कांग्रेस भी उतार सकती है राजिम से ओबीसी महिला?

राजनीतिक विशेषज्ञ गोल्डन कुमार :- राजिम विधानसभा से लक्ष्मी अरुण साहू की उम्मीदवारी 99% अब कंफर्म हो गई है,, भारतीय जनता पार्टी के छत्तीसगढ़ इकाई के 21 प्रत्याशियों के घोषित के बाद राजिम विधानसभा से रोहित साहू,, को उम्मीदवार बनाया गया है, उसका तोड़ के लिए कांग्रेस को अब ओबीसी महिला प्रत्याशी मजबूत हो सकती है ?क्योंकि अभी तक के कांग्रेस यहां से ओबीसी प्रत्याशी छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद नहीं उतरी है,? और ओबीसी महिला प्रत्याशी मजबूत हो सकती है, क्योंकि क्षेत्र में भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ शासन महिलाओं के लिए बहुत काम किए हैं और महिलाओं का अलग समीकरण बनता है जो एक तरफ मजबूती लगती है, महिलाओं के वोट बैंक में सीधे मजबूत दावेदारी से सफलता मिल सकती है, रोहित साहू जिला पंचायत सदस्य हैं और लक्ष्मी अरूण साहू भी जिला पंचायत सदस्य हैं, सबसे पुराने चेहरे एवं 2013 से टिकट के लिए दावेदारी कर रहे थी, पार्टी पर कर्तव्यनिस्ट एवं पार्टी पर हमेशा काम किये, कांग्रेस से अन्य जो दावेदार हैं उनकी दावेदारी नया है, रोहित साहू क्षेत्रीयता को देखकर टिकट फैसला लिया गया है,, फिंगेश्वर विकासखंड से आते हैं, लक्ष्मी साहू छुरा विकास खंड क्षेत्र से पांडुका क्षेत्र से लोकल है उनका वही, लोकल है और क्षेत्र में अच्छी पकड़ है और क्षेत्र में लोकप्रियता भी हैं,, यानी कि क्षेत्र से विधायक बन गए तो यही लोकल क्षेत्र में ही रहेंगी, जनता को एवं पार्टी के नेताओं को ज्यादा दूरी जाने की आवश्यकता नहीं है,, और यही उनकी मजबूत कड़ी देखें तो देखा जा रहा है,,, क्षेत्र में महिला उम्मीदवार पर अधिक भरोसा होता है क्योंकि महिला प्रत्याशी, कार्य और शालीनता क्षेत्र को प्रभावित करती है,,,

  • कई समीकरण लक्ष्मी अरूण साहू पर फिट बैठ रहा हैं पहली बात ओबीसी समाज से महिला प्रत्याशी हो सकती है,?
  • बीजेपी ने फिंगेश्वर विकासखंड से उम्मीदवार घोषित किया है और लक्ष्मी अरुण साहू छुरा विकासखंड से आती है,
  • इनके सामने जो अन्य दावेदार हैं नए दावेदार हैं, दूसरे इनके परिवार में ही जो दावेदार हैं वह उनको राजनीति में लाने का श्रेय भी लक्ष्मी अरुण साहू को जाता है,। और इनके इनमें जो कमजोरी है वह महिला है और दूसरी बात जो मजबूती है वह भी महिला है,।
  • रोहित साहू भी जिला पंचायत सदस्य हैं लक्ष्मी साहू भी जिला पंचायत सदस्य हैं, जिला पंचायत अध्यक्ष बनने से 1 वोट से चूक गई थी,
  • जिला पंचायत सदस्य बनने बनने के साथ सबसे ज्यादा क्षेत्र में दौरा कार्यक्रम रहा है करोणा काल में भी लगातार सेवा एवं मदद की भावना से काम कर चुकी हैं,,
  • क्षेत्र में जनप्रतिनिधि कार्यकर्ता नेताओं सामाजिक नेताओं वरिष्ठ नागरिकों एवं युवावों एवं महिलाओं महिला समूह के महिलाओं से सीधा संपर्क में रहती हैं,।
  • जिला पंचायत के साथ-साथ अधिकारी कर्मचारी यानि ब्यूरोक्रेसी के संपर्क में रहती हैं क्या काम हो रहा है और क्या काम में कमी है सीधे जनता से रूबरू होते रहती है।

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