीति में बराबर का अधिकार,, पहले तो अखिलेश यादव PDA की बात कर रहे हैं पिछला दलित और अल्पसंख्यक,, गठबंधन इंडिया गठबंधन पर कई पार्टियों सहमत हुई है और कांग्रेस पार्टी भी सहमत हुई है और पिछड़ा वर्ग की राजनीति की बात जोरों पर चल रही है जाती है जनगणना की बातों पर भी कांग्रेस पार्टी सहमत दिखाई दे रही है, लेकिन कांग्रेस पार्टी में जो सामंतवादी लोग हैं इसके पक्ष में बिल्कुल नहीं चाहते, और कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने भी यही काम छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश एवं राजस्थान के चुनाव में किया, जिसकी जितनी जनसंख्या उतनी सत्ता में भागीदारी की तो बात करती है पर उतना संख्या में टिकट का वितरण नहीं किया जनसंख्या के अनुरूप अपर कास्ट को अधिक टिकट कांग्रेस पार्टी ने इन राज्यों में दिया गया है एवं उनका उदयपुर शिविर एवं राष्ट्रीय अधिवेशन में हुए नियमों को भी कई नियमों को भी इन चुनाव में लागू नहीं किया, जैसे कांग्रेस पार्टी के नई पीढ़ी को चुनाव में मौका मिलने की बात कही थी ऐसा बिल्कुल टिकट वितरण में बिल्कुल दिखाई नहीं दिया, यह तो 3 दिसंबर को ही पता चलेगा कि कौन बनेगा राजनीति का सिकंदर यह तो जनता को ही तय करना है,।
