The guru global news capital city Raipur, सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ सरकार चुनाव से ठीक पहले अनुसूचित क्षेत्र को छोड़कर के, छत्तीसगढ़ के प्रमुख शराब दुकानों को आचार संहिता से ठीक पहले पूर्णता बंद कर सकती है,, क्योंकि स्पष्ट कर देते हैं कि छत्तीसगढ़ के 2018 के कांग्रेस के घोषणा पत्र में शराबबंदी एक बिंदु था और छत्तीसगढ़ सरकार ने शराब को जागरूकता एवं नशा मुक्ति का विशेष अभियान चलकर इस बंद करने का बात कही थी, लेकिन शराब राजस्व के इनकम के कारण बंद नहीं हो पाया, शराब के बिक्री से सरकार को अच्छी खासी राजस्व मिलती है अगर शराब बंदी सरकार कर देती तो आय का स्रोत में बहुत फर्क पड़ता और इसको पूरा करने का और अन्य माध्यम नहीं मिल मिलने के कारण सरकार की आर्थिक स्थिति बिगड़ सकती थी इसको ध्यान में रखते हुए या फैसला में देरी की होने की संभावना भी हो सकती है, सूत्रों के हवाले से ऐसी खबरें आ रही है कि छत्तीसगढ़ के सभी दुकानों को एक साथ बंद नहीं करेगी धीरे-धीरे सभी दुकानों को समय-समय के हिसाब से समय अवधि देकर के बंद भी कर सकती है, शराबबंदी से रूलिंग पार्टी कांग्रेस को महिलाओं का वोट बैंक में सफलता मिल सकती है जो विपक्ष में मुद्दा ना बने और इसका फायदा रुलिंग पार्टी को मिले, यही रणनीति से कांग्रेस फिर से चुनाव मैदान में अपने वादे को पूरा करने का भी श्रेय ले सकती है। छत्तीसगढ़ में दारू बंद करने की समिति भी गठन हुई थी और बिहार जैसे राज्यों में दौरा भी की क्योंकि बिहार में शराब बंदी लागू है, लेकिन कोई भी शराबबंदी होती है तो पड़ोसी राज्यों से होती है और इसे रोकने का काम पुलिस प्रशासन की बड़ी जिम्मेदारी रहेगी,। कोई भी वस्तु बंद होता है तो उसका भाव में अधिक वृद्धि हो जाता है ब्लैक में अधिक दामों में मिलने लग जाता है,


जन घोषणा पत्र के दसवें नंबर पर कांग्रेस सरकार की घोषणा पत्र में शराबबंदी था और अनुसूचित क्षेत्रों में ग्राम सभा में अनुमति से की बात कही ,लिखी गई थी,