पॉलीटिकल एनालिसिस गोल्डन कुमार यादव:-अंग्रेजों से जब आजादी मिली तब महात्मा गांधी ने कहा था कांग्रेस को अब भंग कर देना चाहिए,, पर ऐसा नहीं हुआ,, संविधान बनने लागु होने में तीन से चार साल वक्त लग गए,,, तब तक कांग्रेस में सामंतवाद हावी था जो आज भी है,, सरदार वल्लभ भाई पटेल ने राजा महाराजाओं के जमीनों को किसानों को दे दिए लेकिन कई राजा महाराजा,, अपनी जमीन नहीं छोड़ी,, जो जमीनों को भूमिहीन किसानों और मजदूरों को दे देना चाहिए था वह नहीं हो सका,, बल्कि मंदिरों में चढ़ा दिए,, और अप्रत्यक्ष रूप से खुद कबींज रहे,,, और भला हो डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का अमर रहे बहुत बढ़िया संविधान निर्माण किये,,,, और जो कमियां है बीच-बीच में संशोधन और दूर भी किया गया,, पूरे देश भर में कांग्रेस मजबूत थी कांग्रेस की अधिक्तर राजनीति लड़ाई जनसंघ एवं कम्युनिस्ट से होती थी,, कम्युनिस्ट मतलब किसान और मजदूर जो पार्टी आज भी है,, जिनका केरल में सरकार है और 35 साल तक बंगाल में था,, यानी जो पार्टी में सामंतवाद हावी हो जाता है अपने विचारधारा से भटक जाती है वह पार्टी भी खत्म हो जाती है कमजोर हो जाती है कम्युनिस्ट पार्टिया एक प्रकार के उदाहरण है,, कांग्रेस भी उत्तर प्रदेश और बिहार में मजबूत थी और यही के बदौलत दिल्ली में मजबूत सरकार बनता था लेकिन आज कांग्रेस वहां बिल्कुल नहीं के बराबर है,, यानी जो है केवल सामंतवादी लोग हैं,, बाकी पिछड़ा वर्ग अनुसूचित जनजाति अनुसूचित जाति अन्य लोगों का राजनीतिक दल बन चुकी है,,, जेपी आंदोलन के समय उसे समय जो इंदिरा गांधी के आपातकाल में कई नेता उभरे, जैसे लाल यादव मुलायम सिंह यादव, काशीराम राम मनोहर लोहिया,, उत्तर प्रदेश और बिहार में कांग्रेस पार्टी नहीं के बराबर मौजूद है,, कई सीटों पर चुनाव लड़ती है जमानत जप्त हो जाती है यानी बिना स्थानीय लोकल कैडर के वहां कांग्रेस पार्टी को चुनाव जीतना बिल्कुल आसान नहीं और यही देखते हुए कांग्रेस इंडिया गठबंधन बनाई खुद के नेतृत्व में,, यानी कम सीटों पर चुनाव लड़ो और अच्छे सीटों पर जीत मिले ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने से कोई फायदा नहीं और यही पॉलिसी,, लेकिन फिर बीच में राजीव गांधी के कार्यकाल में कांग्रेस अच्छा प्रदर्शन किया, राजनीति कमजोर होती चली गई, केंद्र में मुश्किल से सरकार बन रही, थी,, और आज की स्थिति में बिना गठबंधन के केंद्र में सरकार बनाना फिलहाल मुश्किल दिखाई दे रहा है,, फिर राहुल गांधी लगातार कांग्रेस के लिए कम कर रहे हैं भारत जोड़ो यात्रा कर रहे हैं, कर्नाटक में जीतने के बाद कांग्रेस का मनोबल बढ़ा हुआ है, लेकिन अब मध्य प्रदेश तेलंगाना राजस्थान एवं छत्तीसगढ़ के चुनाव से ही कांग्रेस का क्या कार्यक्रम है यहां से पता चलेगा उनका जीत होती है कितना पर्सेंट वोट हासिल होती है इसे आने वाला समय में कांग्रेस की राजनीति समझ में आएगी और टिकट वितरण कैसे करती है सबसे बड़ा चुनौती है, कांग्रेस टिकट सिटिंग विधायकों का टिकट नहीं कटती इसलिए कई जगह चुनाव में अच्छा कार्य करते हुए भी जनता उन्हें हरा देती है,,