बीजेपी के बनाए पिच पर कांग्रेस खेलेगी तो क्लीन बोल्ड जरूर होगी?

राजनीति विशेषज्ञ राजनीति विशेषज्ञ गोल्डन कुमार:-श्री गुरु ग्लोबल न्यूज के टाइटल में ही पूरा बीजेपी का रणनीति छिपा हुआ है, छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव पर यह विशेष तौर पर लागू हो रही है, जहां सत्ता में कांग्रेस है, बीजेपी का स्थिति खराब है,,,, और बीजेपी का रणनीति देखो तो कांग्रेस को उलझाने में लगी हुई है,, कांग्रेस को तोड़ने में लगी हुई है,,,, बीजेपी का केंद्र में सरकार है उनके पास सारे आंकड़े एवं जनता के सर्वे सब उनको मालूम है उनके हिसाब से बिल्कुल काम कर रही है,, छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश एवं राजस्थान में आचार संहिता लगने में अभी लगभग 1 महीने का समय है,, 4 अक्टूबर 2023 तक नए मतदाता सूची प्रिंट आउट हो जाएगा,, आचार संहिता लगा नहीं है,, फिर भी भाजपा अपने प्रत्याशियों का घोषित क्यों कर दिए,,,, यह बीजेपी का सोच समझ हुआ रणनीति दिखाई दे रहा है,,, दूसरी बात दूसरा पक्ष यह भी है बीजेपी वन नेशन वन इलेक्शन की पॉलिसी पर पार्लियामेंट में 5 दोनों का विशेष सत्र बुलाई है,, और इस कमेटी का अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को बना दिया गया है,,, तो बीजेपी इतनी जल्दी बाजी में छत्तीसगढ़ एवं मध्य प्रदेश के कुछ सीटों पर उम्मीदवार क्यों घोषित कर दिए,,,, इसका एक रणनीति बीजेपी का है,,, छत्तीसगढ़ का चुनाव को देश के गृह मंत्री अमित शाह खुद उनके फोकस पर चल रहा है,,, कांग्रेस की रणनीति यही होना चाहिए जब तक आचार संहिता नहीं लगती है अपने दावेदारों को,, प्रत्याशियों का नाम सामने लाने की ज्यादा जल्दबाजी नहीं करना ही उचित है,,,,, पार्टी के जितने भी दावेदार हैं एकजुट होकर के किसी एक कैंडिडेट पर खुद आपस में फैसला करने पर ही पार्टी की भलाई है,,,, अगर टिकट पर विवादित होते हैं तो यह बहुत बड़ा गलत संदेश जनता के बीच जाएगा और समीकरण के हिसाब से विपक्ष को इस मुद्दे पर बिल्कुल फायदा उठाने की कोशिश करेगी और बीजेपी का रणनीति यही है,,,, डिजिटल क्रांति की दुनिया में, प्रत्याशी को ज्यादा प्रचार की करने की जरूरत नहीं है, नाम सामने आने के बाद प्रचार हो जाते हैं, कार्यकर्ता प्रचार करते हैं,, कांग्रेस को आचार संहिता लगने से पहले प्रत्याशी घोषित करने नहीं करने में अच्छी रणनीति हो सकती है,,, अब और कांग्रेस पार्टी जाने बीजेपी के बीच में खेलना है या बीजेपी को खुद अपने ही जाल में उलझाना है,,, बीजेपी एक तरफ वन नेशन वन इलेक्शन की बात कर रही है और दूसरे तरफ अपने प्रत्याशियों का नाम घोषित कर रही है जबकि चुनावी तारीखों का ऐलान अभी हुआ ही नहीं है बीजेपी कब क्या कर दे कुछ कहा नहीं जा सकता वन नेशन वन इलेक्शन भी कर सकती है लोकसभा एवं पांचो राज्यों इसके बाद महाराष्ट्र एवं हरियाणा के चुनाव भी एक साथ कर सकती है,

कांग्रेस का इतिहास हमको पूरा मालूम है अब तक राजनीति देखते आए हैं जिस उम्मीदवार को टिकट नहीं मिलता है यानी सीट नहीं मिलता है तो कांग्रेस के केबिन में जरूर बैठ जाते हैं,, और यही कांग्रेस के चुनाव में नुकसान होता है,, और जो दावेदार देख रहे हैं जो उदयपुर शिविर में हुआ है राष्ट्रीय अधिवेशन में फैसला हुआ है जो दावेदार दिखाई दे रहे हैं उस नियम को मानने का तैयार नहीं है यानी कांग्रेस में अनुशासन और कानून लागू करना कांग्रेस पार्टी के लिए बहुत बड़ा चुनौती है? कोई सेटिंग विधायक सर्वे रिपोर्ट को मान नहीं रहा है सिट अपना छोड़ने को युवा पीढ़ी के लिए अन्य कार्यकर्ता के लिए बिल्कुल छोड़ने को तैयार नहीं है,, अगर ऐसा नहीं हुआ तो यह कांग्रेस के लिए बहुत नुकसान है,,? अब तक आजादी के बाद इतिहास तक देखें तो कांग्रेस पार्टी टिकट नहीं काटती इसलिए चुनाव में नांक जरूर कटती है,।।

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