राजनीति विशेषज्ञ गोल्डन कुमार :-विधानसभा चुनाव 2023 के कांग्रेस की दूसरी सूची आते ही अब राजनीतिक सरगामी बढ़ गई है, छत्तीसगढ़ में 90 विधानसभा क्षेत्र है सरकार बनाने के लिए 45 विधायक चाहिए, हंग असेंबली हुई तो क्या हो सकता है,, राजनीति के जानकार यही कह रहे हैं की मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस में है, लेकिन भाजपा के 17 अगस्त को प्रत्याशी घोषित होते ही कई सीटों पर अंदर से विरोध शुरू हुई और कांग्रेस में भी विरोध शुरू होने की संभावना है, बस्तर में आदिवासी समाज के नेता अरविंद नेताम ने अपना पार्टी बना लिया है वह किसके समीकरण को बिगड़ेगी वह 3 दिसंबर को पता चलेगा,, अभी-अभी राष्ट्रीय पार्टी बनी आम आदमी पार्टी भी दाम कम से चुनाव लड़ रही है वह किसका समीकरण बिगड़ेगा वह 3 दिसंबर को पता चलेगा, बहुजन समाज पार्टी गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का गठबंधन से चुनाव लड़ रही है वह किसका समीकरण बिगड़ेगी वह 3 दिसंबर को पता चलेगा, जनता कांग्रेस भी चुनाव लड़ेगी वह किसका समीकरण बिगड़ेगी वह 3 दिसंबर को पता चलेगा, संभावना के तौर पर हर पार्टी अपनी सरकार बनाने के लिए कहती है लेकिन साइलेंट वोटर भी रहते हैं जो कुछ नहीं बोलते और वर्तमान जो रूलिंग पार्टी है उनके खिलाफ भी नहीं बोलते, साइलेंट वोटर एवं में बस बटन दबाते हैं, प्रत्याशी को देखा जाता है पार्टी को देखा जाता है पार्टी के विचारधारा को देखा जाता है, अपने कई वोटर अपने जाति विशेष को देखते हैं, चुनावी घोषणा पत्र अभी जारी नहीं हुआ है, कई पार्टी चुनावी घोषणा पत्र जारी कर चुकी है, क्षेत्रीय स्थिति के पास अपने-अपने कई मुद्दे हैं, लोकतंत्र का चुनाव एक महापर्व है, पार्टी टिकट देती है, और जनता को किसको विधानसभा में भेजना है वह जनता तय करती है, राजनीति में एक-एक कुनबा को जो जोड़ती है वहीं सरकार बनती है, अब देखने लायक ही होगी 3 दिसंबर को परिणाम आएंगे कौन सरकार बनाएगी और कौन सत्ता में जाएगा यह छत्तीसगढ़ की जनता तय करेगी,!
छत्तीसगढ़ के 15 ऐसे सीट चिन्हित हो चुकी है जहां त्रिकोणीय मुकाबला दिखाई दे रहा है,,, चुनाव में कुछ कहा नहीं जा सकता राजनीति में कुछ भी हो सकता है इसमें कोई विरोधी और समर्थन नहीं होते, परिणाम के बाद भी कई ऐसे विधायक होते हैं जो अधिक सीटें वाली मिलने वाली पार्टी की तरफ चली जाती है,,