क्या वही देश में राज़ करेगा,जो कर्मचारियों के लिए काम करेगा,?

इलेक्शन विशेषज्ञ गोल्डन कुमार:-लोकतंत्र में एक भिखारी क्यों ना हो और बड़ा सा बड़ा कर्मचारी अधिकारी क्यों ना हो उनका वोटो का गिनती एक ही होता है, सरकारी कर्मचारी का आयु 30 साल होता है और सरकार का आयु 5 साल होता है यानी 5 साल के बाद आप बदल गई सकते हैं,। आप सरकारी कर्मचारियों पर भरोसा कैसे कर सकते हैं, आप भले सरकार में रहे या ना रहे उनका तो रहना है उनका तो फिक्स है, देश में छठा सातवां वेतन आयोग लागू हो गया लेकिन किसानों के लिए मजदूरों के लिए स्वामीनाथन कमीशन का सिफारिश लागू नहीं हुआ यह बड़ा दुख की बात है, आखिर क्यों, सरकारी कर्मचारी देखें तो शनिवार और रविवार को छुट्टी देखें तो मुश्किल से महीना में 22 दिन काम करना होता है और उनका भुगतान पूरे 30 दिन का हिसाब से मिलता है, जनता का टैक्स का पैसा एवं बजट का बहुत सा हिस्सा सेवा कार्य में चला जाता है, सामाजिक समानता होना मुश्किल है यानी जो सरकारी नौकरी में है उनका स्थिति अलग और जो सरकारी नौकरी में नहीं है उनका स्थिति अलग काफी असामान्य है सामान्य बिल्कुल नहीं, उनका भी एक वोट का गिनती होता है जो प्राइवेट नौकरी करते हैं ठेकेदार के अंतर्गत आउटसोर्सिंग में नौकरी करते हैं, जो किसान है मजदूर है, आप सरकारी कर्मचारी एवं संविदा कर्मचारी दैनिक वेतन भोगी का वेतन में कितना अंतर है वेतन विसंगति है आप खुद देख सकते हैं, सरकारी कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम लागू (OPS) किया जा रहा है, hr एवं महंगाई भत्ता वृद्धि किया जाता है, लेकिन इसका बोझ आम जनता पर पड़ता है यानी सब पर पड़ता है, फायदा कुछ ही लोगों को मिलता है,। छत्तीसगढ़ से देखें तो भूपेश बघेल सरकार ने कर्मचारियों को शनिवार अवकाश घोषित किया एवं कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम एवं महंगाई भत्ता में वृद्धि किया क्या चुनाव में उनको फिर सबसे सपोर्ट मिलेगा,, लेकिन बहुत बड़ा वर्ग है भूमिहीन किसान है मजदूर हैं ऐसे वर्ग है जो ठेके पर बड़े किसानों की खेती करते हैं क्या उनको किसान संबंधी योजना का लाभ मिल रहा है, क्या ऐसे लोग हैं जो निजी क्षेत्र में नौकरी करते हैं प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करते हैं, भूपेश बघेल सरकार भूमिहीन के लिए सालाना 7000 दे रही है क्या भूमिहीन का सपोर्ट मिलेगा , लेकिन तुलना करें तो सरकारी कर्मचारी का एक हफ्ता का वेतन के बराबर है जिसको सरकार छत्तीसगढ़ सरकार मजदूरों को 1 साल में दे रही है कितना अंतर है, संविधान में समानता का अधिकार है तो ऐसे में कहां समानता हो सकता है यह तो भेदभाव है, आजादी के बाद अब तक देखें तो सरकार की पॉलिसी यही है और उन्हीं की पॉलिसी यही हो रहा है जो अमीर है और अमीर हो रहे हैं जो गरीब है गरीबी की स्थिति में है कोई विकास नहीं है, आत्मनिर्भर नहीं है सरकार के राशन के भरोसे चल रहे हैं, इसलिए तो कहते हैं गरीबी रेखा के नीचे एक और रेखा शासन ने उसे कभी नहीं देखा ,??

guruglobal

Learn More →

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You May Have Missed!

0 Minutes
छत्तीसगढ़ ब्रेकिंग-न्यूज राजनीति लोकसभा चुनाव विधानसभा चुनाव शिक्षा
बीजेपी छत्तीसगढ़ में 36 सिंटे भी जीत गई तो भी सरकार बना लेगी?
0 Minutes
History International खेल दुनिया ब्रेकिंग-न्यूज शिक्षा
सूर्य कुमार शर्मा ,शुक्ला चतुर्वेदी,होता तो अभी मीडिया का क्रिकेट का सुपरस्टार होता।
0 Minutes
छत्तीसगढ़ ब्रेकिंग-न्यूज राजनीति लोकसभा चुनाव विधानसभा चुनाव शिक्षा
छत्तीसगढ़ में भाजपा और कांग्रेस के बीच 36-36 का मुकाबला रहा ! परिणाम 3 दिसंबर कौन होगा सत्ता का सिकंदर?
0 Minutes
गरियाबंद छत्तीसगढ़ छुरा ज़िला गरियाबंद ब्रेकिंग-न्यूज राजनीति
चावल कोटा आवंटित करने में और खपत करने में कहां पर होता है झोल_झाल!