राजनीति विशेषज्ञ गोल्डन कुमार:-कांग्रेस पार्टी भारतीय राजनीति की सबसे पुरानी पार्टी है, जिसकी स्थापना 1885 में हुई थी, यह पार्टी आजादी का आंदोलन से उठी हुई पार्टी है, यानी अंग्रेजों को सत्ता से हटाने में मुख्य योगदान रहा है, फिर संविधान लोकतंत्र प्रत्येक नागरिक को वोट देने का अधिकार, पूरा देश का स्ट्रक्चर कांग्रेस पार्टी ने तैयार किया है सुई से लेकर के मिसाइल तक,,, आज भारत विश्व की आर्थिक एवं परमाणु शक्ति बनी है उसमें कांग्रेस का बड़ा योगदान है, एक समय कांग्रेस स्वर्गीय राजीव गांधी के समय देश में 400 से अधिक लोकसभा सीट जीतने वाली पार्टी 2014 एवं 2019 के चुनाव में अपने सबसे बड़ा स्तर पर गुजरी, अब इससे बड़ा स्थिति नहीं हो सकती यानी कांग्रेस पार्टी के जितना खोना है खो चुकी है अब उनके पास पाने का समय है,, 2023 के होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा जैसी पार्टी अपने पहले लिस्ट बहुत पहले जारी कर दिया है, कांग्रेस पार्टी बहुत सोच समझकर फैसला ले रही है सबसे अधिक टेबल मंथन और चुनाव जीतना ही नहीं, अच्छे नतीजे से चुनाव जीतने की कार्य कर रही है, कांग्रेस पार्टी फैसला लेने में कोई जल्दबाजी नहीं कर रही है, पहले कांग्रेस पार्टी गांधी परिवार से अलग अपना राष्ट्रीय अध्यक्ष बन चुकी है, कांग्रेस पार्टी अब जाती है जनगणना महिला महंगाई बेरोजगारी एवं देश के जमीन से जुड़े हुए प्रत्येक मतदाता के पास विचारधारा रणनीति पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है, कांग्रेस पार्टी नए कलेवर और नए तेवर के साथ विधानसभा चुनाव में उतरने वाली है, जो कांग्रेस पार्टी आएगी वह न्यू कांग्रेस पार्टी होगी, जिसमें नई पीढ़ी के कांग्रेस को मौका मिलेगा, आने वाला समय में कांग्रेस पार्टी को और मजबूती से तैयार कर सके,

डॉ राम मनोहर लोहिया और काशीराम के विचारधारा पर कांग्रेस पार्टी बिल्कुल आ चुकी है, जो जाति आधारित जनगणना, जिसकी जनसंख्या में जितनी हिस्सेदारी आरक्षण में उतनी भागीदारी एवं ओबीसी के वोट बैंक को आदिवासी अनुसूचित जनजाति को अपने फेवर में करने के लिए पूरा पॉलिसी तैयार कर चुकी है। कहते हैं जिसका यूपी और बिहार उसका दिल्ली में सरकार,,, वर्तमान केंद्र में शासन कर रही भाजपा जनता के बीच अब इंडिया गठबंधन एहसास दिला चुकी है वह केवल अपर कास्ट की पार्टी है उनका नीति अपर कास्ट के विकास के लिए है, चाहे ब्यूरोक्रेसी हो चाहे अन्य क्षेत्र में अपर कास्ट को महत्व देना, जैसे नए संसद भवन के उद्घाटन के लिए आदिवासी राष्ट्रपति को निमंत्रण भी नहीं दिया गया केवल आदिवासी केवल नाम के लिए भाजपा में बन गए हैं वैसा दिखाई दे रहा है। और यह संदेश देने के लिए इंडिया गठबंधन पूरे देश में यह पॉलिसी तैयार कर चुकी है। देश में धर्म के नाम पर राजनीति अब नहीं चलने वाली ऐसा कांग्रेस पार्टी बिल्कुल करने जा रही है महंगाई बेरोजगारी 10 सालों के कार्यकाल में हुए कमियां को उजागर करने के काम कांग्रेस पार्टी करेगी।

स्वर्गीय राजीव गांधी के कार्यकाल के समय दिल्ली में पंचायत में महिलाओं के लिए 50% रिजर्वेशन लागू हुआ, फिर यूपीए सरकार में विधानसभा और लोकसभा में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण प्रस्ताव आया, कहते हैं जहां मैटर बड़ा होता है यदुवंशी सामने खड़े होते हैं, उसे महिला आरक्षण को लागू नहीं होने दिया जिसमें ओबीसी एसटी एससी के लिए कोई रिजर्व कोटा नहीं था, मुलायम सिंह यादव और शरद यादव का तो देहांत हो गया है अभी केवल लाल यादव बस जिंदा है, उन्होंने यही कहा था 50 परसेंट महिलाओं के लिए सिट कर दीजिए लेकिन ओबीसी एसटी एससी उसमें रिजर्व कोटा रखिए, लेकिन अच्छी बात यही है अब कांग्रेस भी वही बात कह रही है, बीजेपी ने जो महिला आरक्षण बिल पास किया है 33 परसेंट उसमें एसटी एससी ओबीसी के लिए कोई रिजर्व कोटा नहीं है, यानी सीधे अपर कास्ट को पहले की तरह भेजने की तैयारी बीजेपी कर लिया है जैसे अन्य, बड़े-बड़े संवैधानिक पद ब्यूरोक्रेसी में अपर कास्ट हावी है, जितने भी बड़े-बड़े पद है उसमें कुंडली मारकर अपर कास्ट बैठ चुके हैं, लैटरल एंट्री में उनको मौका दिया जाता है,।