आप और कांग्रेस में इंडिया गठबंधन टूटने के स्थिति में?

एक कहावत है ना शेर अगर बकरी से दोस्ती कर ले तो खाएगा क्या?? अगर हिरण अगर घास से दोस्ती कर ले तो खाएगा क्या? ठीक उसी प्रकार पॉलिटिकल में भाजपा और कांग्रेस में गठबंधन हो ही नहीं सकता, नामुमकिन है,, ठीक उसी प्रकार आम आदमी पार्टी और कांग्रेस में गठबंधन होना मुश्किल ही नहीं बहुत मुश्किल है,, लेकिन जिस प्रकार से इंडिया में, बीजेपी विरोधी विचारधारा एवं कुछ नीतियों के कारण आम आदमी पार्टी और कांग्रेस में गठबंधन होने के संकेत मिल रहे थे,, पंजाब और दिल्ली के लोकल नेता तो आम आदमी पार्टी से गठबंधन करने के पक्ष में नहीं थे फिर भी कांग्रेस के शीर्ष नेता दिल्ली अध्यादेश पर पार्लियामेंट में आम आदमी पार्टी का सपोर्ट किया,, लेकिन दिल्ली मैं कांग्रेस की बैठक में कांग्रेस ने दिल्ली के सातों सीटों पर तैयारी करने की बात कही और उनके नेता संदीप दीक्षित ने आम आदमी पार्टी को बीजेपी का B टीम करार दिया,,,, एवं अलका लांबा ने दिल्ली के सातों सीटों पर, अभी से तैयारी एवं उम्मीदवार उतारने बात कही,,, एवं कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने अभी हाल ही में 2023 के होने वाले विधानसभा में आम आदमी पार्टी, छत्तीसगढ़ राजस्थान मध्य प्रदेश तेलंगाना में अपना रुख साफ करने को कहा,, गौरतलब यह है कि आम आदमी पार्टी इन राज्यों में खास तौर पर राजस्थान छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश में पूरी चुनावी तैयारी कर ली है यहां की सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की रणनीति बना चुकी है और लगातार इनके नेता तीनों राज्यों में दौरा कर रहे हैं, कांग्रेस को आम आदमी पार्टी से अपना वोट बैंक खतरा होने का संकेत दिखाई दे रहा है इस कारण से ऐसा फैसला लिया जा रहा है, इन राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले सीटों पर मंथन के लिए मुंबई में 25 _26 अगस्त को फिर बैठक है उसमें देखने की यही स्थिति होगी क्या आम आदमी पार्टी वहां पहुंचती है या नहीं,, अगर आम आदमी पार्टी के साथ दिल्ली और पंजाब में गठबंधन कांग्रेस का नहीं होता है तो उत्तर प्रदेश में भी अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी से भी मुश्किल दिखाई दे रही है एवं पश्चिम बंगाल के ममता बनर्जी से भी वैसा ही स्थित है, घर अन्य राज्यों में तो कांग्रेस कमजोर ही नहीं बहुत कमजोर है जैसे महाराष्ट्र और बिहार,, एवं बिहार में राष्ट्रीय जनता दल के नेता यही चाहते हैं कि नीतीश कुमार को दिल्ली का चेहरा बनाएं और यह उनके लिए क्लियर हो जाए, पर कांग्रेस के नेता राहुल गांधी को प्रधानमंत्री का पद का उम्मीदवार घोषित करते हैं और बिहार के नेता नीतीश कुमार को चाहते हैं, एवं बंगाल के तृणमूल कांग्रेस के नेता ममता बनर्जी को चाहते हैं एवं आम आदमी पार्टी अपने नेता केजरीवाल को प्रधानमंत्री क्या उम्मीदवार के रूप में देखती है इसी प्रकार देखते हैं तो इंडिया गठबंधन में भी कई गठबंधन होने के संकेत बिल्कुल दिखाई नहीं दे रहे हैं आने वाला आम चुनाव में, लेकिन राजनीति में कुछ कहा नहीं जा सकता कुछ संभव है कुछ समझौते भी हो सकते हैं ऐसा भी संभव है, लेकिन जो भी फैसला होगा छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश राजस्थान के चुनाव के परिणाम के बाद ही आगे की स्थिति समझ में आएगी उनके परिणाम क्या होते हैं इस प्रकार छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश एवं राजस्थान का चुनाव तेलंगाना का चुनाव फाइनल ओपिनियन लोकसभा के लिए आएगा उससे पहले गठबंधन होने के संकेत मुश्किल दिखाई दे रहे हैं,

जिस प्रकार आम आदमी पार्टी छत्तीसगढ़ राजस्थान मध्य प्रदेश में चुनावी तैयारी कर चुकी है वह पीछे हटने की स्थिति में नहीं दिखाई दे रही है इस कारण यह इन राज्यों के परिणाम से ही आगे की स्थिति गठबंधन की स्थिति से पूरे देश की नज़र है, इन राज्यों में कांग्रेस की चुनावी स्थिति आने वाला गठबंधन की फैसला कर सकती है हालांकि मुंबई में फिर से बैठक होना है, कांग्रेस नेता ने दिल्ली अध्यादेश पर आम आदमी पार्टी का समर्थन को सैद्धांतिक बताया, अब आने वाला समय में ही क्या राजनीतिक स्थिति है समझ में आएगी,।

  • 19 अगस्त को दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक छत्तीसगढ़ आ रहे हैं उनके अब भाषण पर सबकी नजर है क्या तल्ख टिप्पणियां करती है कांग्रेस के ऊपर,

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