विकासखंड छुरा अंतर्गत जिला गरियाबंद ग्राम जरगांव का प्राथमिक शाला है, इस स्कूल का रिपेयरिंग का काम अप्रैल में शुरू हुआ, लेकिन मई जून-जुलाई बीतने को है, लेकिन अभी तक इनका कार्य पूर्ण नहीं हुआ, 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस झंडा कहां पर फहराएंगे, सवाल उठ रहा है, यहां के पढ़ने वाले बच्चे ग्राम पंचायत के बगल में महिला संगठन समूह के भवन में सभी बच्चों को एक ही कमरे में पढ़ाई हो रही है, यानी पहली से पांचवी तक के बच्चों की पढ़ाई एक ही कमरे में, सरकारी नियम है टेंडर निकलने में तय अवधि में कार्य पूरा करना होता है और कार्य पूरा नहीं करे तो संबंधित ठेकेदार को नोटिस एवं पेनल्टी तक लेते हैं, क्या संबंधित ठेकेदार को नोटिस दिया गया है,? अभी तक तो कार्य कंप्लीट नहीं हुआ है पेनल्टी लिया गया है, अगर पेनल्टी नहीं लिया गया है? तो पेनेल्टी किसके जेब में जा रहा है, पेनल्टी संबंधित एसडीएम कार्यालय में जमा करना होता है सरकारी ट्रेजरी में जमा करना होता है क्या है वह हो रहा है, सरकारी ठेका किसी और को मिलता है काम कोई और करता है यही चीज बस देखने को मिलता है, लेकिन कार्य करने की जिम्मेदारी स्वयं अपने कर्तव्य को कोई नहीं समझते,?
- अविभाजित मध्यप्रदेश के समय यह स्कूल खपड़ा का था,,, जब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह थे,
- फिर छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद यह छत में तब्दील हुआ,
- फिर cmभूपेश बघेल के कार्यकाल में फिर इस छत को टोड़ करके पुनः निर्माण का ठेका दे दिए,
- मुख्य पॉइंट की बात यह है कि 23 साल में यह छत दो बार रिपेयरिंग हो गया आने वाला समय में फिंर पुनः निर्माण का ठेका मिल सकता है?